Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, lekh

भारत अब अनुसरण नहीं नेतृत्व करने की ओर बढ़ा |

भारत अब अनुसरण नहीं नेतृत्व करने की ओर बढ़ा भारत अब अनुसरण नहीं नेतृत्व करने की ओर बढ़ा आओ जनसंख्यकिय …


भारत अब अनुसरण नहीं नेतृत्व करने की ओर बढ़ा

भारत अब अनुसरण नहीं नेतृत्व करने की ओर बढ़ा | India has moved from following to leading
भारत अब अनुसरण नहीं नेतृत्व करने की ओर बढ़ा

आओ जनसंख्यकिय स्थिति को संपदा सृजित करने वाले संसाधन में बदलें

भारत अब भविष्य की प्रौद्योगिकी , निर्वहनियता और प्रतिस्पर्धात्मकता में जनसंख्यकिय लाभांश पर फोकस कर स्वस्थ और कुशल बनाने पर लगा – एडवोकेट किशन भावनानी

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर भारत की गूंज लगातार बढ़ती जा रही है। भारत दिनों दिन लगातार सफ़लताओं के ऐसे चौके छक्के लगा रहा है जिसे देखकर दुनिया हैरान है।क्योंकि हम भारतीय हैं हमारा उसूल है मन स्वस्थ्य है तो तन स्वस्थ है, मन तन स्वस्थ है तो घर स्वस्थ है और घर स्वस्थ है तो देश को स्वस्थ रखने में कोई कोर कसर सच्चा भारतीय नहीं छोड़ता इसीलिए अब हम दूर की सोचते हैं, विज़न 2047 बनाकर उसपर चल पड़े हैं। उम्मीद है डेडलाइन के पूर्व ही हम अपेक्षित लक्ष्यों को प्राप्त कर लेंगे, क्योंकि जिस तेजी के साथ हम हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं,उससे मंजिल करीब होने का एहसास हर भारतीय महसूस कर रहा है। हमारी प्राथमिकता आत्मनिर्भर भारत बनाने की है जिसके लिए हम स्वरोजगार संस्कृति की ओर कौशलता विकास की सहायता से तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं, जिससे हर भारतीय रोजगार लेने वाला नहीं देने वाला बनाया जाएगा जिससे परदेसियों को भी यहां जॉब ढूंढने के लिए आना पड़ सकता है। अब हम अपने जनसंख्यकियतंत्र को कौशलता का कवर चढ़ाने तेजी से आगे बढ़ रहे हैं जिससे जनसंख्या का मंत्र, समस्या नहीं समाधान शीघ्र उपलब्ध होगा।अब हम स्वास्थ्य कृषि परिवहन शिक्षा रक्षा सहित सभी क्षेत्रों में नए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के सुधारों की ओर आगे बढ़ गए हैं, जिससे सुखद लाभदायक बहुआयामी परिणाम आने वाले वर्षों में तीव्रता से देख सकेंगे।
साथियों बात अगर हम अब अपने जनसंख्यकिय तंत्र के बल को संसाधनों में बदलने के संकल्प में अभी हमारे पीएम के छह दिवसीय विदेश यात्रा में महसूस हुए हमारे वैश्विक कद का संज्ञान लेने की करें तो विदेश दौरे में 13 पीएम, 9 राष्ट्रपति, कलाकारों से कारोबारियों तक से मिले। एक बयान में आया भारत के वैश्विक कद व साख में और इजाफा हुआ है तथा यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है,जापान,ऑस्ट्रेलिया और पापुआ न्यू गिनी की अपनी छह दिवसीय यात्रा से 25 मई 2023 को लौटे।ऐसे कईउदाहरण हैं जो संकेत देते हैं कि तीन देशों की यात्रा के साथ भारत का कद और बढ़ गया है। यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। इसका संकेत तो तब बल मिला जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हिरोशिमा में जी-7 की बैठक में कहा कि कैसे पीएम के लिए आयोजित होने वाले राजकीय रात्रिभोज में भागीदारी केअनुरोधों की संख्या इसके लिए उपलब्ध टिकटों से अधिक है, तो दूसरी ओर भारतीय पीएम की 21 से 24 जून 2023 तक अमेरिका यात्रा में कुछ अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों ने पीएम से अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने का अनुरोध किया है, इस बारे में स्पीकर फैसला लेंगे, ये सभी संकेत हैं कि पीएम के नेतृत्व में भारत दुनिया में एक बहुत ही मजूबत शक्ति के रूप में उभर रहा है। पीएम के नेतृत्व में भारत को दुनिया के शीर्ष नेताओं से सम्मान मिल रहा है और वह प्रौद्योगिकी, विनिर्माण और स्टार्ट-अप से लेकर रक्षा क्षेत्र में निर्यात तक कई क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित कर रहा है।
