शैलपुत्री
पर्वतराज हिमालय के,
घर बेटी एक आई।
दाएं हाथ में त्रिशूल,
बाएं हाथ में कमल लाई।
बाएं हाथ में कमल लाई।
वृषभ है वाहन इसका,
इसलिए वृषारूढ़ा कहलाई।
इसलिए वृषारूढ़ा कहलाई।
शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय के, घर बेटी एक आई। दाएं हाथ में त्रिशूल,बाएं हाथ में कमल लाई। वृषभ है वाहन इसका,इसलिए …
November 15, 2020
swatantra prem aur partantra prem-kavya स्वतंत्र प्रेम और परतंत्र प्रेम -काव्य जब प्रेम स्वतंत्र बहता है,बहती है मोहक खुशियां, होता
November 15, 2020
Mere Dil Ne Uff Tak Na Ki|मेरे दिल ने उफ्फ तक ना की खाई थी गहरी चोट घाव भी था
November 15, 2020
poem- phul sa jis ko mai samjha तुमको चाहा तुमको पायातुमको मैंने खो दियाजब भी तेरी याद आईसीपी शायर
July 16, 2020
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए है एक खूबसूरत रचना Aye dil aao tumhe marham lga du. तो पढिए और आनंद