Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel
स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह

lekh, Nandkishor shah

स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह

स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह तीरंदाज एक बार में एक ही लक्ष्य पर निशाना साधता है। गोली चलाने वाला एक …


स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह

तीरंदाज एक बार में एक ही लक्ष्य पर निशाना साधता है। गोली चलाने वाला एक समय में एक ही लक्ष्य पर निशाना लगाता है। इसी तरह आपको भी एक समय में एक ही लक्ष्य रखना चाहिए। याद रखें, मानव मस्तिष्क मल्टी टास्किंग के लिए नहीं बना है। यह एक समय में एक ही विचार सोच सकता है। इसलिए लक्ष्य तय करें और एक समय में एक लक्ष्य पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करें। लक्ष्य पर आपकी एकाग्रता निशानेबाज जैसी होनी चाहिए।
अगर आप जीवन में मनचाहे प्रगति नहीं कर पा रहे हैं, जिसे करने में आप सक्षम है तो समस्या सिर्फ यह है कि आपका लक्ष्य स्पष्ट नहीं है। हम सफलता तो हासिल करना चाहते हैं लेकिन लक्ष्य तय नहीं करते। इतना ही नहीं, हम हमेशा विफलता के बारे में भी सोचते हैं। यह तो एक ही बर्तन में दूध और खटाई रखने जैसी बात है। अत: एक लक्ष्य चुन लें और सकारात्मक विचारों के साथ उससे चिपके रहे। लक्ष्य हासिल करने के लिए, लक्ष्य की समीक्षा एक दिन में दो बार करें। जिस तरह ब्लूप्रिंट या नक्शे के हिसाब से हूबहू वैसा ही मकान बन जाता है, उसी तरह आपके मन की काल्पनिक तस्वीर के ब्लूप्रिंट के हिसाब से वह चीज आपके जीवन में भी आ जाती है।
प्रकृति ने सभी जीवों के पास कोई न कोई लाभ, चालाकी, पंजे, छल, ज़हर, गति या अन्य कोई चीज़ होती है, जिससे उन्हें बचे रहने में मदद मिलती है। ईश्वर ने हमें एक मस्तिष्क दिया है और यह हमें बचाने वाली एकमात्र चीज़ है। इसलिए अपने मस्तिष्क का इस्तेमाल करना हमारा कर्तव्य है। मनुष्य के दिमाग में दो घोड़े दौड़ते हैं, एक नकारात्मक, दूसरा सकारात्मक। जिसको ज्यादा खुराक दी जाए, वही जीतता है। थोड़ी-सी सकारात्मक सोच से सकारात्मक परिणाम नहीं मिलते। आपके पास दीर्घकालिक लक्ष्य होने चाहिए ताकि आप अल्पकालिक असफलता से कुंठित नहीं हो। संकल्प हमें नई शक्ति देता है। जब हमारे लक्ष्य आत्मरक्षा, भोजन और काम आदि हो तो हमारा दिमाग उन्हें तत्परता से पूरा करता है, लेकिन जब हमारे लक्ष्य इन लक्ष्यों के अनुरूप नहीं होते, तो यह उन्हें पूरा करने में लापरवाही करता है।
हमारे पास दिन भर में केवल निश्चित मात्रा में ही ऊर्जा होती है। लक्ष्य हमारी ऊर्जा को एकाग्र कर देते हैं। चाहे हमारे साथ कुछ भी हो- बीमारी, ग़रीबी या दुर्घटना, हम कभी अपने लक्ष्य से नज़र नहीं हटाऐ। हम अपने पास मौजूद ऊर्जा को केंद्रित करके इसका अधिकतम लाभ ले सकते हैं। जोश के बिना लक्ष्य हासिल करने में सफलता नहीं मिलती, क्योंकि जोश आपको कर्म करने की प्रेरणा देता है और प्रेरणा सफलता की आवश्यक शर्त है।
इसके अलावा, जब हम दूसरों को लक्ष्य बताते हैं, तो वे उन्हें हासिल करने में हमारा समर्थन कर सकते हैं। क्योंकि हम सभी दूसरों की नज़रों में गिरने से बचने और अपने अहं को बरकरार रखने की कोशिश करते हैं। सार्वजनिक घोषणा दरअसल ख़ुद पर सामाजिक दबाव डालकर, खुद को प्रेरित करने की नीति है। छोटी मानसिकता या नकारात्मक सोच वाले लोगों को अपना लक्ष्य हर्गिज़ नहीं बताएँ। वे आपकी हँसी उड़ाएँगे, आलोचना करेंगे और आपका आत्मविश्वास कम करने की कोशिश करेंगे। चाहे जिस पर भी शंका करें। बस कभी खुद पर शंका नहीं करें।एकलक्ष्यवाद काफ़ी हद तक हनीमून जैसा होता है। आप बाकी गतिविधियां भी करते हैं, लेकिन आपका ध्यान एक ही चीज़ पर केंद्रित रहता है। अत: स्पष्ट लक्ष्य ही सफलता की उत्कृष्ट राह है।

About author 

डॉ. नन्दकिशोर साह
 

डॉ. नन्दकिशोर साह
ईमेल- nandkishorsah59@gmail.com


Related Posts

Badalta parivesh, paryavaran aur uska mahatav

September 9, 2021

बदलता परिवेश पर्यावरण एवं उसका महत्व हमारा परिवेश बढ़ती जनसंख्या और हो रहे विकास के कारण हमारे आसपास के परिवेश

Jungle, vastavikta he jiski khoobsurati hai

September 9, 2021

 Jungle, vastavikta he jiski khoobsurati hai जंगल स्वतंत्रता का एक अद्वितीय उदाहरण है, जहां कोई नियम नहीं , जिसकी पहली

covid 19 ek vaishvik mahamaari

September 9, 2021

 Covid 19 एक वैश्विक महामारी  आज हम एक ऐसी वैश्विक आपदा की बात कर रहे है जिसने पूरे विश्व में

avsaad se kaise bahar aaye ?

September 9, 2021

avsaad se kaise bahar aaye ?|अवसाद से बाहर कैसे निकले? अवसाद आज के समय की एक गंभीर समस्या है, जिससे

Slow Zindagi

September 9, 2021

Slow Zindagi दोस्तों आज हम आपके लिए लाए है एक खूबसूरत लेख Slow Zindagi . तो पढिए इस खूबसूरत लेख Slow

Vicharo me Uljha Khud Ko Talashta Mai

September 9, 2021

Vicharo  me Uljha Khud Ko Talashta Mai |विचारों में उलझा खुद को तलाशता मैं  मैं आज 25 वर्ष का हो

Leave a Comment