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सावधान ! शिकारी घात लगाए बैठे

सावधान ! शिकारी घात लगाए बैठे उफ़्फ ये कैसी विडम्बना है , हर तरफ़ खौंफ के साए के काले बादल …


सावधान ! शिकारी घात लगाए बैठे

सावधान ! शिकारी घात लगाए बैठे

उफ़्फ ये कैसी विडम्बना है , हर तरफ़ खौंफ के साए के काले बादल मंडरा रहे हैं , हर पल भयभीत करते ये बादल कब बिजली की रफ़्तार से वार कर अपना शिकार किसी को बना बैठे कुछ कह नहीं सकते ‌। कब , कौन , कहां किस शहर मे इसकी चपेट मे आकर अपना सर्वोसर लुटवा दे कोई नहीं जानता । तो आइये आज बात करते हैं उन शिकारियों की जिनका काम है सिर्फ सोशल मीडिया पर सदैव आनलाईन रहकर शिकार ढूंढ़ने का । बस बाज कि तरह आंखें गड़ाए बैठे बिना पलकें झपके , जैसे ही मिला शिकार की फट से झपटा मार लेते एसे बाज़ ऐसे बाजों के शिकार में कोई भी फस सकता है , बुढ़ा , जवान , नवयुवा या बच्चा भी , वह बच्चा जो आनलाईन रहते या कह लें कि जो बच्चे ज्यादा मोबाईल पर रहते सोशल मीडिया के शौकिन । अब यह जानते हैं की ऐसे शिकारियों के शिकार मे लोग कैसे फंसते हैं ? तो इस सवाल का उत्तर है लालच । जी हां लालच वही चीज़ है जो आज के युग से नहीं युगों-युगों से लोगों को घेरे रहती और ना जाने कितने इस लालच के वशीभूत हो अपनी इज्जत के साथ-साथ अपनी जमा पूंजी , जायदाद , शौहरत सब कुछ लुटवा बैठते हैं । इसे सोशल मीडिया पर हाथ लगाए हुए शिकारी इतनी ही सफाई से अपनी बात रखते हैं कि उनके झांसे में कोई भी फस जाता है । जैसे मान लीजिए कि , वह कह देते हैं कि आपको इस तरह का बंपर इनाम मिला है , क्या फलानी नामचीन कंपनी ने यह लिंक बनाइए कंपनी के 1 साल पूरे होने पर आपको उपहार दिया जा रहा है । आप इस लिंक के माध्यम से कंपनी का माल इनाम के तौर पर पा सकते हैं वह भी बिल्कुल मुफ्त । या ऐसे विभिन्न प्रकार की लिंक बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर देते हैं और लोग लालच के वशीभूत होकर उस लिंक को टच करने के बाद जैसा-जैसा कहा जाता है वैसा-वैसा करते जाते हैं । हाल ही में फेसबुक पर भी एक विज्ञापन दिया गया था जिसके अंतर्गत जानी मानी भारत देश की ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी के ऑफर दिए गए थे मान लीजिए उस ऑफर के अंतर्गत ₹600 की चीज मात्र ₹300 में मिल रही थी जिसके लिए हमें दी गई लिंक पर जाकर अपना विवरण भरने के बाद उस चीज को ऑनलाइन घर बैठे मंगवाना था । मेरे पास दी गई जानी-मानी ऑनलाइन कंपनी का फोन नंबर था । इसलिए मैंने सबसे पहले उनसे संपर्क किया और मैंने पूछा कि आपने फेसबुक पर इस तरह का कोई विज्ञापन दिया है ? या इस तरह का कोई ऑफर आपकी कंपनी के द्वारा निकाला गया है ? कंपनी के कार्यकर्ता ने बताया कि हमारी कंपनी के द्वारा ऐसा कोई भी ऑफर नहीं दिया गया है और ना ही कोई ऐसी स्कीम चल रही है । जिसमें आपको ₹600 की चीज ₹300 में दी जाए यह कोई फ्रॉड होगा , आप हमारी कंपनी के नाम से दी गई किसी भी लिंक को क्लिक करके अपना विवरण नहीं दीजिएगा और मैंने सतर्कता दिखाते हुए दिए गए