Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Jayshree_birmi, lekh

ली उबासी और निगली मक्खी- जयश्री बिरमी

 ली उबासी और निगली मक्खी खूब चर्चा में हैं मुख्य मंत्री चन्नी का पराक्रम, कांड तो शायद कह सकते इसे।जो …


 ली उबासी और निगली मक्खी

ली उबासी और निगली मक्खी- जयश्री बिरमीखूब चर्चा में हैं मुख्य मंत्री चन्नी का पराक्रम, कांड तो शायद कह सकते इसे।जो कुछ सुना और देखा है मीडिया में वह देख के थोड़ा पंजाब की चरणजीत चन्नी की सरकार ने मोदी जी की रैली रोकने के लिए हथकंडा अपनाया या महज एक हादसा या कॉइंसिडेंट था ये सोचने वाली बात हैं।

ये एक प्रोटोकॉल हैं कि जब प्रधानमंत्री किसी भी राज्य में जाते हैं तो मुख्य मंत्री, राज्य सचिव और डी. जी. पी. प्रधानमंत्री का स्वागत करने पहुंचतें हैं।लेकिन जो चिला ममता बैनर्जी ने शुरू किया था वही पंजाब में भी अजमाया गया था।अगर मुख्यमंत्री नहीं आते तो राज्यसचिव और डी.जी. पी. तो जरूर आते हैं लेकिन यहां तो तीनों में से कोई भी नहीं आया।जब प्रधानमंत्री का काफिला फिरोजपुर जाने के लिए निकला तब राज्य सचिव और डी. जी. पी. की गाड़ी भी थी लेकिन उसमे वे लोग खुद नहीं थे । ऐसा क्यों ? जब प्रोटोकॉल हैं तो सिर्फ गाड़ियों से वह पूरा नहीं हो सकता उसमे उनका हाजिर होना भी अवशायक था। वे लोग क्यों शामिल नहीं थे उनके साथ ये किस और इशारा कर रहा हैं?उनकी अनुपस्थिति कुछ निर्देश कर रही हैं क्या? कुछ खतरनाक परिस्थिति का आगाज था क्या? दोनों जो हाजर नहीं थे उनमें से एक तो पंजाब पुलिस का मुखिया था और दूसरा प्रशासन का मुखिया था, जो अपने किस प्रोटोकॉल का पालन सिर्फ अपनी गाडियां भेज कर के कर रहे थे।

जब प्रधान मंत्री किसी राज्य में जाते हैं तो उनके मार्ग को सेनेटाइज किया जाता हैं ।प्रधान मंत्री किस रास्ते से कब और कैसे जायेंगे उसका पता सिर्फ स्पेशल प्रोटेक्टेक्शन ग्रुप एसपीजी को और राज्य की पुलिस अधिकारियों को ही पता होता हैं।इस माहिती को बहुत ही गुप्त रखा जाता है।जब सुरक्षा का पूरा इंतजाम हो जाए तभी उनके काफिले को हरी झंडी दिखाई जाती हैं।और तभी काफिला आगे बढ़ सकता हैं।अब प्रश्न ये हैं कि ये माहिती आंदोलनकारियों को कैसे मिली? जरूर इसमें कोई षड्यंत्र होगा क्योंकि ऐसे प्वाइंट पर उनकी गाड़ी को रोका गया जहां से दूसरा कोई मोड़ नहीं था कि रास्ता बदला जाएं।एक फ्लाईओवर पर जैसे घेरा गया था काफिले को।

जब कुछ समय पहले , जहां से काफिला गुजरने वाला था वहां कोई नहीं था किंतु काफिले के आने के कुछ ही देर पहले प्रदर्शनकारीयों का पहुंचना भी कुछ शंकाओं जरूर पैदा करता हैं।

प्रधान मंत्री का काफिला पहुंचने से पहले वहां कुछ समय पहले तक कोई भी किसान प्रदर्शनकारी नहीं थे।वहां उपस्थित लोगों का भी वही मानना था कि वे वहां थे ही नहीं तो उनको किसने इत्तल्ला दी कि वहां से प्रधानमंत्री अपने काफिले के साथ निकलने वाले थे।क्योंकि उनका तो सफर हेलीकॉप्टर से होने वाला था जो खराब मौसम की वजह से नहीं हो पाया और योजना बदलकर उनको जमीन के रास्ते से जाना पड़ा।जो रास्ते की सुरक्षा की जिम्मेवारी उस राज्य की पुलिस की जिम्मेवारी होती हैं। वही उनको गंतव्य के लिए रास्ता तय कर के बताते हैं बहुत हो योजना बद्ध तरीके से ये रास्ता तय किया जाता हैं जिससे खतरों का भय न रहें।अगर तय मार्ग पर कोई व्यवधान आए तो उसके लिए एक वैकल्पिक मार्ग को भी तय किया जाता हैं जो कोई आकस्मिक परिस्थिति में उपयोग में लिया जा सके।

