मातृदिवस विनयांजलि-मॉं मेरा जीवन आधार
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| मातृदिवस विनयांजलि |
तेरा नाम जुबां पे आते ही मेरे दर्द सभी थम जाते हैं ,
माँ ,तेरे आशीषों से बिगड़े काम सभी बन जाते हैं |
सिर पर हाथ फेर के मेरे दुख सारे हर लेती हो,
धूप की तपन से बचाने मुझको हाथों से छांव कर देती हो !!
मेरे हाथों को थाम मेरे जीवन को आधार देती हो,
मेरे चारों ओर तुम बुन अपना संसार लेती हो !!
मॉं के ह्रदय की गहराई सागर से भी अधिक होती है,
मेरी सारी कटु बातों को मुस्कुराकर सहन कर लेती है !!
तुम चाबी खुशियों की, हाथों में जादू की छड़ी रखती हो,
मेरे कहने से पहले मेरे मन की सारी ख्वाहिशें पूरी करती हो !!
कैसे होंगे उऋण मैया आपके इन उपकारों से, पूछा ?
तो बस “स्वस्थ और सुखी रहो” यही तरीका बताती हो !!
ऐ माँ तुम्हारे रूप में हम भगवान के दर्शन करते हैं,
अर्घ उसे देते हैं हम जीवन तुझे अर्पण करते हैं |
मातृदिवस पर बस यही करते हैं ईश्वर से प्रार्थना ,
रहो सदा आप संग हमारे जब तक हैं धरती आसमां ||
About author
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| Veerendra Jain, Nagpur |
Instagram id : v_jain13

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