Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

lekh, Veena_advani

लगता है वर्तमान का वक्त भी, इतिहास दोहराएगा | Looks like history will repeat itself

लगता है वर्तमान का वक्त भी, इतिहास दोहराएगा सही कह रही हूं, मुझे तो लगता है वर्तमान भी इतिहास ही …


लगता है वर्तमान का वक्त भी, इतिहास दोहराएगा

लगता है वर्तमान का वक्त भी, इतिहास दोहराएगा | Looks like history will repeat itself

सही कह रही हूं, मुझे तो लगता है वर्तमान भी इतिहास ही दोहराएगा। जानते हैं कैसे? मुझे क्यों ऐसे ख्याल आता है? क्योंकि यदि हम इतिहास के पन्नों को पलटाए तो हम पाएंगे कि इतिहास में हिंदू ही हिंदू के साथ में नहीं खड़े होते थे। किसी भी हिंदू के ऊपर हमला हो जाए तो, दूसरा हिंदू चुपचाप खामोश खड़ा देखता रहता था और एक हिंदू लड़ते-लड़ते आखिर मे थक जाता था जिससे वो हार मान कर अपने हथियार डाल घुटने देत देता था विरोधियों के सामने या तो वह अपने प्राण ही त्याग देता था अंतिम सांसों तक लड़ते-लड़ते। क्यों कि उसका साथ किसी ने नहीं दिया खैर कब तलक लड़ता वो भी आखिर। चलिए अब हम आज के वर्तमान समय से मिलान करते हुए जरा इतिहास के पन्नों से मिलान करते हुए खंगालते हैं। जिसमें किस प्रकार इतिहास मे एक हिंदू राजा ने, दूसरे समुदाय के लोगों का विरोध करते-करते अपना बलिदान दे दियाऔर हिंदू समुदाय किस प्रकार मूकदर्शक बना हुआ केवल खबरों को सुनता रहा, दूसरे हिंदू भाई की मदद करने को नहीं आया। इतिहास में मोहम्मद गोरी से पृथ्वीराज जो कि एक हिंदू थे, उन्होंने अकेले युद्ध किया अपनी सेना के साथ आसपास के मुल्कों के राजा जिन्हें पता भी था कि हमारा हिंदू समुदाय दूसरे समुदाय के लोगों से लड़ रहा है हमारे हिंदूत्व के हक के लिए कोई भी आगे ना आया पृथ्वीराज चौहान की मदद करने के लिए। अपनी सेना को लेकर अकेले लड़ते-लड़ते पृथ्वीराज चौहान जी ने अपने प्राणों की आहुति दे शहादत प्राप्त की। इतिहास के पन्नों को पलट कर देखा तो अभी आपको पृथ्वी चौहान के इतिहास से रूबरू करवाया। ठीक उसी तरह यदि देखा जाए तो राजा अकबर के साथ में भी, महाराणा प्रताप जी भी अपने घोड़े चेतक के साथ में युद्ध के मैदान में ललकार ते हुए उतर गए थे और उस समय भी किसी भी हिंदू राजाओं ने मिलकर महाराणा प्रताप और उनकी सेना की मदद नहीं की। क्या उनके पास खबर नहीं गई होगी कि महाराणा प्रताप जी अकेले ही अकबर से युद्ध कर रहे हैं परंतु हिंदुओं में एकता की कमी होने के कारण ही आज हर राज्य में दूसरे कौम के लोग कब्जा जमा रहे हैं। अगर देखा जाए तो पहले एक विशेष राज्य में सर्वप्रथम मां दुर्गा देवी की पूजा को महत्व दिया जाता था ऐसा नहीं कि आज महत्व नहीं दिया जाता है आज भी उतना ही महत्व दिया जाता है परंतु उससे अधिक दूसरे त्यौहार पर अधिक महत्व दिया जा रहा है। यदि आज वर्तमान युग से इतिहास कि तुलना की जाए तो हमारे वर्तमान युग में हमारे जो पृथ्वीराज चौहान है या हमारे मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप जी के समान कोई है जो हिंदुत्व की रक्षा के लिए, सभी के समक्ष प्रस्तुत हुए हैं वह है हमारे मोदी जी। जो कि हमारे देश के प्रधानमंत्री भी कहलाते हैं। मोदी जी जो कि हिंदुत्व की रक्षा करने के लिए हिंदू संस्कृति, हिंदू धार्मिक स्थलों को बचाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं और उन प्रयासों में वह कामयाब भी हुए हैं और होएंगे भी पूर्णतः विश्वास भरे है मेरे शब्द। परंतु यह क्या जो इंसान देश के लिए हमारे हिंदू कोम के लिए निरंतर अथक प्रयास कर रहा है हिंदु समाज की धरोहर, संस्कृति को ऊपर लाने के लिए, उन्हीं के ही विरोधी दल निरंतर बढ़ते जा रहे हैं। एक बात बताइए इतिहास में पृथ्वीराज चौहान जी महाराणा प्रताप जैसे शूरवीरों की मदद हिंदू राजाओं ने नहीं की और वह लड़ते-लड़ते अकेले ही शहीद हो गए तो हमारे मोदी जी आखिर अकेले कब तक लड़ेंगे जब तक उनकी सांसो हैं, तब तक? क्या हम हिंदू लोगों को यह दिखाई नहीं देता कि हमारे लिए ही, हमारी संस्कृति, हमारे धर्म की रक्षा के लिए, हमारे धार्मिक हिंदू मंदिरों के लिए ही मोदी जी निरंतर प्रयासरत हैं तो हम सभी हिंदू भाई बहनों को मिलकर क्या मोदी जी का साथ नहीं देना चाहिए या हमें भी सिर्फ मूकदर्शक बनकर सिर्फ दूर से तमाशाबीन बनकर तमाशा देखना चाहिए। विरोधी दल किस तरह उस इंसान का विरोध कर रहे हैं जो हिंदुत्व को जागृत करने के लिए काम कर रहे हैं क्या हमें बस यह देखते रहना चाहिए कि कब मोदी जी भी इतिहास की तरह हार जाते हैं अपने घुटने टेक देते हैं। नहीं हमें ऐसी सोच बिल्कुल नहीं रखनी है और ना ही हमें हमारे हिंदू समाज के लिए काम कर रहे हैं जो, हिंदू को ऊपर उठाने के लिए लड़ रहे हैं। उनका साथ देना चाहिए, ना कि चुपचाप बैठ कर विरोधियों का विरोध करते हुए तमाशा देखना चाहिए कि वह किस तरह वह देश के सच्चे भक्तों को गिराने के लिए हर तरह से प्रयास कर रहे हैं। यह तो मोदी जी हैं जो टिके हुए हैं। अगर कोई ओर होता तो वह तो कब के घुटने टेक चुका होता दूसरे समुदाय के लोगों के समक्ष और अंत में क्या होता वही इतिहास दोहराया जाता। तो उठो हिंदुत्व सेना के नौजवानों हमें साथ मिल कर देना है आदरणीय मोदी जी के कार्य का ना, कि हमें मोदी जी को अकेले छोड़ना चाहिए। उनका विरोध करने वालों का खंडन करें बहिष्कार करें। यहां लोग मेरी तुलना हो सकता है, कि मोदी भक्त के रूप में करें पर यहां पर मैं मोदी भक्त नहीं हूं। यहां मैं इतिहास से परिचय करवा रही हूं, याद दिलवा रही आप सभी को कि किस तरह इतिहास पुनः विरोधी दलों द्वारा दोहराया जा रहा है हमें इतिहास को दोहराने नहीं देना है बल्कि अपने हिंदुत्व की रक्षा के लिए कंधे से कंधा मिलाते हुए हमें आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का साथ देना है। जो हम हिंदूओं के लिए लड़ रहे। ना कि खुद के व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए। एकता का परिचय हम हिंदुओं को देना ही होगा। वरना एक दिन ऐसा ना हो जाए कि कभी हमारा मुल्क अंग्रेजों का गुलाम था, अब कहीं विभिन्न समुदायों के द्वारा कुचला ना जाए। जागृत होने की जरूरत है।

