Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

लघुकथा:प्रेम | laghukatha -Prem

 लघुकथा:प्रेम पिछले एक घंटे से डा.श्वेता ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर विविध रंगों की शर्ट पसंद कर रही थीं। एक प्रखर …


 लघुकथा:प्रेम

लघुकथा:प्रेम | laghukatha -Prem

पिछले एक घंटे से डा.श्वेता ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर विविध रंगों की शर्ट पसंद कर रही थीं। एक प्रखर वैज्ञानिक और रोबोटिक्स में थीसिस प्रस्तुत करने वाली श्वेता ने पूरी जिंदगी अपने लिए साड़ी या ड्रेस सिलेक्ट करने में दो मिनट से ज्यादा का समय नहीं लगाया था। रोजाना सवेरे बालों को पीछे इकट्ठा कर के क्लिप लगा कर वह लेबोरेटरी पहुंच जाती थीं। उन्हें सजीधजी कभी किसी ने नहीं देखा था। पिछले 7 सालों से वह केवल एक ही प्रोजेक्ट पर काम कर रही थीं।
 आर्टिफिशियल इंटेलिजंस के माध्यम से रोबोट में प्यार और संवेदना डालने का उनके प्रोजेक्ट का दूसरा चरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया था। पर न जाने क्यों इधर कुछ दिनों से गाड़ी पटरी से उतर गई थी। अब तो प्रोजेक्ट का पेपर वर्क भी पेंडिंग रहता और श्वेता किसी दूसरे ही मूड रहती। इतना खुश उन्हें किसी ने पहले कभी नहीं देखा था।
पिछले कुछ महीनों से लेबोरेटरी के हर जूनियर्स के मन में एक ही बात चल रही थी कि संजय के लिए श्वेता के मन में कुछ अलग ही फीलिंग्स है। बात बात में ह्युमनाॅइड और एनाटाॅमिकल जैसी बातें छोड़ कर श्वेता संजय को यह अच्छा लगेगा, यह नहीं अच्छा लगेगा की बातें करने लगी थी। रोजाना शाम को आफिस की छुट्टी होने पर सारा स्टाफ चला जाता, पर संजय और श्वेता की बातें चलती रहतीं। दोनों केवल लैब में ही नहीं आफिस के पीछे वाले पार्क में पेड़ की आड़ में एकदूसरे के कान में कुछ कह कर हंसते। इतना ही नहीं, चौकीदार ने उन्हें ताली मारते भी देखा था।
अपने पेशन को पूरा करने के लिए श्वेता अभी तक कुंवारी थी। शायद इसीलिए संजय की ओर वह कुछ अधिक ही आकर्षित थी। अभी पिछले साल तक तो काम के अलावा किसी और बात पर वह ध्यान ही नहीं देती थी। पर संजय जिंदगी में संजय के आते ही उसकी जिंदगी बदल गई थी। पिछले सप्ताह संजय ने रिव्यू मीटिंग के बाद श्वेता से धीरे से कहा था कि उस पर लाल रंग बहुत अच्छा लगता है। बस, पिछले सप्ताह श्वेता 4 दिन लाल चटक साड़ी में दिखाई दी थी। 
कल अचानक सरकारी उच्च अधिकारियों की एक टीम लेबोरेटरी में आई। रोबोट में प्यार और संवेदनशीलता मानवजाति के लिए खतरनाक साबित हो सकता है यह रिपोर्ट श्वेता को सौंपते हुए तत्काल इस प्रोजेक्ट को रद्द करने का आदेश दिया। जिसमें कहा गया था- ‘डिस्ट्रोय संजय : ए ह्युमन रोबो विद फीलिंग स्टेज थ्री।’ श्वेता के हाथ से आदेश के कागज नीचे गिर गए थे। उस दिन के बाद सभी ने आजीवन श्वेता को सफेद साड़ी में देखा।

About author 

वीरेन्द्र बहादुर सिंह जेड-436ए सेक्टर-12, नोएडा-201301 (उ0प्र0) मो-8368681336

वीरेन्द्र बहादुर सिंह
जेड-436ए सेक्टर-12,
नोएडा-201301 (उ0प्र0)


Related Posts

तापमान भले शून्य हो पर सहनशक्ति शून्य नहीं होनी चाहिए

December 30, 2023

तापमान भले शून्य हो पर सहनशक्ति शून्य नहीं होनी चाहिए  समाज में जो भी दंपति, परिवार, नौकरी और धंधा टिका

शराब का विकल्प बनते कफ सीरप

December 30, 2023

शराब का विकल्प बनते कफ सीरप सामान्य रूप से खांसी-जुकाम के लिए उपयोग में लाया जाने वाला कफ सीरप लेख

कविता-सूखा पेड़ | sukha ped

December 30, 2023

कविता-सूखा पेड़ सूखे पेड़ को भी हराभरा होने की आश हैजैसे किसी प्यासे को पानी की प्यास हैदूसरे हरेभरे वृक्ष

मानवजाति के साथ एलियंस की लुकाछुपी कब बंद होगी

December 30, 2023

मानवजाति के साथ एलियंस की लुकाछुपी कब बंद होगी नवंबर महीने के तीसरे सप्ताह में मणिपुर के आकाश में यूएफओ

सांप के जहर का अरबों का व्यापार

December 30, 2023

सांप के जहर का अरबों का व्यापार देश की राजधानी दिल्ली में तरह-तरह के उल्टे-सीधे धंधे होते हैं। अपराध का

Story – mitrata | मित्रता

December 28, 2023

मित्रता  बारिशें रूक गई थी, नदियाँ फिर से सीमाबद्ध हो चली थी, कीचड़ भरे मार्गों का जल फिर से सूरज

Leave a Comment