Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel
विचारों की भी होती है मौत

lekh, Nandkishor shah

विचारों की भी होती है मौत

प्रत्येक दिन दिमाग में 6,000 विचार आते हैं, इनमें 80% नकारात्मक होते हैं। इन नकारात्मक विचारों से दूर रहने के …


प्रत्येक दिन दिमाग में 6,000 विचार आते हैं, इनमें 80% नकारात्मक होते हैं। इन नकारात्मक विचारों से दूर रहने के लिए प्रतिदिन योग व ध्यान करना जरूरी है। चेतन मन के सकारात्मक विचारों को तुरंत लिख लेना चाहिए। इसके लिए आप अपने पास पेन और डायरी हमेशा पास रखें। गूगल कीप एप में भी विचार लिख सकते हैं। सकारात्मक विचार वास्तव में आपके जीवन में वास्तविक मूल्य पैदा कर सकते हैं और आपको ऐसे कौशल बनाने में मदद कर सकते हैं, जो मुस्कुराहट से कहीं अधिक समय तक टिके रहते हैं। अपने विचारों से सावधान रहें, क्योंकि आपके विचार ही आपके शब्द बन जाते हैं। आपके शब्द ही आपके कार्य बन जाते हैं। यह कार्य ही आपकी आदत बन जाती हैं।आपकी आदतें ही आपका चरित्र बनाती हैं। याद रखें कि विचारों की भी मौत होती है, इसलिए विचार आते ही उन्हें लिख लें, वरना आप उन्हें भूल जाएँगे।आप किस क्षेत्र में कितने सफल होते हैं, यह आपके चेतन मन द्वारा बनाए गए लक्ष्यों पर निर्भर करता है। दिमाग को अवचेतन अवस्था में भी समय की स्मृति रहता है। हमें न सिर्फ अपने पास मौजूद सारे दिमाग का इस्तेमाल करना चाहिए, बल्कि उसका भी इस्तेमाल करना चाहिए, जिसे हम उधार ले सकते हैं। लक्ष्य की दिशा में नवाचार करने के लिए आपको बस इतना करना है कि आप अपने चेतन मन को अपने लक्ष्य से भर लें, ताकि आपका अवचेतन मन उस तक पहुँचने के नए-नए तरीके सोचकर आपको बता सके। गूगल मैप की तरह ही जब आप अपने अवचेतन मन पर अपना लक्ष्य अंकित कर देते हैं, तो यह अपने आप उस लक्ष्य तक पहुँचने के कई रास्ते खोज लेता है और आपको सबसे अच्छे रास्ते पर ले जाता है। अवचेतन मन आपको घटनाओं, स्वप्न या किसी अन्य माध्यम से संकेत भेजता है कि आपको किस दिशा में जाना है। अवचेतन मन सिर्फ़ साहित्यिक क्षेत्र में ही मदद नहीं करता है। यह वैज्ञानिक क्षेत्र में भी इतना ही मददगार होता है। जब चेतन मन किसी प्रबल विचार से पूरी तरह भर जाता है, तो अवचेतन मन सक्रिय होकर समस्या को सुलझा देता है। शर्त यह है कि आपको चेतन मन को प्रबल विचार से भरना होगा।

About author

डॉ. नन्दकिशोर साह

डॉ. नन्दकिशोर साह
ईमेल- nandkishorsah59@gmail.com


Related Posts

करवाचौथ: वैज्ञानिक विश्लेषण

October 31, 2023

करवाचौथ: वैज्ञानिक विश्लेषण कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ कहते हैं। इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने

करवा चौथ में चाँद को छलनी से क्यों देखते हैं?

October 31, 2023

करवा चौथ में चाँद को छलनी से क्यों देखते हैं? हिन्दू धर्म में अनेक त्यौहार हैं, जिन्हें भक्त, पूरे श्रद्धाभाव

परिवार एक वाहन अनेक से बढ़ते प्रदूषण को रेखांकित करना जरूरी

October 31, 2023

परिवार एक वाहन अनेक से बढ़ते प्रदूषण को रेखांकित करना जरूरी प्रदूषण की समस्या से निपटने सार्वजनिक परिवहन सेवा को

सुहागनों का सबसे खास पर्व करवा चौथ

October 30, 2023

सुहागनों का सबसे खास पर्व करवा चौथ 1 नवंबर 2023 पर विशेष त्याग की मूरत नारी छाई – सुखी वैवाहिक

वाह रे प्याज ! अब आंसुओं के सरताज

October 28, 2023

वाह रे प्याज ! अब आंसुओं के सरताज किचन के बॉस प्याज ने दिखाया दम ! महंगाई का फोड़ा बम

दिवाली की सफाई और शापिंग में रखें स्वास्थ्य और बजट का ध्यान

October 28, 2023

दिवाली की सफाई और शापिंग में रखें स्वास्थ्य और बजट का ध्यान नवरात्र पूरी हुई और दशहरा भी चला गया,

PreviousNext

Leave a Comment