Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

लघुकथा:नाराज मित्र | Short Story: Angry Friends

लघुकथा:नाराज मित्र राकेश सिन्हा बहुत कम बोलने वालों में थे। अंतर्मुखी स्वभाव के कारण वह लोगों से ज्यादा बातचीत नहीं …


लघुकथा:नाराज मित्र

लघुकथा:नाराज मित्र |  Short Story: Angry Friends
राकेश सिन्हा बहुत कम बोलने वालों में थे। अंतर्मुखी स्वभाव के कारण वह लोगों से ज्यादा बातचीत नहीं करते थे। इसलिए उनके ज्यादा दोस्त-यार नहीं थे। गिनती का उनका एक ही मित्र था अमृतलाल, जो उम्र में उनसे करीब दस साल बड़ा था। अमृत राकेश का पड़ोसी भी था। राकेश जितने शांत स्वभाव के थे, अमृत उतना ही शरारती और बकबक करने वाला था। उसकी इस आदत से राकेश कभी चिढ़ भी जाते, पर उम्र का ख्याल करते हुए अमृत से कुछ कह नहीं पाते थे।

एक दिन शाम को बाहर लाॅन में पड़ी कुर्सी पर राकेश बैठने जा रहे थे कि अमृत ने पीछे से धीरे से कुर्सी खींच ली। राकेश नीचे गिर पड़े। राकेश के नीचे गिरने पर अमृत ताली बजा कर हंसने लगा। एक मित्र के रूप में अमृत के मजाक और हंसी में निर्दोषता थी। पर राकेश चिढ़ गए और उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उनके मुंह से जो निकला, वह तो उन्होंने अमृत को कहा ही, उन्हें घर से भी निकाल दिया। पर उसी दिन से उनके मन को चैन नहीं पड़ रहा था।
अचानक स्कूटर में ब्रैक लगाया और मन में चल रहे विचारों की कड़ी टूटी।राकेश आगे सड़क पर लगे जाम के खुलने का इंतजार करने लगे। वह जहां खड़े थे, उसी के सामने वाले घर के बरामदे में मां-बेटे बातें कर रहे थे। बेटा कह रहा था, “मम्मी क्या करूं, जी ऊबता है…”
“तो जाओ खेलो न।”
“किस के साथ खेलूं? मेरा तो कोई दोस्त ही नहीं है।”
बात छोटी थी, पर जीवन की ऊब को दूर करने के लिए एक मित्र का होना जरूरी है, पहली बार इस बात की अनूभूति राकेश को यह बात सुन कर हुई थी।
मोहल्ले की गली की नुक्कड़ पर स्थित पान की दुकान के पास स्कूटर खड़ी कर के वह दुकान पर पान लेने पहुंचे। उन्होंने देखा कि दुकान के पीछे दो मित्र एक ही सिगरेट में बारीबारी से कश मार रहे हैं। उन दोनों मित्रों को इस तरह सिगरेट पीते देख कर उनके चेहरे पर मुसकान आ गई। सालों पहले अमृत के साथ मारी सिगरेट की कशें याद आ गईं।
तभी सामने वाली विशाल कोठी से एक आदमी बड़बड़ाते हुए निकला और कोठी के सामने खड़ी मर्सिडीज में बैठ कर चला गया। पान की दुकान पर खड़े-खड़े राकेश उस आदमी को देखते रहे। राकेश को उस आदमी की ओर देखते पान लगाते हुए पान की दुकान वाले ने मर्सिडीज पर नजर डालते हुए कहा, “राकेशजी, यह एक नंबर वाला मल्होत्रा मरेगा तो इसे उठाने वाले चार आदमी भी नहीं मिलेंगे। न कोई सगा-संबंधी है न कोई यार-दोस्त। इतने पैसे का यह पता नहीं क्या करेगा? जब अपने से हंस कर बात करने वाला एक मित्र भी न हो।”
पान की दुकान वाले के शब्दों में राकेश के लिए एक अनोखा संदेश था। अचानक उनके मुंह पर एक अनोखी स्माइल आ गई। अमृत रोजाना जो पान खाते थे, उन्होंने वह पान पैक कराया और स्कूटर अपने घर के बजाय अमृतलाल के घर के सामने जा कर रोक दी।

About author 

वीरेन्द्र बहादुर सिंह जेड-436ए सेक्टर-12, नोएडा-201301 (उ0प्र0) मो-8368681336

वीरेन्द्र बहादुर सिंह
जेड-436ए सेक्टर-12,
नोएडा-201301 (उ0प्र0)


Related Posts

कहानी-वह चली गई | kahani – wo chali gayi

April 4, 2023

 कहानी-वह चली गई | kahani – wo chali gayi वह निश्चेतन अवस्था में, बिना किसी हरकत के, आँख बंद किए

लघुकथा:मेरा नाम क्या है| laghukatha -mera nam kya hai

April 4, 2023

लघुकथा : मेरा नाम क्या है| laghukatha -mera nam kya hai इक्यान्नवे साल की उम्र में अचानक आई इस व्याधि

सुपरहिट :’गीत गाता चल’, निर्दोष प्यार का गंवई गीत

April 4, 2023

सुपरहिट :’गीत गाता चल’, निर्दोष प्यार का गंवई गीत अभी कुछ दिनों पहले रिलीज हुई राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म ‘ऊंचाई’

सुपरहिट: केतन मेहता और धीरूबेन की ‘भवनी भवाई’

March 25, 2023

सुपरहिट: केतन मेहता और धीरूबेन की ‘भवनी भवाई’ इसी 9 मार्च को 96 साल की धीरूबेन की मौत हो गई।

काॅलेज रोमांस : सभी युवा इतनी गालियां क्यों देते हैं | college romance webseries

March 22, 2023

काॅलेज रोमांस : सभी युवा इतनी गालियां क्यों देते हैं काॅलेज रोमांस सिरीज का एक सीन है, जिसके एक एपीसोड

सुपरहिट:डागदर बाबू : धर्मेन्द्र-जया की अधूरी प्रेम कहानी

March 19, 2023

सुपरहिट:डागदर बाबू : धर्मेन्द्र-जया की अधूरी प्रेम कहानी हम यहां आप की देखी गई यादगार फिल्मों की आगे-पीछे की कहानी

PreviousNext

Leave a Comment