Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Bhawna_thaker, lekh

विचलित कर देने वाला कारखाना है मन

 “विचलित कर देने वाला कारखाना है मन”                           …


 “विचलित कर देने वाला कारखाना है मन”

                                       भावना ठाकर 'भावु' बेंगलोरमन के हारे हार जाते है हर युद्ध और मन पर फ़तेह पाने वाले ज़िंदगी की हर चुनौतियों से लड़ जाते है इसलिए याद रखिए “आपके एक ठोस निर्णय लेते ही की ज़िंदगी में कभी हार नहीं माननी उसी पल से सफ़लता आपकी गुलाम बन जाती है” लड़ने के जुनून पर मन में उठते कमज़ोर ख़याल मात खाते है। मिज़ाज को हंमेशा लड़ायक रखिए वरना मन के भीतर जब विचारों और कल्पनाओं का बवंडर उठता है तब भूकंप की भाँति दिमाग का हर पुर्ज़ा थरथर्रा उठता है। सब्र, धैर्य और शांति को तार-तार करते नकारात्मकता आक्रमण करते सुकून का शामियाना तहस-नहस कर देती है।

हमारा मन हमें हर छोटी-बड़ी बातों पर विचलित कर देने वाला कारखाना है। मन की आदत है बात कोई भी हो मन कल्पनाओं के रथ पर सवार होते नकारात्मक ख़याल और खराब से खराब परिस्थिति का चित्रण मन के कैनवास पर इतने काले और गहरे रंगों से कर देता है, की भय और अवसाद से हृदय डर जाता है। वास्तविकता की तुलना में हम काल्पनिक भय से ज़्यादा डरते है, और विचलित हो उठते है। खराब ख़यालों से पिड़ीत मन पूरे तन पर हावी होते हर सिस्टम को तहस-नहस कर देता है। ज़िंदगी एक ऐसी पहेली है की एक ही पल में न जानें जीवन में कितनी चुनौतियाँ हमारे सामने रख देती है। मन में चुनौतियों का सामना करने की बजाय सवाल उठ खड़े होते है कैसे कर पाऊँगा? किस तरह से इस मुश्किल से उभर पाऊँगा।

पर इस परिस्थिति को उल्टा सोचना शुरू कर दो, इससे पहले किसी समस्या का सामना करके उभरे ही होंगे, कैसे उभरे हो उसे याद करो और सकारात्मक सोच को आगे करो। सोचो ये दिन भी निकल जाएँगे ये काम तो बिलकुल आसान है। विचार कर करके समस्या को बड़ी बनाने के बजाय समस्या से कैसे निपटे उस पर काम करना शुरू कर दो। 

अगर घर में कोई बीमार है तो उसे लेकर बुरे ख़याल मत ले आओ। कुबूल करो सबसे पहले हम कल्पना में ही उन्हें मार देते है, यह सोचकर की हाए इनको कुछ हो गया तो मेरा क्या होगा। और उन परिस्थितियों की कल्पना इतनी भयभीत करने वाली होती है की इंसान अवसाद और डर का शिकार हो जाता है। अरे अभी तो बीमार इंसान ज़िंदा है तो सारी ताकत उसे बचाने में लगा दो। सोचो अपने हाथ में कुछ नहीं अगर होता तो उनको बिमार होने ही नहीं देते, और अगर उनकी मौत निश्चित है तो भी हम कुछ नहीं कर सकते सिवाय कोशिश। इसलिए तन, मन, धन से उनको ठीक करने में लग जाओ बाकी ईश्वर पर और वक्त पर छोड़ दो। कितना भी सोचोगे, कितना भी डरोगे, कितनी भी कल्पनाएं करोगे आख़िर जो होना होता है वो होकर रहता है तो डर किस बात का। 

समस्या सिर्फ़ हमारे जीवन में तो नहीं आती, हर इंसान के जीवन में कोई न कोई समस्या होती ही है, इसलिए डर और नकारात्मकता को तिलांजली देकर सकारात्मक सोच के साथ हर मुसीबत का सामना करेंगे तो ज़िंदगी की हर जंग में जीत हासिल कर पाएंगे। मन में एक कथन दोहराते रहो सब ठीक है। समस्या को मन की दहलीज़ पार ही मत करने दो ये हुनर सीख लिया तो स्वयं पर और परिस्थितियों पर काबू पाना आसान हो जाएगा।

भावना ठाकर ‘भावु’ बेंगलोर


Related Posts

“बीबीपुर: एक गांव की कहानी, जो अब किताबों में पढ़ाई जाएगी”

“बीबीपुर: एक गांव की कहानी, जो अब किताबों में पढ़ाई जाएगी”

July 28, 2025

“बीबीपुर: एक गांव की कहानी, जो अब किताबों में पढ़ाई जाएगी” हरियाणा का बीबीपुर गांव अब देशभर के छात्रों के

मार -पीट को पति का प्यार मानती हैं

मार -पीट को पति का प्यार मानती हैं

July 28, 2025

मार -पीट को पति का प्यार मानती हैं जी हाँ ये दो पंक्तिया इस लेख के भाव को पूरी तरह

तुलसी जयंती विशेष

तुलसी जयंती विशेष

July 28, 2025

तुलसीदास दुबे नाम के साथ ‘गोसाई’ शब्द लगने का रहस्य !!! (तुलसी जयंती विशेष ) उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले

आंतरिक सौंदर्यता एवं प्रतिभा हे मनुष्य की सच्ची पहचान

आंतरिक सौंदर्यता एवं प्रतिभा हे मनुष्य की सच्ची पहचान

July 24, 2025

आंतरिक सौंदर्यता एवं प्रतिभा हे मनुष्य की सच्ची पहचान एक ऐसी दुनिया में जहां शारीरिक रूप अक्सर केंद्र बिंदु होता

 ऐसे थे जननायक प्रधानमंत्री चंद्रशेखर

 ऐसे थे जननायक प्रधानमंत्री चंद्रशेखर

July 7, 2025

“चाह गई चिंता मिटी मनुआ बेपरवाह जाको कछु ना चाहिए वो शाहन के शाह” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्रद्धेय द्वारिका

साहित्य, टेक्नोलाॅजी और हम

साहित्य, टेक्नोलाॅजी और हम

June 10, 2025

साहित्य की रचना में टेक्नोलाॅजी की बात अब जरा भी नई नहीं है। भविष्य में अनेक मोर्चे पर टेक्नोलाॅजी और

Next

Leave a Comment