सुनो दिकु…..
तुम हो तो जीवन की खूबसूरती है
तुम हो तो सांसो में ताजगी है
तुम्हारे बिना हर महफ़िल अधूरी
तुम हो तो अंधेरों में भी रोशनी है
ना कोई तत्व मिटा सका तुम्हारी यादों को
ना कोई समां भुला सका तुम्हारी बातों को
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिये
सुनो दिकु….. तुम हो तो जीवन की खूबसूरती हैतुम हो तो सांसो में ताजगी है तुम्हारे बिना हर महफ़िल अधूरीतुम …
तुम हो तो जीवन की खूबसूरती है
तुम हो तो सांसो में ताजगी है
तुम्हारे बिना हर महफ़िल अधूरी
तुम हो तो अंधेरों में भी रोशनी है
ना कोई तत्व मिटा सका तुम्हारी यादों को
ना कोई समां भुला सका तुम्हारी बातों को
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिये
May 31, 2021
पुराने पन्ने चलो पुराने पन्नों को पलटाये,फिर उन पन्नों को सी लेते हैं।उसमें दबे अरमानो में से ही,कुछ अरमान जीवन्त
May 31, 2021
शहर. मैं शहर हूँ बस्तियों की परिधि में बसा मजबूर मजलूम पलायित नि:सरित श्रम स्वेद निर्मित अभिलाषा लिए अतीत का
May 31, 2021
मेरी कविताओं में… मेरी कविताओं में है… तुमसे जो मिली थी पहली नजर और उसके बाद निहार पाया तुम्हें जितना
May 31, 2021
ग़ज़ल – क्या करू मै तुम कहो तो अश्क आंखो से गिराऊं क्या बैठकर मै पास हाले दिल सुनाऊं क्या
May 31, 2021
कविता – धैर्य न खोना तुम आँसू से मुँह न धोना तुम। जीवन में धैर्य न खोना तुम।हर दिन सपने
May 31, 2021
कविता – समय बुरे समय में साथ छोड़ने का बहाना ढूंढने वाले और साथ निभाने का बहाना ढूंढने वाले