किसानों के नाम पर राजनीति जो किसान कानून वापिस लेने के बाद खत्म हो गई थी उसका पुनरुत्थान कैसे हुआ? ये जानकारी उन तक किसने पहुंचाई जिससे एक देश के मुखिया की जिंदगी को खतरे में डाल दिया था।क्या इस मामले में कोई दूसरा इरादा दिखता हैं, सिवाय के उनकी बेइज्जती या उनकी जान को खतरा? अगर उस जगह की ली हुई फोटो या वीडियो घ्यान से देखें तो एस. पी. जी. ने जो गाडियां रास्ते में प्रधानमंत्री की गाड़ी आगे अगर गाडियां पार्क करने में आई नहीं होती तो सामने खड़े ट्रक की दिशा देख लगता हैं की वह सीधा ही उनके काफिले उपर चढ़ा दिया जाता या प्रधानमंत्री की ही गाड़ी पर ही चढ़ाया जा सकता था।रास्ता साफ करने की कोशिश किसी ने नहीं की एक देश के प्रधानमंत्री जो जनता के द्वारा चुने हुए नेता पहले हैं बाद में बी. जे. पी. के नेता और सबसे बाद में हैं वे खुद। वैयक्तिक मतभेद या राजकीय नफरत का ऐसे अंजाम देना क्या लोकशाही में वाजिब हैं?इतनी निचले स्तर की राजनीति अगर किसी राजकीय दल ने की हैं तो ये हमारे देश को एक पतन के रास्ते पर ले जा रहा हैं।जब देश का मुखिया सुरक्षित नहीं हैं ,तो देश कहां से सुरक्षित रहेगा? कौन हैं इतना असुरक्षित जो एक लोकप्रिय नेता के लिए खतरे पैदा कर रहा हैं?

इतना बड़ा कांड हो गया तो कई लोग उसे अपने गुप्तचर तंत्र को दोष दिया तो कई लोगो ने ट्वीट किया ’हाउ इस द जोश’ जिसे ट्वीटर ने भी ब्लू टिक से नवाजा, ये क्या बयान कर रहा हैं? देश में हुए ऐसे हादसे से विश्व में जो अपनी छवि कुछ सालों से सुधार पर हैं उसे खराब कर देगें।देश के दुश्मन जो देश के विकास से डरे और जले हैं उन्हे खुश कर देंगे।क्या फिर ये उन्ही के द्वारा प्रायोजित कार्य हैं ?ऐसे अपने देश की छवि तो खराब हुई ही हैं किंतु सुरक्षा के मामले के प्रति भी सवाल उठ सकते हैं।

वैसे तो उस चक्रव्यूह से प्रधानमंत्री निकल तो आए और बड़े ही व्यंगतमक रूप से उन्होंने उन लोगो को संदेश भी दिया कि वे सही सलामत पहुंच चुके हैं।अगर ये उनकी रैली को रोकने के प्रयोजन से हुआ, या उनके प्रचार को रोकने लिए हुआ तो व्यर्थ हैं क्योंकि जो राजनीति हो रही है उससे उन्हे और प्रसिद्धि मिल रही हैं ,वो भी सहानुभूति के साथ जिसे वो लोग नहीं थे। ये सब तो हुआ किंतु उसका परिणाम क्या हुआ? चन्नी जी ने भी परस्थिति से बहुत ही अलग निवेदन दिया जिसमे उन्हें पता ही नहीं था कि प्रधानमंत्री हवाई मार्ग से जाने वालें थे,रास्ते से जाने वाली बात से वे अनजान थे। जिसे एक दिखावा ही कह सकते हैं।उन्होंने पंजाबियत को सराहा की कैसे होते हैं पंजाबी,अपने मेहमानों के लिए अपना खून बहने वाले होते हैं वो लोग किंतु जो वाणी में दिखा उसे उनके बरताव में नहीं देखा गया।आज हर अखबार में,हरेक टी वी चैनल पर सिर्फ और सिर्फ इस घटना और प्रधानमंत्री जी के चर्चे हो रहे हैं,खूब छाएं हुए है मीडिया पर जो रैली के बाद शायद इतनी पब्लिसिटी नहीं मिलनी थी शायद।रैली से भी ज्यादा सहानुभूति की वजह से ख्याति मिल रही हैं उनको तो क्या चन्नी साब ने ली उबासी और निगली मक्खी?

जयश्री बिरमी
अहमदाबाद


Related Posts

kavi hona saubhagya by sudhir srivastav

July 3, 2021

कवि होना सौभाग्य कवि होना सौभाग्य की बात है क्योंकि ये ईश्वरीय कृपा और माँ शारदा की अनुकम्पा के फलस्वरूप

patra-mere jeevan sath by sudhir srivastav

July 3, 2021

पत्र ●●● मेरे जीवन साथी हृदय की गहराईयों में तुम्हारे अहसास की खुशबू समेटे आखिरकार अपनी बात कहने का प्रयास

fitkari ek gun anek by gaytri shukla

July 3, 2021

शीर्षक – फिटकरी एक गुण अनेक फिटकरी नमक के डल्ले के समान दिखने वाला रंगहीन, गंधहीन पदार्थ है । प्रायः

Mahila sashaktikaran by priya gaud

June 27, 2021

 महिला सशक्तिकरण महिलाओं के सशक्त होने की किसी एक परिभाषा को निश्चित मान लेना सही नही होगा और ये बात

antarjateey vivah aur honor killing ki samasya

June 27, 2021

 अंतरजातीय विवाह और ऑनर किलिंग की समस्या :  इस आधुनिक और भागती दौड़ती जिंदगी में भी जहाँ किसी के पास

Paryavaran me zahar ,praniyon per kahar

June 27, 2021

 आलेख : पर्यावरण में जहर , प्राणियों पर कहर  बरसात का मौसम है़ । प्रायः प्रतिदिन मूसलाधार वर्षा होती है़

Leave a Comment