सुनो दिकु…..
तुम हो तो जीवन की खूबसूरती है
तुम हो तो सांसो में ताजगी है
तुम्हारे बिना हर महफ़िल अधूरी
तुम हो तो अंधेरों में भी रोशनी है
ना कोई तत्व मिटा सका तुम्हारी यादों को
ना कोई समां भुला सका तुम्हारी बातों को
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिये
सुनो दिकु….. तुम हो तो जीवन की खूबसूरती हैतुम हो तो सांसो में ताजगी है तुम्हारे बिना हर महफ़िल अधूरीतुम …
तुम हो तो जीवन की खूबसूरती है
तुम हो तो सांसो में ताजगी है
तुम्हारे बिना हर महफ़िल अधूरी
तुम हो तो अंधेरों में भी रोशनी है
ना कोई तत्व मिटा सका तुम्हारी यादों को
ना कोई समां भुला सका तुम्हारी बातों को
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिये
March 5, 2021
Tum ho meri mohabat rahogi meri बारिशों के बूँद सा टपकता रहातुम भी रोती रही मैं भी रोता रहाप्यार तुझको
February 14, 2021
poem जब से तुझ से जुड़ा फूल सा खिल गया सूखे मधुबन में जैसे कँवल खिल गया अकेले पन में
February 8, 2021
कविता जब देखता हूं जिधर देखता हूं दिख जाती हो मोटे मोटे किताबों के काले काले शब्दों में दिख जाती
February 8, 2021
ग़ज़ल हर वादे पर आशा किया ना करो पराधीन होकर जिया ना करो लगी है