Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, lekh

मन की बात @ 100 – रेडियो से भावनात्मक जुड़ाव

मन की बात @ 100 – रेडियो से भावनात्मक जुड़ाव सुनिए जी ! एक ठो रेडियो लेते आइएगा ! रेडियो …


मन की बात @ 100 – रेडियो से भावनात्मक जुड़ाव

मन की बात @ 100 - रेडियो से भावनात्मक जुड़ाव

सुनिए जी ! एक ठो रेडियो लेते आइएगा !

रेडियो की एफएम सर्विस का विस्तार, इस सुविधा से वंचितों के लिए कनेक्टिविटी की अहम भूमिका में मील का पत्थर साबित होगा – एडवोकेट किशन भावनानी

गोंदिया – एक ज़माना था जब हम छोटे थे तो किसी के घर रेडियो का होना एक प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता था। उनका नाम ही रेडियो वाला घर पड़ गया, क्योंकि तब आज के डिजिटल विस्तृत युग का नामोनिशान ही नहीं था। कामकाजी पुरुष महिलाएं अपने अपने ड्यूटी, खेती-बाड़ी, घरगुती के काम करते या फ़िर छोटा सा रेडियो अपने कंधों पर एक बेल्ट के सहारे टांगकर रास्ते पर रेडियो सुनते मैंने ऐसा आम नजारा देखा, यहां तक कि मैंने अपने दादा जी पिताजी को भी कंधे पर रेडियो लटकाकर बाहर जाते देखा हूं। शाम से लेकर हम इंतजार करते थे बुधवार का बिनाका गीतमाला रात 8.45 को समाचार सहित हरदम कानों में गूंजता रहता था, नमस्कार, मैं ऑल इंडिया रेडियो से हूं! परंतु समय के साथ-साथ पूरी दुनिया इलेक्ट्रॉनिक युग की ओर जबरदस्त तेजी के साथ बढ़ गई और रेडियो युग का स्थान टीवी फिर मोबाइल इंटरनेट सहित अनेक इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों ने लेते हुए अब पूर्णता डिजिटल युग में तो रेडियो का नामोनिशान अनेक क्षेत्रों में बिल्कुल ही विलुप्तता की ओर बढ़ चला था कि हमारे माननीय पीएम ने मन की बात की शुरुआत की तो लोगों का ध्यान एकाएक रेडियो पर आकर्षित हुआ और इसके साथ ही और अनेक कार्यक्रमों, सखी सहेली सहित समाचारों पर आकर्षित हुए, बल्कि दूरदराज के क्षेत्रों में रेडियो का प्रचलन बढ़ा है। परंतु कुछ कनेक्टिविटी की मज़बूरियों का संज्ञान लेकर अब दिनांक 28 अप्रैल 2023 से इनके विस्तार किया गया है, जिसमें ऑल इंडिया रेडियो की सेवा 18 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 100 वॉल्ट के 91 अतिरिक्त ट्रांसमीटरों की सेवा 85 जिलों में की जा रही है जो करीब 2 करोड़ लोगों के लिए उपहार की तरह हैं, जो अब सीधे राष्ट्रीय कनेक्टिविटी से जुड़ जाएंगे, जो अबतक इस सुविधा से वंचित रहे, जिन्हें बहुत दूर-दराज में रहने वाला माना जाता था, वो अब हम सभी से और ज्यादा कनेक्ट होंगे। समय पर जरूरी जानकारी पहुंचाना हो कम्युनिटी बिल्डिंग का काम हो, कृषि से जुड़ी मौसम की जानकारियां हों, किसानों को फसलों फल-सब्जियों की कीमत की ताजा जानकारी हो, केमिकल खेती से होने वाले नुकसान की चर्चा हो, खेती के लिए आधुनिक मशीनों की पूलिंग हो, महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप को नए बाजारों के बारे में बताना हो, या फिर किसी प्राकृतिक आपदा के समय पूरे क्षेत्र की मदद करना, इन एफएम ट्रांसमीट्रस की बहुत अहम भूमिका रहेगी। इसके अलावा एफएम की जो इन्फोटमैन्नेंट वैल्यू है, वो तो होगी ही। चूंकि रेडियो के विस्तार की बात आई है इसलिए आज हम पीआईबी में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, सुनिए जी ! एक ठो रेडियो लेते आइएगा, मन की बात@100 – रेडियो से भावनात्मक जुड़ाव।
साथियों बात अगर हम दिनांक 28 अप्रैल 2023 को माननीय पीएम द्वारा उद्घाटन के अवसर पर संबोधन की करे तो उन्होंने कहा, एफएम ट्रांसमीटर से बन रही इस कनेक्टिविटी का एक और आयाम है। देश की सभी भाषाओं और विशेष रूप से 27 बोलियों वाले इलाकों में इन एफएम ट्रांसमीटर्स से ब्रॉडकास्ट होगा। यानि ये कनेक्टिविटी सिर्फ कम्यूनिकेशन के साधनों को ही आपस में नहीं जोड़ती, बल्कि लोगों को भी जोड़ती है। ये हमारी सरकार के काम करने के तरीके की एक पहचान है। अक्सर जब हम कनेक्टिविटी की बात करते हैं तो हमारे सामने रोड, रेल, एयरपोर्ट की तस्वीर उभरती है। लेकिन हमारी सरकार ने फिजिकल कनेक्टिविटी के अलावा सोशल कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर भी उतना ही जोर दिया है। हमारी सरकार, कल्चरल कनेक्टिविटी और इंटेलेक्चुअल कनेक्टिविटी को भी लगातार मजबूत कर रही है। देश के अलग-अलग हिस्सों में तीर्थस्थलों, धार्मिक स्थानों का कायाकल्प होने के बाद एक राज्य का व्यक्ति दूसरे राज्य में जा रहा है। पर्यटन स्थलों पर लोगों की बढ़ती संख्या देश में कल्चरल कनेक्टिविटी बढ़ने का प्रमाण है। आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़ा संग्रहालय हो, बाबासाहेब अंबेडकर के पंचतीर्थ का पुननिर्माण हों, पीएम म्यूजियम हो, या फिर नेशनल वॉर मेमोरियल, ऐसी पहलों ने देश में को नया आयाम दिया है। कनेक्टिविटी चाहे किसी भी स्वरूप में क्यों न हो, उसका उद्देश्य होता है- देश को जोड़ना, 140 करोड़ देशवासियों को जोड़ना। ऑल इंडिया रेडियो जैसे सभी कम्युनिकेशन चैनल्स के लिए भी यही विज़न होना चाहिए, यही मिशन होना चाहिए। मुझे विश्वास है, आप इस विज़न को लेकर इसी तरह आगे बढ़ते रहेंगे, आपका ये विस्तार संवाद के जरिए देश को नई ताकत देता रहेगा। बीते वर्षों में देश में जो टेक रेवाउल्स्शन हुआ है, उसने रेडियो और विशेषकर एफएम को भी नए अवतार में गढ़ा है। इंटरनेट के कारण रेडियो पिछड़ा नहीं, बल्कि ऑनलाइन एफएम के जरिए, पॉडकास्ट के जरिए, इनोवेटिव तरीकों से सामने उभरकर के आया है। यानी, डिजिटल इंडिया ने रेडियो को नए सुनने वाले श्रोता भी दिये हैं, और नई सोच भी दी है। यही रेवोल्यूशन आप संचार के हर माध्यम में देख सकते हैं। जैसे आज देश के सबसे बड़े डीटीएच प्लेटफार्म, डीडी फ्री डिश की सेवा 4 करोड़ 30 लाख घरों में पहुंच रही है। देश के करोड़ों ग्रामीण घरों में, बॉर्डर के पास वाले इलाकों में, आज दुनिया की हर सूचना, रियल टाइम में पहुंच रही है। समाज का जो वर्ग दशकों तक कमजोर और वंचित रहा, उसे भी फ्री डिश से शिक्षा और मनोरंजन की सुविधा मिल रही है। इससे समाज के अलग-अलग वर्गों के बीच असमानता दूर करने और हर किसी तक क्वालिटी इंफॉर्मेशन पहुंचाने में सफलता मिली है। आज डीटीएच चैनलों पर विभिन्न प्रकार के शैक्षणिक कोर्स उपलब्ध हैं। एक से बढ़कर एक विश्वविद्यालयों का ज्ञान सीधे आपके घर तक पहुंच रहा है। कोरोनाकाल में इसने देश के करोड़ों विद्यार्थियों की बहुत मदद की है। डीटीएच हो या फिर एफएम रेडियो, इनकी ये ताकत हमें फ्यूचर इंडिया में झाँकने के लिए एक विंडो देती है। हमें इसी भविष्य के लिए खुद को तैयार करना है। आज के इस आयोजन की एक और खास बात है। ये वंचितों को वरीयता की सरकार की नीति को आगे बढ़ाता है। जो अब तक इस सुविधा से वंचित रहे, जिन्हें बहुत दूर-दराज में रहने वाला माना जाता था, वो अब हम सभी से और ज्यादा कनेक्ट होंगे।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे वरुण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि मन की बात @ 100 – रेडियो से भावनात्मक जुड़ाव।सुनिए जी ! एक ठो रेडियो लेते आइएगा ! रेडियो की एफएम सर्विस का विस्तार, इस सुविधा से वंचितों के लिए कनेक्टिविटी की अहम भूमिका में मील का पत्थर साबित होगा।

