Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel
श्रमिक | kavita -shramik

kanchan chauhan, poem

श्रमिक | kavita -shramik

एक मई को जाना जाता,श्रमिक दिवस के नाम से श्रमिक अपना अधिकारसुरक्षित करना चाहते हैं ,इस दिन की पहचान से।कितनी मांगे रखते श्रमिक,अपनी- अपनी सरकार से।


श्रमिक

एक मई को जाना जाता,
श्रमिक दिवस के नाम से।
श्रमिक अपना अधिकार
सुरक्षित करना चाहते हैं ,
इस दिन की पहचान से।
कितनी मांगे रखते श्रमिक,
अपनी- अपनी सरकार से।
हाड़ तोड़ मेहनत के बदले,
चंद रुपयों के नाम पर।
दिन भर मेहनत करता श्रमिक,
रात भर दर्द से कराहता है।
दर्द की पीड़ा से कराहता श्रमिक,
चैन से सो भी नहीं पाता है।

दर्द से राहत पाने को वह,
नशे की राह अपनाता है।
नशे की राह पर चल कर श्रमिक,
सब कुछ भूल ही जाता है।
कलह-क्लेश, गरीबी, लाचारी,
इन सब में फंसकर रह जाता है।
जीवन को जीना खुद भी भूला,
साथ ही अपनों का जीवन भी,
वह नशे की भेंट चढ़ाता है।
श्रमिक की इस तकलीफ़ को,
कोई भी समझ नहीं पाता है।
हाड़ तोड़ मेहनत के बदले,
वह नशे का रोग लगाता है।
चंद रुपयों के बदले श्रमिक,
जीवन का दांव लगाता है।

About author

कंचन चौहान,बीकानेर

Related Posts

kavita-vo vyakti pita kahlata hai chanchal krishnavanshi

May 31, 2021

वो व्यक्ति पिता कहलाता है! ख़ुद के सुख को कर न्योछावर बच्चों पर खुशियां लुटाता है बार बार संतान जो

kavita Roti mosam khan alwar rajasthan

May 30, 2021

  कविता -रोटी                                         

kavita – Gyani abhimani mosam khan alwar

May 30, 2021

      अज्ञानी अभिमानी सबसे  अच्छा है तू इंसान , सबसे ज्यादा  है तेरा सम्मान,, पल भर की ये तेरी

Kavita – Maa -pawan kumar yadav

May 29, 2021

 कविता – मॉं  धन्य है ! मॉं  धन्य मॉं की ममता ।  नौ मास मुझको,  रखा गर्भ के भीतर । 

Tum thi khusahal the hm

May 9, 2021

ग़ज़ल बहुत खुशी कुछ गम भी हैतेरे यादों में डूबे हम भी है तुम थी खुशहाल थे हम तेरे जाने

Tanha aaj kal hu mai

May 9, 2021

                        गीत तन्हा आज कल हूँ मैं  कभी किसी

Leave a Comment