Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, lekh

विपक्ष का दमदार गठजोड़ बनाम वाशिंगटन डीसी से उत्साह ताबड़तोड़

विपक्ष का दमदार गठजोड़ बनाम वाशिंगटन डीसी से उत्साह ताबड़तोड़ गठजोड़ ने विपक्ष का उत्साह बढ़ाया – 1977 का इतिहास …


विपक्ष का दमदार गठजोड़ बनाम वाशिंगटन डीसी से उत्साह ताबड़तोड़

गठजोड़ ने विपक्ष का उत्साह बढ़ाया – 1977 का इतिहास दोहराने की राह दिखलाया

पटना में विपक्षी गठजोड़ का सफ़ल आगाज़ – वाशिंगटन डीसी से भारत को ताज़ – जनता जनार्दन तय करेगी किसको पहनाना है ताज़ – एडवोकेट किशन भावनानी गोंदिया

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर पूरी दुनिया के लिए 23 जून 2023 का दिन यादगार माना जाएगा जिसमें दुनिया की महाशक्ति की टेक्नोलॉजी पावर तथा भारत की संभावना का जज्बा, संसाधनों का अंबार और युवा ह्यूमन शक्ति का अभूतपूर्व खजाना जब मिल जाए तो पूरे विश्व को कल्याण की राह पर ले जाया जा सकता है और दुनिया में भारत की साख़ प्रतिष्ठा और बल को महसूस किया जिस तरह भारत के 140 करोड़ जनसंख्या के प्रतिनिधि का 21 से 24 जून 2023 के शानदार स्वागत राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति से लेकर पूरी संसद द्वारा जिस तरह गर्मजोशी से उनका सम्मान और स्वागत किया गया उससे हर भारतवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। दूसरी तरफ हमने भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती का एक महत्वपूर्ण उदाहरण पटना में 23 जून 2023 को निर्धारित महागठबंधन के लिए प्रस्तावित सभा के सकारात्मक परिणाम आए जब विपक्ष का दमदार गठजोड़ आखिर बन ही गया जो उसका उत्साह बढ़ाएगा और सत्ताधारी पक्ष को मुश्किलों से जरूर बढ़ाएगी क्योंकि यदि अधिकतम लोकसभा सीटों पर एक साझा उम्मीदवार उतारा गया जो पक्ष को मुश्किलों के सामने करने पड़ सकते हैं इसके लिए पहले से तैयार माननीय पीएम ने वैश्विक वाशिंगटन डीसी में अपनी उपलब्धियों का भंडारा पिटारा खोलकर 9 वर्षों का लेखा-जोखा बताया और उसके सम्मान में अमेरिकी संसद में संसद 15 बार सम्मान में उठने और 79 बार जोरदार तालियां बजाए जो रेखांकित करने वाली बात है क्योंकि 23 जून 2023 को जो महत्वपूर्ण बातें हुई इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे विपक्ष से कहा जानदार गठजोड़ बनाम वाशिंगटन डीसी से उत्साह ताबड़तोड़।
साथियों बात अगर हम पटना में 23 जून 2023 को हुए दमदार गठजोड़ की करें तो विपक्षी बैठक खत्म होने के बाद विपक्ष के नेताओं के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंससी ने कहा कि एक साथ चलने पर सहमति हुई है. अलगी बैठक कुछ ही दिन बाद करने का निर्णय लिया गया है।अलगी बैठक में सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
साथियों बात अगर हम विपक्षी द्वारा 1971 का इतिहास दोहराने की राह पकड़ने की करें तl 20 मार्च 1977 का वो ऐतिहासिक दिन। 6वीं लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनकी पार्टी सत्ता गंवा चुके थे और जनता दल पहली बार इलेक्शन जीतकर सरकार बना रही थी। इस बदलाव से देशभर में जनता दल समर्थक सड़क पर उत्साह मना रहे थे।लोकसभा चुनाव के इतिहास में यह वो पल था, जब बिना पीएम चेहरे के विपक्षी दल ने उस वक्त की सबसे ताकतवर नेता को हरा दिया था। इस चुनाव में इंदिरा गांधी के लिए यह हार इसलिए भी बेहद निराशाजनक थी, क्योंकि वह अपनी सीट रायबरेली भी नहीं जीत सकी। 1977 लोकसभा चुनाव की बात अचानक क्यों उठ रही है? दरअसल, दिग्गज भारतीय राजनेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम शरद पवार ने इस पर बयान दिया है। विपक्ष के पीएम फेस पर अभी तक कोई एक राय न होने पर बात करते हुए शरद पवार ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यह पहली बार है, 1977 में भी ऐसा ही था। तो फिर इस बार हम क्यों नहीं जीत सकते। चलिए जानते हैं कि 1977 में ऐसा क्या हुआ कि इतनी ताकत के बावजूद इंदिरा गांधी हार गई?
साथियों बात अगर हम वाशिंगटन डीसी में पीएम के सम्मान की करें यूएस कांग्रेस में पहुंचने पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और प्रतिनिधि सभा के स्पीकर केविन मैकार्थी ने उनका स्वागत किया इसके बाद पीएम ने हाथ जोड़कर नमस्कार के जरिए अपनी बात की. उन्होंने एक-एक करके पिछले 9 साल में भारत के जनजीवन में आए बदलावों से अमेरिकी कांग्रेस और पूरी दुनिया को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि आज से 9 साल पहले भारत अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया में 10वें नंबर पर था लेकिन अब वह 5वें नंबर पर पहुंच चुका है और जल्द ही 3 नंबर पर पहुंच जाएगा। भारत की सांस्कृतिक विविधता से अवगत कराते हुए उन्होंने कहा कि इंडिया में ढाई हजार राजनीतिक पार्टियां, 22 आधिकारिक भाषाएं और सैकड़ों बोलियां हैं. इसके बावजूद देश के मसलों पर पूरा देश एक स्वर में बोलता है. भारत में जाति-धर्म, भाषा या क्षेत्र के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं होता और सबको पूरे अधिकार हैं.स्वास्थ क्षेत्र में भारत की ताकत का अहसास कराते हुए पीएम ने कहा कि भारत अब फॉर्मेसी का ग्लोबल है. दुनिया में सबसे ज्यादा दवाइयां भारत में बनती और निर्यात की जाती है. कोरोना कॉल में भी भारत ने 2 टीकों का आविष्कार करके उसे जन-जन तक पहुंचाया. निर्धन देशों को यह दवा निशुल्क सप्लाई की गई. जिससे लाखों जिंदगियां बचाने में मदद मिली।
अतः अगर हम उपरोक्त प्रकरण कायम करो उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि,विपक्ष का दमदार गठजोड़ बनाम वाशिंगटन डीसी से उत्साह ताबड़तोड़।गठजोड़ ने विपक्ष का उत्साह बढ़ाया – 1977 का इतिहास दोहराने की राह दिखलायापटना में विपक्षी गठजोड़ का सफ़ल आगाज़ – वाशिंगटन डीसी से भारत को ताज़ – जनता जनार्दन तय करेगी किसको पहनाना है ताज़ 

