Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, lekh

भारत-अमेरिका रिश्तों में बेहतरीन केमिस्ट्री

भारत-अमेरिका रिश्तों में बेहतरीन केमिस्ट्री भारत-अमेरिका एक दूसरे को बहुत योग्य इष्टम और बेहतरीन साझेदार के रूप में देखते हैं …


भारत-अमेरिका रिश्तों में बेहतरीन केमिस्ट्री

भारत-अमेरिका रिश्तों में बेहतरीन केमिस्ट्री

भारत-अमेरिका एक दूसरे को बहुत योग्य इष्टम और बेहतरीन साझेदार के रूप में देखते हैं

बदलते वैश्विक परिपेक्ष में भारत अमेरिका एक दूसरे की ज़रुरत है – दोनों का साथ एक और एक ग्यारह की बात होना तय – एडवोकेट किशन भावनानी गोंदिया

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर जिस तेजी के साथ माहौल बदल रहा है, गरीब देश विकासशील और विकासशील देश विकसित देश की श्रेणी की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, सफलताओं के नए-नए आयामों को अंजाम दे रहे हैं, अविश्वसनीय सफलताएं अर्जित कर रहे हैं, वैश्विक मंचों पर दमदार रोबदार स्थान प्राप्त कर रहे हैं, ग्लोबल साउथ जैसे मंचों पर जिस तरह काम कर रहे हैं, उससे अब कहा जा सकता है कि इन देशों की योग्यता को कम आकलन करना मुनासिब नहीं होगा, इसका उदाहरण अफ्रीकी संघ का जी20 में शामिल होना, भारत का चंद्रयान-3, सूर्ययान इत्यादि में सफलताएं और जी-20 में दिल्ली घोषणा पत्र के रूप में उपलब्धि इनमें सबसे ताज़ा उदाहरण हैं जो यहसिद्ध करता है कि आज हर देश को एक दूसरे का साथ लेना समय की जरूरत बन गया है। रणनीतिक साझेदारी,फ्री ट्रेड एग्रीमेंट और कूटनीति आयात निर्यात नीति से विकास की उड़ान में मजबूत पंख लग जाते हैं, जिससे आपसी तालमेल में हर देश का विकास होता है,जिसका परिणाम मजबूत अर्थव्यवस्था बन जाती है और आम नागरिकों का जीवन स्तर खुशहाली में परिवर्तन होने लगता है जिससे वह देश विकसित राष्ट्र बनाकर दुनियां के सामने खड़ा होकरअन्य राष्ट्रों के लिए एक उदाहरण और प्रेरणा बनकर उभरता है। भारत भी इसी प्रकार की नीति पर चल पड़ा है जिससे अनेक देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बात चल रही है, जिसमें सबसे बढ़ी रणनीतिक साझेदारी अमेरिका से बनकर उभरी है, उसपर भी सोने पर सुहागा भारतिया पीएम की ऑफिशियल अमेरिका यात्रा और अमेरिकी राष्ट्रपति की जी20 में भारत यात्रा और अब भारतीय विदेशमंत्री की 22 सितंबर 2023 से 10 दिन की अमेरिका यात्रा जहां 26 सितंबर 2023 को यूएनएससी के 78 वें सत्र को संबोधित किया,और 27 सितंबर 2023 को वॉशिंगटन डीसी में अमेरिका विदेशमंत्री सहित प्रमुख लोगों से बातचीत की है जिससे भारतअमेरिका रिश्तों की एक बेहतरीन केमिस्ट्री उभर करसामने आ रही है इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, बदलते वैश्विक परिपेक्ष में भारत अमेरिका एक दूसरे की जरूरत है, दोनों का साथ एक और एकग्यारह की बात होना तय है।
साथियों बात अगर हम अमेरिकी दौरे पर भारतीय विदेश मंत्री द्वारा एक कार्यक्रम में संबोधन की करें तो,उन्होंने कहा दोनों देशों के बीच अच्छी केमिस्ट्री है।हर तरह से यह रिश्ता अपेक्षाओं से बढ़कर रहा है। इसे परिभाषित करना अब मुश्किल हो गया है। अब भारत अमेरिका के रिश्ते चंद्रयान की तरह नई ऊंचाइयों तक जाएंगे।उन्होंने ये बात वॉशिंगटन के इंडिया हाउस में सेलिब्रेटिंग कलर्स ऑफ फ्रेंजशिप कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कही। नए भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, वो भारत जिसने चंद्रयान मिशन सक्सेसफुल किया, जी-20 समिट के दौरान 20 देशों को एक टेबल पर लाया और उसे भीसक्सेसफुल बनाया। आज जो भारत आप सब देख रहे हो इसे बनने में 12 साल की मेहनत लगी है।जियो पॉलिटिकल सिचुएशन के वजह से भारत और अमेरिका एक दूसरे को सबसे अच्छे और भरोसेमंद साथी के तरह देखते हैं। विदेश मंत्री ने भारतीय समयानुसार 12 सितंबरको देररातअमेरिका के विदेश मंत्री के साथ मीटिंग के वक्त खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या का मुद्दा उठाया था। रॉयटर्स के मुताबिक, एक अमेरिकी अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की।अधिकारी ने बताया, विदेश मंत्री ने भारत सरकार से मामले की जांच में सहयोग करने के लिए कहा है। भारतीय विदेश मंत्री का कहना है कि दोनों देशों के रिश्तों को परिभाषित करना मुश्किल है। उन्होंने कहा-लगातार बदलते वैश्विक माहौल में भरोसेंमंद पार्टनर मिलना आसान नहीं है। लेकिन अमेरिका और भारत के रिश्ते इनसे परे हैं।