About author

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

Related Posts

सावधानी से चुने माहौल, मित्र एवं जीवनसाथी

सावधानी से चुने माहौल, मित्र एवं जीवनसाथी

May 26, 2024

सावधानी से चुने माहौल, मित्र एवं जीवनसाथी अगर आप विजेता बनना चाहते हैं, तो विजेताओं के साथ रहें। अगर आप

विचारों की भी होती है मौत

विचारों की भी होती है मौत

May 26, 2024

प्रत्येक दिन दिमाग में 6,000 विचार आते हैं, इनमें 80% नकारात्मक होते हैं। इन नकारात्मक विचारों से दूर रहने के

स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह

स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह

May 26, 2024

स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह तीरंदाज एक बार में एक ही लक्ष्य पर निशाना साधता है। गोली चलाने वाला एक

जो लोग लक्ष्य नहीं बनाते हैं, | jo log lakshya nhi banate

जो लोग लक्ष्य नहीं बनाते हैं, | jo log lakshya nhi banate

May 26, 2024

 जो लोग लक्ष्य नहीं बनाते हैं, वे लक्ष्य बनाने वाले लोगों के लिए काम करते हैं। यदि आप अपनी योजना

हर दिन डायरी में कलम से लिखें अपना लक्ष्य

हर दिन डायरी में कलम से लिखें अपना लक्ष्य

May 26, 2024

हर दिन डायरी में कलम से लिखें अपना लक्ष्य सबसे पहले अपने जिंदगी के लक्ष्य को निर्धारित करें। अपने प्रत्येक

महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्राचीन काल से जागरूक रही

महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्राचीन काल से जागरूक रही

May 26, 2024

महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्राचीन काल से जागरूक रही पर्यावरण शब्द का चलन नया है, पर इसमें जुड़ी चिंता

Leave a Comment