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हंगामे की भेंट चढ़ा और एक संसद सत्र!

हंगामे की भेंट चढ़ा और एक संसद सत्र!  ऐ बाबू , अब जनता जनार्दन द्वारा मतदान से ज़वाब देने की …


हंगामे की भेंट चढ़ा और एक संसद सत्र! 

हंगामे की भेंट चढ़ा और एक संसद सत्र!
ऐ बाबू , अब जनता जनार्दन द्वारा मतदान से ज़वाब देने की बारी है 

बज़ट सत्र 2023 के दोनों चरणों में पक्ष का आक्रमक रवैया शायद इतिहास में पहली बार देखने को मिला – एडवोकेट किशन भावनानी

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर भारतीय लोकतंत्र को सबसे बड़ा और सटीक लोकतंत्र माना जाता है, जिसकी मिसाल अनेक मंचों पर भी दी जाती है। परंतु पिछले कुछ वर्षों से हम टीवी चैनलों पर लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से देख रहे हैं कि हम मतदाताओं द्वारा चुनकर संसद में भेजे गए हमारे प्रतिनिधियों द्वारा किस तरह कामकाज और व्यवहार किया जाता है कि किस तरह सिर्फ पार्टी के हितों को ध्यान में रखा जाता है, किस तरह वकआउट और हंगामा किया जाता है, किस तरफ सरकार में बैठकर भी आक्रामक रवैया अपनाया जाता है, किस तरह जनता के हितों कोदरकिनार कर दिया जाता है वगैरह वगैरह अनेकों सवालों का जवाब हमने लाइव टेलीकास्ट बजट संसद सत्र के 31 जनवरी से 6 अप्रैल 2023 तक दोनों चरणों में देखा और हमें अपने स्कूल के दिनों की याद आ गई कि, हम क्लास में कैसे हंगामा करते थे। परंतु ध्यान देने योग्य बात तो यह है कि हमें टीचर का बहुत डर रहता था, उनके आने पर सिट्टी पिट्टी गुम हो जाती थी। बुत बनकर बेंच पर बैठे रहते थे परंतु यह क्या? बजट सत्र सहित पिछले कई सत्रों में हमने देखा है कि सभापति/अध्यक्ष रूपी टीचर के सामने हमारे प्रतिनिधि रूपी छात्र हंगामा करते, नारे लगाते, पन्ने फाड़ते, धूम मचाते, लड़ाई झगड़े करते हुए देखे गए तो, हम सोचने पर मज़बूर हो गए हैं कि इन प्रतिनिधि रूपी बच्चों की शरारतें, हरकतें तो हमारे बचपन के स्कूल से कई गुना अधिक है और सभापति/अध्यक्ष रूपी टीचर का कोई डर भी नहीं है। इस बजट सत्र 2023 में लोकसभा की उत्पादकता लगभग 34 फ़ीसदी और राज्यसभा की लगभग 24 फ़ीसदी रही याने दोनों में हम बच्चों की परीक्षा के पासिंग पैमाने 35 फ़ीसदी से भी कम हुए। इसका मतलब हम बच्चों के कंपैरिजन में हमारे प्रतिनिधि पूरी तरह फेल हुए हैं, जिनका ज़वाबी रिज़ल्ट हम मतदाता सहित आम जनता, जनता जनार्दन 2023 में आने वाले कुछ राज्यों के चुनाव और 2024 के आम चुनाव में देगी जिसके कारण 2023 का बजट सत्र हंगामे की भेंट चढ़ा! इसलिए आज हम पीआईबी और मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, ऐ बाबू , अब जनता जनार्दन के मतदान से जवाब देने की बारी है। 

साथियों बात अगर आम बजट सत्र 2023 की करें तो, 31 जनवरी 2023 को शुरू हुआ संसद का बजट सत्र आज यानी 6 अप्रैल 2022 (गुरुवार) को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। बजट सत्र के बारे में बोलते हुए, केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री, ने कहा कि बजट सत्र 2023 में कुल 25 बैठकें हुईं। राज्य सभा और लोकसभा 13 फरवरी 2023 से 12 मार्च तक अवकाश के लिए स्थगित किया गए थे औरसोमवार यानी 13 मार्च, 2023 को फिर से दोनों सदन की कार्रवाई शुरू हुई ताकि विभागीय स्थायी समितियां विभिन्न मंत्रालयों/विभागों से अनुदान से जुड़ी मांगों की जांच और रिपोर्ट कर सकें। वर्ष का पहला सत्र होने के नाते, राष्ट्रपति ने 31 जनवरी, 2023 को संविधान के अनुच्छेद 87(1) के तहत संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया था। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया था और इसका भी किया गया था। इस प्रक्रिया के लिएलोकसभा के आवंटित 12 घंटों के मुकाबले 13 घंटे 44 मिनट लगे।राज्यसभा में भी इसे पेश किया। इस मद ने 12 घंटे के आवंटित समय के मुकाबले 12 घंटे 42 मिनट के लिए राज्य सभा को व्यस्त रखा। सत्र के पहले भाग के दौरान दोनों सदनों द्वारा माननीय पीएम के उत्तर के बाद धन्यवाद प्रस्तावों पर चर्चा की गई और उन्हें स्वीकार किया गया। लोक सभा के 143 सदस्यों और राज्य सभा के 48 सदस्यों ने इस विषय पर चर्चा में भाग लिया। बताया गया कि 2023-24 का केंद्रीय बजट बुधवार, 1 फरवरी, 2023 को पेश किया गया। सत्र के पहले भाग में दोनों सदनों में केंद्रीय बजट पर आम चर्चा हुई। इसने लोकसभा को 12 घंटे के आवंटित समय के मुकाबले 14 घंटे 45 मिनट और राज्य सभा को 12 घंटे के आवंटित समय के मुकाबले 2 घंटे 21 मिनट का समय दिया। लोकसभा में 145 सदस्यों और राज्यसभा में 12 सदस्यों ने इस विषय पर चर्चा में भाग लिया। अलग-अलग मंत्रालयों जैसे रेलवे, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, जनजातीय मामले, पर्यटन, संस्कृति और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अनुदान मांगों को लोकसभा में लगातार व्यवधान के कारण नहीं लिया जा सका। 