साथियों बात अगर हम विदेश मंत्री द्वारा अपने अमेरिकी दौरों के जिक्र करने की करें तो, उन्होंने कलर्स ऑफ इंडिया इवेंट में बताया कि वह किन-किन प्रमुख मौकों पर अमेरिका में मौजूद रहे हैं, लोगों को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1985 की अमेरिका यात्रा याद है, उस वक्त मैं यहीं था।लोगों को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की 2005 की यात्रा भी याद है, जब परमाणु समझौता हुआ था। उस वक्त भी मैं यहीं था। उन्होंने बताया कि लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा भी याद है, लेकिन मैं इस यात्रा को लेकर कहना चाहता हूं कि ये बेहद अलग थी। अगर आप मुझसे पूछेंगे कि इस यात्रा से क्या बदला है, तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि पहले भारत-अमेरिका को एक-दूसरे से निपटना पड़ता था, मगर अब वे एक-दूसरे के साथ काम कर रहे हैं।
साथियों बात अगर हम विदेश मंत्री द्वारा भारत अमेरिका रिश्तों के जिक्र की करें तो, उन्होंने कहा कि सच में आज मेरे लिए इस पर कोई सीमा लगाना या इसे परिभाषित करना, यहां तक कि इसे लेकर अपेक्षाओंको व्यक्त करना भीकठिन लगता है।आज हर तरह से ये रिश्ता उम्मीदों से कहीं बढ़कर है। यही वजह है कि आज हम इसे परिभाषित करने का प्रयास भी नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में हमने अपने रिश्ते के स्तर को ऊपर उठाया है। अब हम नए डोमेन ढूंढ़ते रहते हैं, जिन पर चर्चा की जा सके। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका उस स्थिति में आ गए हैं, जहां हम एक-दूसरे को बहुत योग्य, इष्टम और बेहतरीन साझेदार के तौर पर देखते हैं। यही वजह है कि आज हमें जो बेहतरीन केमिस्ट्री देखने को मिलता है, वो मुझे भारतअमेरिका के रिश्ते को लेकर आशा देती है कि आगे कैसी संभावनाएं रहने वाली हैं।उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका का रिश्ता उम्मीदों से कहीं बढ़कर है। यही वजह है कि अब इस रिश्ते को बताने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। पिछले कुछ सालों में अमेरिका और भारत की दोस्ती बढ़ती गई है। दोनों देश सुरक्षा समेत कई सारे मुद्दों पर एक साथ आए हैं। यही वजह है कि आज हमें जो बेहतरीन केमिस्ट्री देखने को मिलता है, वो मुझे भारत-अमेरिका के रिश्ते को लेकर आशा देती है कि आगे कैसी संभावनाएं रहने वाली हैं।
साथियों बात अगर हम भारत कनाडा विवाद पर अमेरिका के रुख़ की करें तो, भारत-कनाडा विवाद पर अब तक अमेरिका का रुख 18 सितंबर को कनाडा के प्रधानमंत्री ने अपनी संसद में खालिस्तानी नेता निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया था। इसके बाद अमेरिका ने कहा था कि वो दोनों पक्षों के संपर्क में हैं। मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।इसके बाद 22 सितंबर को अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर ने व्हाइट हाउस में मीडिया से कहा कि वह इस हत्या के मामले में भारत के खिलाफ जांच में कनाडा के प्रयासों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा था कि कोई भी देश हो, इस तरह के कामों के लिए किसी को भी स्पेशल छूट नहीं मिलेगी।इसी दिन अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका हत्या पर जवाबदेही चाहता है। उन्होंने एक प्रेस ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा था-कनाडा द्वारा लगाए गए आरोपों से हम बेहद चिंतित हैं। 24 सितंबर को न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया कि निज्जर की हत्या के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कनाडा को इंटेलिजेंस इकट्ठा करने में मदद की थी। इसी के आधार पर कनाडा को यह निष्कर्ष निकालने में मदद मिली कि भारत इसमें शामिल था।हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत पर आरोप लगाते समय कनाडा ने जिस खुफिया रिपोर्ट का हवाला दिया था, वह उसने खुद जुटाई थी।

