Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Jayshree_birmi, laghukatha

लघुकथा –महिला सशक्तिकरण

लघुकथा –महिला सशक्तिकरण सामान्यत: गांवों में महिलाओं की यानि कि लड़कियों की शिक्षा के प्रति कोई लक्ष नहीं देता हैं।एक …


लघुकथा –महिला सशक्तिकरण

सामान्यत: गांवों में महिलाओं की यानि कि लड़कियों की शिक्षा के प्रति कोई लक्ष नहीं देता हैं।एक आम सी बात मशहूर रहती हैं ’आगे जा कर तो घर और रसोई ही संभालनी हैं,पढ़ाई की क्या जरूरत हैं?’ गांव की कुछ लड़कियां पढ ने के लिए उत्सुक थी लेकिन घर परिवार से अनुमति नहीं मिल रही थी।तब मीना जो काफी चुस्त थी उसने बीड़ा उठाया,जब 7 वीं के बाद उनका अभ्यास बंद करवाया जा रहा था।उसने सुझाव दिया कि शिखा बहनजी को मिला जाएं।और सर्व सम्मति से वे लोग उनसे मिलने चली गई और हकीकत से विगत करवाया तो वह भी थोड़ी हैरान तो हुई किंतु सब को आश्वासन दे घर भेज दिया कि ’कुछ करती हूं।’
लेकिन वह परेशान थी कि एक साथ 12 लड़कियां आगे अभ्यास नहीं कर पाएंगी।शिखाजी ने सरपंच से बात करने की सोची और दूसरे दिन जाके मिलने का तय कर घर चली गईं।वह व्यथित रही जब तक सरपंचजी से मिल नहीं लिया।शिखा जी ने कहा,” सरपंच जी ये तो बच्चियों की जिंदगी का सवाल हैं।एक शिक्षित नारी पूरे परिवार के उत्थान के लिए कार्य करती हैं यहां तो 12 जिंदगियों का सवाल हैं,क्या किया जाएं?”
सरपंच जी बोले,”शिखाजी आप सही कह रहीं हैं लेकिन उनके माता पिता पर कैसे दबाव लाया जाएं ये समझ में नहीं आ रहा।कोई कानून तो हैं नहीं जिससे उनके पर दबाव ला सकूं।आप ही बताएं क्या किया जाएं।”
शिखाजी कुछ देर चुप रही फिर बोली,” एक बात हो सकती हैं,आप उन सबकी मीटिंग बुलाएं,उन्हे मैं समझने की कोशिश करूंगी।”
सरपंच जी भी सहमत हुएं और सभी लड़कियों के पिताजी को मीटिंग में बुलाया गया।दूसरे दिन शाम के समय सभी चोपाल में इक्कठा हुएं तो सरपंच जी ने मीटिंग का उद्देश्य सब के सामने रखा।सभी आपस में बात कर विरोध करतें हो वैसे बातें करना शुरू कर दी।
तब शिखाजी ने बात संभाल ली और बोली,”आप सभी से बिनती हैं कि आप हमारी बातों पर गौर करें।आप सब की बेटियां पूरे गांव की बेटियां हैं,और उनके भविष्य के बारे में बात करना अति आवश्यक हैं।” तो सब एक साथ बोले ,” अगर पाठशाला अपने गांव में नहीं हैं तो उन्हें हम पास के गांव में पढ़ने नहीं भेज सकते।” और सब उठ कर जाने लगे तो सरपंच जी ने उन्हे रोका और समझाने की कोशिश की लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे।लड़कियों का 7 किलोमीटर तक चल कर जाना और आना उनके लिए थकान का कारण बनेगा और सुरक्षा का भी प्रश्न था।तब शिखाजी ने उन्हे बताया कि सरकार की और से कम कीमत में साइकिलों का आवंटन करवा सकतें हैं तो क्या वे भेजेंगे अपनी बच्चियों को पढ़ने के लिए।तब थोड़ी देर की चुप्पी के बाद सब आपस में बातें करने लगे और सब ने सहमति दिखाई।
फिर तो शिखाजी और सरपंच जी की खुशी से बांछे खिल गईं और दोनों ने अपने कार्य का शुभारंभ उसी दिन कर दिया।कुछ दिनों में सम्मति पत्रक आया सब के हस्ताक्षर हुएं और नया सत्र शुरू होने से पहले सब की साइकिलें आ गई।अभी लड़कियां एक साथ साइकिल पर पाठशाला जानें लगी।लग रहा था एक स्त्री सशक्तिकरण की फौज जा रहीं हो।सब ने सरपंच जी , शिखा जी और मीना को धन्यवाद बोल राम का नाम ले पढ़ाई शुरू कर दी।

About author

Jayshree birimi
जयश्री बिरमी
अहमदाबाद (गुजरात)

Related Posts

प्रतियोगिता | competition

April 4, 2023

प्रतियोगिता | competition प्रतिस्पर्धा एक प्रकार के उद्दीपक का कार्य करता है मनुष्य के जीवन में।जिससे मनुष्य में एक प्रकार

तुलसी आज| Tulsi-aaj

March 28, 2023

तुलसी आज क्यों में तुलसी तेरे आंगन की बनूंमेरी अपनी महत्ता मैं ही तो जानूं संग तेरे रहूंगी जीवन भर

कितनी विभिन्नता में एकता

March 19, 2023

कितनी विभिन्नता में एकता कश्मीर से कन्या कुमारी तक विविधता से भरा अपना देश है।सुंदर स्वर्ग सा कश्मीर जहां हूर

Laghukatha-Mummy| लघुकथा-मम्मी

March 6, 2023

मम्मी किटी पार्टी जमी हुई थी। अचानक बच्चों की कहानियां कहने की बात चली तो मिसेज रावत ने कहा, “भई

आधुनिकता वरदान या अभिशाप

March 5, 2023

 आधुनिकता वरदान या अभिशाप प्रगति सब ही क्षेत्र में आवकारदाय है।प्रहलें हम पैदल या बैल गाड़ियों,घोड़ा गाड़ियों आदि में प्रवास

बच्चो की बदलती मानसिकता

March 5, 2023

बच्चो की बदलती मानसिकता ये मेरा अपना अभिप्राय है जो इतने साल गृहस्थी चलाने से और शिक्षण कार्य के दौरान

Leave a Comment