Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Bhawna_thaker, lekh

मानसिकता का आधुनिकरण

“मानसिकता का आधुनिकरण” “नारी अस्य समाजस्य कुशलवास्तुकारा अस्ति” अर्थात, महिलाएं समाज की आदर्श शिल्पकार होती हैं। लेकिन आजकल की कुछ …


“मानसिकता का आधुनिकरण”

“नारी अस्य समाजस्य कुशलवास्तुकारा अस्ति” अर्थात, महिलाएं समाज की आदर्श शिल्पकार होती हैं।
लेकिन आजकल की कुछ महिलाएँ शिल्पकार नहीं संस्कार विहीन होती है। क्यूँकि सभ्यता और संस्कार का अग्निसंस्कार सिर्फ़ कुछ मर्दों ने ही नहीं कर दिया, अब इस मामले में औरतें भी दो कदम आगे बढ़ती दिखाई दे रही है। शराब पीना, सिगरेट पीना, ड्रग्स का नशा तो बड़े शहरों की लड़कियों के लिए आम हो ही गई है। अब बात-बात पर माँ, बहन वाली गाली देना शायद फैशन बन गई है। वो भी महिलाओं के मुख से जब सुनते है तब ये मुद्दा सोचने पर मजबूर कर देता है कि, आने वाली पीढ़ी को हम क्या देकर जाएँगे। जो महिलाएँ ऐसी गंदी गालियाँ बकती है उनके बच्चे भी अवश्य सीखेंगे। धज्जियां उड़ा कर रख दी है सभ्यता की।
हम बात-बात पर गालियाँ उगलने वाले मर्दों को कोसते है। कहीं सुन ले तो नज़र अंदाज़ करते शर्म के मारे निकल जाते है।
औरतों को उमा दुर्गा और लक्ष्मी का रुप माना जाता है। नारी संसार रथ की सारथी है, संस्कारों की खान होती है। कैसे कोई महिला के मुँह से गाली निकल सकती है?
आजकल सोशल मीडिया पर एक महिला का विडियो खूब वायरल हो रहा है जो नोएडा के सेक्टर 126 की जेपी सोसायटी का है। जहाँ एक गार्ड को गेट खोलने में थोड़ी सी देरी हो जाती है। यह देख महिला गार्ड पर भड़क उठती है, आग बबूला होकर महिला गार्ड के साथ बदतमीजी शुरू कर देती है। गार्ड को वह भद्दी-भद्दी गालियां देती है। वीडियो में दिख रहा है कि महिला वहाँ मौजूद अन्य गार्डों को भी अपशब्द कहती है। एक गार्ड को पकड़कर वह धक्का-मुक्की करती भी दिखाई देती है। वीडियो में महिला गार्ड की ओर हाथ दिखाते हुए कहती हुई सुनाई दे रही है कि, संभालो इन बिहारियों को।’ वहां मौजूद एक गार्ड ने इस पूरी घटना का वीडियो बना लिया। जिसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
खुद को आधुनिक और बोल्ड कहलाने के चक्कर में औरतें तमीज़ का दायरा लाँघ रही है। ऐसा भी नहीं है कि ये सिर्फ़ फ़िल्मों में ही दिखाया जाता है, असल ज़िंदगी में भी बहुत-सी लड़कियां बिना किसी हिचक के माँ-बहन वाली गालियां देती है ये विडियो उसका ही प्रमाण है। फ़िल्म बनाने वाले तो ये कहकर छटक जाते है कि वो वही दिखा रहे है जो समाज में हो रहा है। लेकिन महिलाएँ महिला विरोधी गालियाँ क्यों देती है? शायद इसकी एक वजह ये हो सकती है कि ख़ुद को ‘कूल’ या मर्दों के बराबर साबित करना चाहती है। या उन्हें लगता है कि अगर मर्द गाली दे सकते हैं तो हम क्यों नहीं? ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ़ शहरों की पढ़ी-लिखी औरतें ही गालियां देती है, गाँवों की महिलाएँ भी ख़ूब गालियां देती है। लेकिन गाँव की कम पढ़ी-लिखी औरतों की समझ शायद इतनी नहीं होती कि वो पितृसत्ता, मर्दों के वर्चस्व और महिलाविरोधी शब्दों का मतलब समझ सकें।
या फिर ये शायद वेब सीरिज़ों का असर है। आजकल बन रही वेब सीरिज़ों में बिना बात के औरतों को भी गालियाँ बकती दिखा रहे है। वो भी छोटी-मोटी नहीं, मर्द भी बोलने से पहले सौ बार सोचे ऐसी वाली। लोगों को अपने व्यक्तित्व की रत्ती भर भी परवाह नहीं। बच्चों पर, समाज पर उनकी हरकतों का क्या असर पड़ेगा, या परिणाम क्या होगा इसके बारे में सोचने की दरकार भी नहीं। लिहाज़ और बोली स्त्री के व्यक्तित्व का आईना होते है जो एक नारी को गरिमामयी बनाते है। खैर परिवर्तन संसार का नियम है, नारी के मुँह से निकलती गाली को वक्त के साथ औरतों की मानसिकता का आधुनिकीकरण ही कह सकते है।

About author

bhawna thaker

(भावना ठाकर, बेंगुलूरु)#भावु

Related Posts

“बीबीपुर: एक गांव की कहानी, जो अब किताबों में पढ़ाई जाएगी”

“बीबीपुर: एक गांव की कहानी, जो अब किताबों में पढ़ाई जाएगी”

July 28, 2025

“बीबीपुर: एक गांव की कहानी, जो अब किताबों में पढ़ाई जाएगी” हरियाणा का बीबीपुर गांव अब देशभर के छात्रों के

मार -पीट को पति का प्यार मानती हैं

मार -पीट को पति का प्यार मानती हैं

July 28, 2025

मार -पीट को पति का प्यार मानती हैं जी हाँ ये दो पंक्तिया इस लेख के भाव को पूरी तरह

तुलसी जयंती विशेष

तुलसी जयंती विशेष

July 28, 2025

तुलसीदास दुबे नाम के साथ ‘गोसाई’ शब्द लगने का रहस्य !!! (तुलसी जयंती विशेष ) उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले

आंतरिक सौंदर्यता एवं प्रतिभा हे मनुष्य की सच्ची पहचान

आंतरिक सौंदर्यता एवं प्रतिभा हे मनुष्य की सच्ची पहचान

July 24, 2025

आंतरिक सौंदर्यता एवं प्रतिभा हे मनुष्य की सच्ची पहचान एक ऐसी दुनिया में जहां शारीरिक रूप अक्सर केंद्र बिंदु होता

 ऐसे थे जननायक प्रधानमंत्री चंद्रशेखर

 ऐसे थे जननायक प्रधानमंत्री चंद्रशेखर

July 7, 2025

“चाह गई चिंता मिटी मनुआ बेपरवाह जाको कछु ना चाहिए वो शाहन के शाह” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्रद्धेय द्वारिका

साहित्य, टेक्नोलाॅजी और हम

साहित्य, टेक्नोलाॅजी और हम

June 10, 2025

साहित्य की रचना में टेक्नोलाॅजी की बात अब जरा भी नई नहीं है। भविष्य में अनेक मोर्चे पर टेक्नोलाॅजी और

Next

Leave a Comment