 
साथियों बात अगर हम विदेश मंत्री द्वारा महात्मा गांधी की बातों के संदेश की करें तो, उन्होंने कहा कि गांधी जयंती2 अक्टूबर को है, अगर हम कहते हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एक असाधारण व्यक्ति थे, तो ये इस सदी का सबसे कमतर बयान होगा। उन्होंने ढेरों बातों को बेहद आसानी से कहा, आखिर में उनका संदेश सही चीजों के बारे में था। अच्छे काम करने और किसी को भी पीछे नहीं छोड़ने के बारे में कहा कि गांधी जी का संदेश बहुत जटिल है, लेकिन इसका सार बहुत सरल है, जब हमने जी20 की अध्यक्षता संभाली तो कई मायनों में, वह संदेश हमारी सोच के केंद्र में था, हमने जी 20 में जो करने की कोशिश की वह उन चीजों को दिखाता है, जो हम भारत में करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कई अमेरिकी अमेरिका में जो करने की कोशिश कर रहे हैं या हम भारत और अमेरिका को दुनिया के साथ क्या करना चाहिए, वो ये है कि हमें किसी को पीछे नहीं छोड़ना है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत अमेरिका रिश्तों में बेहतरीन केमिस्ट्री।भारत अमेरिका एक दूसरे को बहुत योग्य इष्टम और बेहतरीन साझेदारी के रूप में देखते हैं।बदलते वैश्विक परिपेक्ष में भारत अमेरिका एक दूसरे की ज़रुरत है – दोनों का साथ एक और एक ग्यारह की बात होना तय है।

About author

kishan bhavnani

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट 

किशन सनमुख़दास भावनानी 

Related Posts

Lekh aa ab laut chalen by gaytri bajpayi shukla

June 22, 2021

 आ अब लौट चलें बहुत भाग चुके कुछ हाथ न लगा तो अब सचेत हो जाएँ और लौट चलें अपनी

Badalta parivesh, paryavaran aur uska mahatav

June 12, 2021

बदलता परिवेश पर्यावरण एवं उसका महत्व हमारा परिवेश बढ़ती जनसंख्या और हो रहे विकास के कारण हमारे आसपास के परिवेश

lekh jab jago tab sawera by gaytri shukla

June 7, 2021

जब जागो तब सवेरा उगते सूरज का देश कहलाने वाला छोटा सा, बहुत सफल और बहुत कम समय में विकास

Lekh- aao ghar ghar oxygen lagayen by gaytri bajpayi

June 6, 2021

आओ घर – घर ऑक्सीजन लगाएँ .. आज चारों ओर अफरा-तफरी है , ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत का

Awaz uthana kitna jaruri hai?

Awaz uthana kitna jaruri hai?

December 20, 2020

Awaz uthana kitna jaruri hai?(आवाज़ उठाना कितना जरूरी है ?) आवाज़ उठाना कितना जरूरी है ये बस वही समझ सकता

azadi aur hm-lekh

November 30, 2020

azadi aur hm-lekh आज मौजूदा देश की हालात देखते हुए यह लिखना पड़ रहा है की ग्राम प्रधान से लेकर

Previous

Leave a Comment