Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem, Veerendra Jain

रक्षाबंधन पर कविता

 रक्षाबंधन बहन इक भाई के जीवन में रिश्ते कई निभाती है,बन के साया मां की तरह हर विपदा से बचाती …


 रक्षाबंधन

रक्षाबंधन  पर कविता

बहन इक भाई के जीवन में रिश्ते कई निभाती है,
बन के साया मां की तरह हर विपदा से बचाती है,
कभी हमराज़ बन उसके राज़ दिल में छिपाती है,
जुगनू बनके अंधेरों में सफ़र आसां बनाती है !!

बहन जब भाई के हाथों में राखी बांधती है तो,
दुआ बस एक ही अपने प्रभू से मांगती है वो,
सलामत हो सदा भैया ना हो कोई कष्ट जीवन में,
बलाएं उसकी लेने खुशियां खुद की वारती है सो !!

तिलक माथे पे कर उसकी जीत की भावना भाती है,
अक्षय सुख समृद्धि के भाव से अक्षत लगाती है,
श्रीफल, कुंकुम, अक्षत, जल, आरती और राखी,
मंगल हो भाई का शुभ द्रव्यों से थाल सजाती है!!

लडकपन की सभी यादें वो बचपन की हर शैतानी,
पहले तोहफा तभी बंधेगी राखी की वो मनमानी,
छूआकर मिठाई पूरी खाने की वो ज़िद करना,
ना मानूं बात इक भी तो बहाना आंखों से पानी!

अग़र हो दूर ये त्यौहार फिर खाली सा रहता है,
प्रेम का इक ही आंसू दोनों की आंखों से बहता है,
बहन की भेजी मौली भी बंधी पूरे साल रहती है,
कि हूं मजबूत सबसे, कच्चा सा धागा ये कहता है !

जिम्मेदारियां पूरी करने में मशगूल हों चाहे,
रहें न दुनिया में तेरी नज़र से दूर हों चाहे,
मना लेना याद करके मुझे हर बार तुम ये दिन,
तुम्हारी थाल में राखी इक मेरे नाम की हों चाहे!!

About author 

Veerendra Jain, Nagpur
Veerendra Jain, Nagpur 
Veerendra Jain, Nagpur
Instagram id : v_jain13


Related Posts

Zindagi jal Dhar Jaisi by hare Krishna Mishra

July 3, 2021

 जिंदगी जल धार जैसी जिंदगी के हर मोड़ पर, हम अधुरे ही रहे , चल रहा था दो चार कदम,

sukoon-aye talash by mamta kushvaha

July 3, 2021

सुकून -ऐ-तालाश सुकून -ऐ-तालाश सबको है इस जहां में ,हर एक इंसान परेशान है खुद में बस कोई जाहिर कर

kavita mera bharat by madhu pradhan

July 3, 2021

मेरा भारत मेरा प्यारा सबसे न्यारा भारत देशकल- कल करके नदिया बहती झर-झर करके झरने बहते आँखों में बसते दृश्य

kavita vriddho ka samman by madhu pradhan

July 3, 2021

वृद्धों का सम्मान मीठी वाणी बोलकर वृद्धन का सम्मान करो नाज करो संस्कारन पे मत इनका उपहास करो एक दिन

dharti saja den by dr indu kumari

June 27, 2021

 धरती सजा दें  आएं हम सब मिलकर  धरती को यूं सजा दें।  पेड़ों की कतारें लगा दें  इस अवनि को

geet sawan barse sakhi by dr indu kumari

June 27, 2021

गीत – सावन बरसे सखी  बरसे रे सखी रिमझिम पनिया  चमकै रे सखी मेघ में बिजुरिया।  छमकत रे सखी गांव

Leave a Comment