साथियों बात अगर हम पक्ष विपक्ष के हंगामे के कारणों की करें तो, पक्ष का मुद्दा विपक्ष के युवा नेता से विदेश में दिए गए बयानों पर माफी मांगने और विपक्ष का मुद्दा उद्योगपति से संबंधित रिसर्च रिपोर्ट पर उनकी जेपीसी बैठाने की मांग थी जिसे दोनों पक्षों ने अलग-अलग बयान इस प्रकार हैं। प्रमुख विपक्षी पार्टी के नेता ने कहा कि पूरी रूलिंग पार्ट और सरकार लोकतंत्र को खत्म करने का काम कर रही है। पूरे सत्र में वे बस उद्योगपति को बचाने में लगे थे। उन्होंने कहा कि हम बस जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं। वे इस पर बात तक नहीं कर रहे हैं। हम इस मुद्दे को जनता के बीच लेकर जाएंगे। बजट सत्र का दूसरा हिस्सा हालांकि विपक्ष की उद्योगपति समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग और लोकतंत्र को लेकर लंदन में युवा नेता द्वारा की गई एक टिप्पणी पर सत्ता पक्ष द्वारा पूर्व अध्यक्ष से माफी मांगने पर जोर देने के कारण हुए हंगामे की भेंट चढ़ गया। प्रमुख विपक्षी पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने इस बजट को चर्चा में नहीं लाने का पूरा प्रयास किया। सरकार लोकतंत्र की बहुत बातें कहती है लेकिन जो कहती है उसके तहत चलती नहीं हैं। 50 लाख करोड़ का बजट केवल 12 मिनट में पास किया गया है। वे हमेशा कहते रहे कि विपक्ष कोदिलचस्पी नहीं है लेकिन विघ्न तो सरकार की तरफ से हुआ है, आगे कहा कि सरकार ने इस बजट को चर्चा में नहीं लाने का पूरा प्रयासकिया। सरकार लोकतंत्र की बहुत बातें कहती है लेकिन जो कहती है उसके तहत चलती नहीं हैं, आगे कहा कि लोकतंत्र में लोकतांत्रिक तरीके से लड़ना हमारा काम है। सरकार अगर नहीं मानती है तो ये हठधर्मी है। सरकार को हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए, प्रतिक्रिया देनी चाहिए। अगर आप लोकतंत्र को जिंदा रखना चाहते हैं तो विपक्ष की भी बात सुननी चाहिए। आगे कहा कि युवा नेता को संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया है फिर भी वे माफी की मांग कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि वे विपक्ष को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि पक्ष ने विपक्ष पर संसद नहीं चलने देने का आरोप लगाया है। 

साथियों बात अगर हम, 17 वीं लोक सभा के 11वें सत्र और राज्यसभा के 259वें सत्र के दौरान विधायी कामकाज (बजट सत्र, 2023) को लोक सभा में पेश किए गए विधेयकों, लोक सभा द्वारा पारित विधेयकों, राज्य सभा द्वारा पारित/वापसी किए गए विधेयकों, दोनों सदनों द्वारा पारित/वापस किए गए विधेयकों की सूची की करें तो, I- लोक सभा में पेश किए गए विधेयक (1)वित्त विधेयक, 2023 (2)अंतर-सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 (3)जम्मू और कश्मीर विनियोग विधेयक, 2023 (4) जम्मू और कश्मीर विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2023 (5) विनियोग (नंबर 2) बिल, 2023 (6) विनियोग विधेयक, 2023(7)वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023 (8) कोस्टल एक्वाकल्चर अथॉरिटी (संशोधन) बिल, 2023 II- लोक सभा द्वारा पारित विधेयक (1)वित्त विधेयक, 2023 (2) जम्मू और कश्मीर विनियोग विधेयक, 2023 (3) जम्मू और कश्मीर विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2023(4)विनियोग (नंबर 2) बिल, 2023 (5) विनियोग विधेयक,2023 (6) प्रतियोगिता (संशोधन) विधेयक, 2023 III – राज्य सभा द्वारा पारित/लौटाए गए विधेयक (1) वित्त विधेयक 2023(2)जम्मू और कश्मीर विनियोग विधेयक, 2023 (3) जम्मू और कश्मीर विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2023 (4) विनियोग (नंबर 2) बिल, 2023 (5) विनियोग विधेयक, 2023 (6) प्रतियोगिता (संशोधन) विधेयक, 2023 IV – संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित/लौटाए गए विधेयक (1) वित्त विधेयक, 2023(2)जम्मू और कश्मीर विनियोग विधेयक, 2023(3)जम्मू और कश्मीर विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2023(4)विनियोग (नंबर 2) बिल, 2023(5)विनियोग विधेयक, 2023(6)प्रतियोगिता (संशोधन) विधेयक, 2023। 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि हंगामे की भेंट चढ़ा और एक संसद सत्र!ऐ बाबू , अब जनता जनार्दन द्वारा मतदान से ज़वाब देने की बारी है।बज़ट सत्र 2023 के दोनों चरणों में पक्ष का आक्रमक रवैया शायद इतिहास में पहली बार देखने को मिला हैं।

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कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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