Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem, Veena_advani

मेरी आवाज़ ऊपर तक पहुंचे

मेरी आवाज़ ऊपर तक पहुंचे देश के कानून के अंतर्गत नियम नया लाना हैज्यादा कुछ नहीं थोड़ा उलट फेर कर …


मेरी आवाज़ ऊपर तक पहुंचे

देश के कानून के अंतर्गत नियम नया लाना है
ज्यादा कुछ नहीं थोड़ा उलट फेर कर जाना है
रखनी है मुझे अपने मन की बात सबके समक्ष
ना कि कोई मुझे इतिहास रचाना है।।

करना है ये तो उच्च अधिकारियों को ही मिल
मेरा फ़र्ज़ सिर्फ एक सुझाव रख समझाना है।
हो रहे देश मे कितने लव जिहाद देखो सभी
अपनी हिंदू बेटियों को मिल हमें ही बचाना है।।

करना बस इतना है, आप सभी को मिल एक
हिंदूओं के हित मे सज़ा पारित कर जाना है।
क्या हिंदु , क्या मुस्लमान, क्या सिख, इसाई
किसी बलात्कारी को रियायत नहीं दे जाना है।।

काट बलात्कारी का गुप्त अंग, पर जिंदा रहे
जिससे की वो किसी के काम ना आना है।
अरे जिंदगी भर नजरें ना मिला सकेगा किसी से
बलात्कारी की पहचान कटा गुप्त अंग बताना है।।

आए जो बीच मे कोई उच्च अधिकारी भी उसे
विदेशियों के कानून नियम उसे पढ़ाना है।।
ना रहेगा बांस ना बजेगी कभी बांसुरी
कहावत को सार्थक आप को ही कर जाना है।।

मेरा उद्देश्य सिर्फ अपनी बात
ऊपर तक पहुंचाना है।।2।।

About author

Veena advani
वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर , महाराष्ट्र

Related Posts

कविता – तितली | kavita Titli

November 26, 2023

कविता :तितली | kavita – Titli  आसमान है रंग-बिरंगीरातों की झिलमिल-झिलमिलऔ तारों की चमक सुनहलीतितली के पंखों – सी उड़ी

कविता –औरत संघर्ष

November 14, 2023

कविता –औरत संघर्ष मेरी दोस्त! जब मैंने तुम्हें पढा़,तब मुझे एक जीवंत स्त्रीत्व का बीता हुआ कल स्मरण हो आया..राजनीतिक

कविता: दिवाली | kavita Diwali

November 13, 2023

कविता: दिवाली सुनो दिकु…अंतर्मन का अँधेरा मिट जाएगातुम्हारे आने से दिल का दीप जल जाएगा धरा होगी नर्म-सी शीतलइश्क में

देश की राजनीति और राजनीति का देश

November 12, 2023

“देश की राजनीति & राजनीति का देश “ सचमुच! यह तो ‘भारत’ हैभारत! हाँ, वही भारत, जहाँ चाणक्य थे। चाणक्य?

कविता – रातों का सांवलापन

November 12, 2023

रातों का सांवलापन आकाश रात में धरती को जबरन घूरता हैक्योंकि धरती आसमान के नीचे हैऔर मेरा मनऊपर खिले उस

कविता –मंदिर में शिव जी

November 12, 2023

मंदिर में शिव जी मैं भक्ति का स्वांगी नहीं , पर आस्तिक जरूर हूँहालात बयां करूँया शिकायत मुझे बेल पत्तों

PreviousNext

Leave a Comment