About author

Veena advani
वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर , महाराष्ट्र

Related Posts

Saundarya sthali kalakankar by vimal kumar Prabhakar

October 8, 2021

 सौन्दर्यस्थली कालाकाँकर  प्राकृतिक सौन्दर्य की सुरम्यस्थली कालाकाँकर में मैंनें अपने जीवन के सुखद दो वर्ष बिताएँ हैं । मैं बी.एच.यू

Shakahar kyon? by Jayshree birmi

October 7, 2021

 शाकाहार क्यों? कुछ लोग के मन में हमेशा एक द्वंद होता रहता हैं कि क्या खाया जाए,शाकाहार या मांसाहर इनका

Ek bar phir sochiye by jayshree birmi

October 5, 2021

 एक बार फिर सोचिए आज शाहरुख खान का बेटा हिरासत में पहुंचा हैं ,क्या कारण हैं?शाहरुख खान ने एक बार

Gandhivad Darshan ka samgra avlokan by Satya Prakash Singh

October 1, 2021

 गांधीवाद दर्शन का समग्र अवलोकन-    “गांधी मर सकता है लेकिन गांधीवाद सदैव जिंदा रहेगा” अहिंसा के परम पुजारी दर्शनिक

Rajdharm ya manavdharm by jayshree birmi

October 1, 2021

 राजधर्म या मानवधर्म कौन बड़ा राज्यधर्म और मानवधर्म में किसका पालन करना महत्वपूर्ण हैं ,ये एक बड़ा  प्रश्न हैं।अगर इतिहास

Pramanikta by Jay Shree birmi

September 30, 2021

 प्रामाणिकता भ्रष्टाचार और अप्रमाणिकता सुसंगत नहीं हैं।भ्रष्टाचारी भी उसको रिश्वत देने वाले की ओर प्रमाणिक हो सकता हैं, तभी वह

Leave a Comment