Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, lekh

राष्ट्रहित सबसे ऊपर है

राष्ट्रहित सबसे ऊपर है राष्ट्रहित समर्पित भारतीय युवा आत्मनिर्भर भारत के निर्माता और लाभार्थी दोनों बनने जा रहे हैं हर …


राष्ट्रहित सबसे ऊपर है

राष्ट्रहित सबसे ऊपर है
राष्ट्रहित समर्पित भारतीय युवा आत्मनिर्भर भारत के निर्माता और लाभार्थी दोनों बनने जा रहे हैं

हर भारतीय नागरिक के हृदय में राष्ट्रहित सबसे ऊपर है की भावनाओं को कायम रखना, वीरों स्वतंत्रता सेनानियों महान व्यक्तित्वों को सच्ची श्रद्धांजलि- एड किशन भावनानी

गोंदिया – भारत में बीते कुछ महीनों से पूर्ण दमक, ज़ज्बे, शिद्दत के साथ आयोजित आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, जिसकी महक हमें गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2022 को भी देखने को मिली। मेरा मानना है कि इस अमृत महोत्सव की संलग्नता के अनेक सकारात्मक परिणाम हमें आगे देखने को मिलेंगे!! जिसमें इस अमृत महोत्सव का अभूतपूर्व योगदान हो रहा है। मसलन, विज़न 2047, आत्मनिर्भर भारत, राष्ट्रहित सबसे ऊपर है यह भारत की 65 फ़ीसदी युवा आबादी को राष्ट्र भाव की प्रेरणा, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, परिवहन सहित अनेक क्षेत्रों को ज़बरदस्त प्रोत्साहन, इनोवेशन, स्टार्टअप, नवोन्मेष इत्यादि को भारी प्रतिसाद प्राप्त अनेक सकारात्मक पहलू इस अमृत महोत्सव से उदय हुए हैं, जिसकी चर्चा हम रोज़ मीडिया पर देखते हैं।
साथियों बात अगर हम सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की करें तो अमृत महोत्सव से युवाओं में एक अलौकिक राष्ट्रभावना की लव उत्पन्न हो रही है!! और ऐसा आभास महसूस किया जा रहा है कि राष्ट्रहित सबसे ऊपर है! बस!! यह भाव अगर भारत के हर नागरिक में समाजाए तो समझो हमारे सभी लक्ष्य, हम उसके डेडलाइन से पूर्व ही प्राप्त कर लेंगे!!! और भारत फिर सोने की चिड़िया होगा!!!
साथियों बात अगर हम आत्मनिर्भर भारत में राष्ट्रहित संलग्नता की करें तो राष्ट्रहित समर्पित भारतीय युवा आत्मनिर्भर भारत के निर्माता और लाभार्थी दोनों बनने जा रहे हैं। हमने 26 जनवरी 2022 को झंडावंदन करते हुए गौरव महसूस किए और यह भाव उत्पन्न हुए कि हर भारतीय नागरिक के हृदय में राष्ट्री हित सबसे ऊपर है की भावना को कायम रखना, वीरों, स्वतंत्रा सेनानियों महान व्यक्तित्वों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
साथियों बात अगर हम राष्ट्रहित सबसे ऊपर है के भाव की करें तो, हम किसी भी क्षेत्र में कार्य कर रहे हों, पारिवारिक,सामाजिक कमर्शियल, सेवा, सहकारी, सरकारी सहित निजी क्षेत्रों में अपने कर्तव्य पथ पर चलकर राष्ट्रहित सबसे ऊपर की भावना को मन में संजोए रखना है। किसी भी कीमत पर इस भाव से समझौता नहीं करने की सौगंध हर नागरिक ने लेनी होगी तो बस!! समझो!! हम नए भारत के बिल्कुल करीब बहुत जल्द होंगे।
साथियों बात अगर हम माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा 25 जनवरी 2022 को अपने रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो संदेश के जरिए एक कार्यक्रम को संबोधन करने की करें तो पीआईबी के अनुसार उन्होंने कहा, जैसा कि आप सभी को मालूम है कि हम भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। आजादी का अमृत महोत्सव की विषयवस्तु के तहत बड़े पैमानेपर पूरे देश के नागरिकों और इसके साथ प्रवासियों की भी भागीदारी के साथ कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।अंग्रेजों से हमें जो स्वतंत्रता मिली थी, वह काफी मेहनत से प्राप्त की गई थी। काफी सारे लोगों ने सभी सामाजिक बाधाओं को पार करते हुए इसके लिए संघर्ष किया।
उन्होंने माता-पिता और शिक्षकों से युवा पीढ़ी के भीतर देशभक्ति की भावना जगाने का अनुरोध किया। उन्होंने आगे कहा, जैसा कि हम अपनी समृद्ध विरासत पर गर्व करते हैं, हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ियों को हमारे महान राष्ट्र के बारे में जानें और वे इसके सर्वांगीण विकास में अपना योगदान दें।
उन्होंने कहा 35 साल से कम आयु के देश की लगभग 65 फीसदी जनसंख्या के साथ भारत के जनसांख्यिकीय लाभ का उल्लेख किया। उन्होंने तेजी से विकास के लिए एक युवा राष्ट्र की क्षमता का पूरी तरह से लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए अधिक ताकत, ऊर्जा और उत्साह के साथ काम करने की जरूरत है।उन्होंने आगे कहा, “हमारे युवा आत्मनिर्भरता के निर्माता और लाभार्थी, दोनों बनने जा रहे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने अपनी पुस्तक भारत की खोज में इसके लिए विभिन्न फूलों को धारण करने के लिए एक माला के धागे की उपमा का इस्तेमाल किया है। यह सांस्कृतिक और सभ्यतागत विरासत है, जो हमें विरासत में मिली है और यह हमें एकजुट रखती है। और चूंकि हम एकजुट हैं, इसलिएहम राष्ट्र को बनाए रखने और विश्व को आश्चर्यचकित करने में सक्षम हैं। राष्ट्र सबसे ऊपर है,,की भावना हमारे डीएनए में है। यही हमें एकसाथ रखता है और हमें देश के लिए काम करने योग्य बनाता है।
हमारे देश को विदेशी दासता से मुक्त कराने के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के किए गए अनगिनत बलिदानों को कभी न भूलें। जब हम राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देंगे, तो स्मरण रखें कि हमारा ध्वज रंगों के साथ केवल कपड़े का एक टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह स्वाधीनता, स्वतंत्रता और बलिदान का एक प्रतीक है।अब कठिन मेहनत और एक ऐसे भारत का निर्माण करने का दायित्व हमारे ऊपर है, जिसकी परिकल्पना हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने की थी।यह उन महान पुरुषों और महिलाओं को एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि,, राष्ट्रहित सबसे ऊपर है,, राष्ट्रहित समर्पित भारतीय युवा आत्मनिर्भर भारत के निर्माता और लाभार्थी दोनों बनने जा रहे हैं, तथा हर भारतीय नागरिक के हृदय में राष्ट्रहित सबसे ऊपर है की भावना को कायम रखना वीरों, स्वतंत्रता सेनानियों, महान व्यक्तित्वों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