विज्ञापन नजरअंदाज कर दिया । खैर मैंने तो यहां पर सतर्कता दिखाते हुए सावधान रहना ही बेहतर समझा , परंतु कुछ लोग ऐसे होते हैं जो लालच के वशीभूत होकर इस तरह की दी गई लिंक को टच कर अपना विवरण दे देते हैं और उसके जरिए यही होता है कि उनके खाते की राशि पूरी की पूरी उड़ चुकी होती है । जाने वह किस तरह सोशल मीडिया का उपयोग करके कैसे आपके खाते की राशि अपने खाते में चुपचाप से बेईमानी से अपने खाते में ट्रांसफर करवा देते हैं और हम लोग पहचान ही नहीं पाते हैं । जब हमारे पास बैंक के द्वारा सूचना आती है कि आपके खाते से पूरी की पूरी राशि निकाली जा चुकी है तब हम ठगे के खड़े रह जाते हैं कि यह कैसे हो गया , जब इस बात पर गहनता से विचार किया जाता है सब समझ में आता है कि किस तरह लालच के चक्कर में उलझ कर हम अपनी जमा पूंजी डूबा चुके हैं ऐसे लोगों को ढूंढने के लिए पुलिस जाल भी बिछाती है परंतु ऐसे लोगों की पहुंच तक पहुंच पाना बहुत ही मुश्किल होता है इसलिए समय-समय पर हमें समाचार द्वारा , दूरदर्शन द्वारा , विज्ञापनों द्वारा , अखबारों द्वारा बार-बार सूचित किया जाता है समझाया जाता है कि यदि किसी भी प्रकार की लिंक कहीं पर भी दी गई हो तो आप उस से सावधान रहें आप उसे टच न करें , यदि विज्ञापन के बाद भी लोग गलतियां करते हैं तो ऐसे लोगों को समझाना व्यर्थ ही है जो अपनी मनमानी करते हुए सब लुटा तो देते हैं और आखरी में खाली हाथ बस अपना माथा पीटते रहते हैं । अपनी सावधानी अपने ही हाथ में है इसलिए सावधान रहें सतर्क रहें ऐसे लोग घात लगाए हुए आपके आसपास भी हो सकते हैं , सोशल मीडिया पर भी हो सकते हैं , आपके अपनों के बीच में भी हो सकते हैं इसलिए अपने घर के बच्चों पर भी नजर रखें कि वह मोबाइल में क्या कर रहे हैं कहीं कोई किसी भी प्रकार की लिंक को वह टच न करें ये बात समय-समय पर उन्हें समझाते रहे । ध्यान रखें हम जिन्हें अपना शुभचिंतक समझ दोस्त सबसे करीबी समझते हैं वो भी हमें किसी ना किसी तरीके से वशीभूत कर ठगते रहते हैं और ऐसे मित्रों के झॉंसे में सबसे अधिक फंसती हैं वो महिलाएं जिनके परिवार में अलगाव रहता ऐसे ठग उस महिला को अपने कंधे का सहारा दे शुभचिंतक बताते और लूटते रहते और वो महिला समझ ना पाती ऐसे ठग बहुत शातिराना तरीके से बातों में फसा उसके एटीएम , डेबिट कार्ड सभी का इस्तेमाल भी कर लेते हाल ही मे एक केस के अंतर्गत यही पाया गया कि फलानी औरत का शुभचिंतक बन उसका मित्र ही उसके खाते का इस्तेमाल कर अवैध कार्य करा जिसके चलते वो महिला निर्दोष होने के बावजूद भी फस गई । इसलिए शातिर ठग सिर्फ आनलाइन ही नहीं बल्कि हमारे करीबियों मे भी मौजूद बैठें हैं । जो ठगते चले जाते सफ़ाई से इसलिए अपने बैंक के डेबिट क्रेडिट कार्ड आधार पेन कार्ड वगैरह वगैरह सिर्फ अपने परिवार के सदस्यों के अलावा किसी को ना दें वरना ऐसे ठगों के चक्कर में आप खुद की लुटिया डूबो लेंगी ।

About author

Veena advani
वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्र

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