About author

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट 
किशन सनमुख़दास भावनानी 
गोंदिया महाराष्ट्र

Related Posts

Jeevan aur samay chalte rahenge aalekh by Sudhir Srivastava

September 12, 2021

 आलेख        जीवन और समय चलते रहेंगें              कहते हैं समय और जीवन

Badalta parivesh, paryavaran aur uska mahatav

September 9, 2021

बदलता परिवेश पर्यावरण एवं उसका महत्व हमारा परिवेश बढ़ती जनसंख्या और हो रहे विकास के कारण हमारे आसपास के परिवेश

Jungle, vastavikta he jiski khoobsurati hai

September 9, 2021

 Jungle, vastavikta he jiski khoobsurati hai जंगल स्वतंत्रता का एक अद्वितीय उदाहरण है, जहां कोई नियम नहीं , जिसकी पहली

covid 19 ek vaishvik mahamaari

September 9, 2021

 Covid 19 एक वैश्विक महामारी  आज हम एक ऐसी वैश्विक आपदा की बात कर रहे है जिसने पूरे विश्व में

avsaad se kaise bahar aaye ?

September 9, 2021

avsaad se kaise bahar aaye ?|अवसाद से बाहर कैसे निकले? अवसाद आज के समय की एक गंभीर समस्या है, जिससे

Slow Zindagi

September 9, 2021

Slow Zindagi दोस्तों आज हम आपके लिए लाए है एक खूबसूरत लेख Slow Zindagi . तो पढिए इस खूबसूरत लेख Slow

Leave a Comment