Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

लघुकथा पिज्जा | Short story pizza

लघुकथा पिज्जा | Short story pizza पिज्जा डिलिवरी ब्वाय की नौकरी करने वाले रघु को उसके अगल-बगल की झुग्गियों में …


लघुकथा पिज्जा | Short story pizza

लघुकथा पिज्जा | Short story pizza

पिज्जा डिलिवरी ब्वाय की नौकरी करने वाले रघु को उसके अगल-बगल की झुग्गियों में रहने वाले बच्चों ने घेर कर पूछा, “सुना है, यह पिज्जा बहुत अच्छा होता है। तू वहां नौकरी करता है, तुझे तो भरपेट खाने को मिलता होगा न?”
झूठमूठ की हंसी हंसते हुए रघु ने कहा, “मैं तो रोजाना जितना मन होता है, उतना पिज्जा खाता हूं।”
जबकि सच तो यह था कि वह तीन महीने से नौकरी कर रहा था, पर पिज्जा खाने की कौन कहे, उसने चखा तक नहीं था।
“मैंने सुना है कि पिज्जा शहद जैसा होता है… क्या यह सच है?” जय ने पूछा।
“नहीं रे… वैसा नहीं होता। एक बार एक लड़की का पूरा डिब्बा गिर गया था। उसमें से एक टुकड़ा मुझे भी मिल गया था। मीठा नहीं, तीखा-तीखा था, पर था बहुत जोरदार…” शेरा ने कहा।
जिस दिन से रघु ने पिज्जा डिलीवरी की यह नौकरी की थी, उसी दिन से उसकी इच्छा थी कि एक दिन उसे भरपेट पिज्जा खाना है। आखिर इसमें ऐसा क्या है, जो लोग इसे खाने के लिए पागल हुए रहते हैं। इसका
मतलब यह कोई जोरदार चीज है
पिज्जा खाने कद लिए ओवरटाइम के अलावा मैनेजर से विनती कर के रात को वह रेस्टोरेंट का कूड़ा उठाने और झाड़ू-पोछा करने लगा। इस तरह लगभग दो महीने की सख्त मेहनत कर के उसने करीब डेढ़ हजार रुपए बचा लिए। अब वह पेट भर पिज्जा खा सकेगा, यह सोच कर उसे उस रात नींद नहीं आई। अगले दिन वह पिज्जा खाएगा, यह सोच कर उस दिन उसने खाना भी नहीं खाया।
उस दिना बिना यूनीफॉर्म के हो वह रेस्टोरेंट में दाखिल हुआ। वहां से उसने देखा कि उसके पड़ोस वाले बच्चे भीख मांग रहे हैं। छोटे जय को एक लड़की ने मुंह बना कर बिस्कुट का आधा पैकेट दिया। बिस्कुट खुद अकेले खाने के बजाय जय ने अपने अन्य तीन साथियों को बुलाया।
बस, रघु के तरस रहे मन को तमाचा लगा। पल भर का विलंब किए बगैर उसने सीटी मार कर उन लोगों को बुलाया। रघु को देख कर वे सभी उसकी ओर भागे। जय ने हाथ में लिया आधा पैकेट बिस्कुट उसके सामने रख दिया।
यह देख कर भीग चुकी आंख का कोर पोछते हुए रघु ने उन सब से पूछा, “मैं कह रहा हूं कि पिज्जा खाओगे क्या?”

About author 

वीरेन्द्र बहादुर सिंह जेड-436ए सेक्टर-12, नोएडा-201301 (उ0प्र0) मो-8368681336

वीरेन्द्र बहादुर सिंह
जेड-436ए सेक्टर-12,
नोएडा-201301 (उ0प्र0)


Related Posts

शब्दों की नग्नता ढ़ांकने का सर्वोच्च अदालत का प्रयास

August 31, 2023

शब्दों की नग्नता ढ़ांकने का सर्वोच्च अदालत का प्रयास स्त्री जन्म से ही स्त्री नहीं होती, उसे स्त्री बनाया जाता

सुपरहिट नसबंदी : क्या मिल गया सरकार को नसबंदी करा के, हमारी बंसी बजा के…

August 11, 2023

सुपरहिट नसबंदी : क्या मिल गया सरकार को नसबंदी करा के, हमारी बंसी बजा के… हिंदी फिल्मों के हास्य कलाकारों

मेरा साया : राज खोसला की ट्रायोलाॅजी की तीसरी परछाई

August 11, 2023

सुपरहिट मेरा साया : राज खोसला की ट्रायोलाॅजी की तीसरी परछाई पिछली बार हमने ‘मेरा साया’ फिल्म के लोकप्रिय गाने

laghukatha-eklavya-ka-angutha

July 31, 2023

लघुकथा-एकलव्य का अंगूठा laghukatha-eklavya-ka-angutha  स्कूल यूनीफॉर्म का मोजा पहनते ही पांच में से तीन अंगुलियां बाहर आ गईं। विधवा मां

premchandra jayanti सिनेमा का ‘प्रेम’ और साहित्य का ‘चंद’

July 28, 2023

 प्रेमचंद जयंती पर विशेष Premchandra jayanti special  फिल्मों में प्रेमचंद : सिनेमा का ‘प्रेम’ और साहित्य का ‘चंद’ धनपतराय श्रीवास्तव

झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार में : पर किस तरह और क्यों

July 27, 2023

सुपरहिट :झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार में : पर किस तरह और क्यों झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार

Leave a Comment