Related Posts

सावधानी से चुने माहौल, मित्र एवं जीवनसाथी

सावधानी से चुने माहौल, मित्र एवं जीवनसाथी

May 26, 2024

सावधानी से चुने माहौल, मित्र एवं जीवनसाथी अगर आप विजेता बनना चाहते हैं, तो विजेताओं के साथ रहें। अगर आप

विचारों की भी होती है मौत

विचारों की भी होती है मौत

May 26, 2024

प्रत्येक दिन दिमाग में 6,000 विचार आते हैं, इनमें 80% नकारात्मक होते हैं। इन नकारात्मक विचारों से दूर रहने के

स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह

स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह

May 26, 2024

स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह तीरंदाज एक बार में एक ही लक्ष्य पर निशाना साधता है। गोली चलाने वाला एक

जो लोग लक्ष्य नहीं बनाते हैं, | jo log lakshya nhi banate

जो लोग लक्ष्य नहीं बनाते हैं, | jo log lakshya nhi banate

May 26, 2024

 जो लोग लक्ष्य नहीं बनाते हैं, वे लक्ष्य बनाने वाले लोगों के लिए काम करते हैं। यदि आप अपनी योजना

हर दिन डायरी में कलम से लिखें अपना लक्ष्य

हर दिन डायरी में कलम से लिखें अपना लक्ष्य

May 26, 2024

हर दिन डायरी में कलम से लिखें अपना लक्ष्य सबसे पहले अपने जिंदगी के लक्ष्य को निर्धारित करें। अपने प्रत्येक

महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्राचीन काल से जागरूक रही

महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्राचीन काल से जागरूक रही

May 26, 2024

महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्राचीन काल से जागरूक रही पर्यावरण शब्द का चलन नया है, पर इसमें जुड़ी चिंता

Leave a Comment