साथियों बात अगर हम जनसंख्यकिय स्थिति को संपदा सृजित करने वाले संसाधन में बदलने की करें तो दिनांक 25 मई 2023 को माननीय केंद्रीय रक्षामंत्री ने भी एक कार्यक्रम में संबोधन में युवाओं को जनसांख्यकीय लाभांश का सबसे महत्वपूर्ण पहलू बताया और कहा कि देश में स्टार्टअप्स का निरंतर विकास युवा भारतीय दिमाग की क्षमता, ऊर्जा और उत्साह का परिणाम है। उन्होंने कहा, आज देश में लगभग एक लाख स्टार्टअप्स हैं जिनमें से 100 से भी अधिक यूनिकॉर्न हैं। बिना अधिक संसाधनों के, हमारे स्टार्टअप्स अपने उत्साह के साथ अधिक बड़ी संस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। हमारे उद्योग को वैश्विक क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए उसी उत्साह के साथ काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रौद्योगिकी के एक अन्य आयाम पर भी अपनी अंतर्दृष्टि साझा की जिसे उन्होंने सामाजिक आर्थिक प्रौद्योगिकी बताया जिसे आमतौर पर शासन के रूप में उल्लेख किया जाता है। उनका मानना था कि देश की जनसंख्या, जिसे कभी दायित्व समझा जाता था, को अब एक परिसंपत्ति के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, भारत वर्तमान में जनसांख्यकीय लाभांश से गुजर रहा है। इस जनसंख्या का इष्टतम उपयोग करने के लिए नीतियां बनाई गई हैं। हमने सुशासन के सामाजिक – आर्थिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से व्यवसाय करने की सुगमता और भारत में जीवन जीने की सरलता को सुदृढ़ बनाया है। शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेक्टरों में सुधार किए गए हैं जिनका फोकस जनसंख्या को स्वस्थ तथा कुशल बनाने पर है। उन्होंने कहा कि विश्वभर में प्रौद्योगिकी आयाम के दो चेहरे हैं – एक अग्रणी राष्ट्र का है जो अवसर का लाभ उठाता है, नवोन्मेषण करता है और एक नई प्रौद्योगिकी का अन्वेषण करता है तथा दूसरा एक अनुकरण करने वाले का है जो नेता का अनुसरण करता है। यह बताते हुए कि बिना किसी स्थापित नेता के नए प्रौद्योगिकीय रास्ते सामने आ रहे हैं, उन्होंने भारत को प्रौद्योगिकियों में अनुकरण करने वाले से नेतृत्व करने वाला बनाने के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने उनसे अपने इन-हाउस आर एंड डी वित्तपोषण को बढ़ाने तथा नई प्रौद्योगिकियों के माध्यम से नए तथा अछूते सेक्टरों / उत्पादों / वस्तुओं एवं सेवाओं में पैठ बनाने की अपील की। उन्होंने एक राष्ट्र के लिए एक प्रौद्योगिकी नेता बनने के लिए प्रमुख आवश्यकताओं – जैसे पर्याप्त पूंजी, एक मजबूत आर एंड डी अवसंरचना, जनसांख्यिकी तथा साथ-साथ उसे अंगीकार करने, समझने और पिछली प्रौद्योगिकियों का एक आधार सृजित करने की क्षमता – को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने बैंकिंग नीति, नियामकीय नीति, फंड उपलब्ध कराने, श्रम नीति, शिक्षा तथा स्वास्थ्य नीति जैसे कई कदम उठाये हैं जो युवाओं और उद्योग को एक साथ मिलकर काम करने और अनुसंधान एवं विकास में देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का समान अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने उद्योगों के अग्रणी व्यक्तियों से भारत को भविष्य संबंधी प्रौद्योगिकीयों में अनुकरण करने वाले से नेतृत्व करने वाला बनाने में सहायता करने के लिए नवोन्मेषी समाधानों को प्रस्तुत करने और वर्तमान वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहने की अपील की है। वह 25 मई,2023 को नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिंक सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस सत्र की थीम थी भविष्य के मोर्चे-प्रतिस्पर्धात्मकता,प्रौद्योगिकी निर्वहनीयता और अंतर्राष्ट्रीयकरण थी।रक्षा मंत्री ने रक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, वाणिज्य एवं संचार सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए आर एंड डी कीआवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि यह भारत को दूसरे देशों की तुलना में बढ़त दिला सकता है। उन्होंने कहा, हमें खुद को मजबूत रखने के लिए इन क्षेत्रों में बढ़त बनाये रखने की आवश्यकता है। यह तभी संभव होगा जब हम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनेंगे, इस बात पर जोर देते हुए कि एक शिक्षित और स्वस्थ श्रमबल उत्पादकता को कई गुना बढ़ाने में सहायता करता है, उन्होंने विश्वास जताया किसरकार के प्रयास जनसांख्यकीय स्थिति को महज धन का उपभोग करने वाली इकाई से संपदा सृजित करने वाले संसाधन में बदल देंगे।
अतः अगर हम उपरोक्त प्रकरण का अध्ययन कर उसका वितरण करें तो हम पाएंगे कि भारत अब अनुसरण नहीं नेतृत्व करने की ओर बढ़ा।आओ जनसंख्यकिय स्थिति को संपदा सृजित करने वाले संसाधन में बदलें।भारत अब भविष्यवकी प्रौद्योगिकी, निर्वहनियता और प्रतिस्पर्धात्मकता में जनसंख्यकिय लाभांश पर फोकस कर स्वस्थ और कुशल बनाने पर लगा है।

About author

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट 
किशन सनमुख़दास भावनानी 
गोंदिया महाराष्ट्र

Related Posts

Lekh aa ab laut chalen by gaytri bajpayi shukla

June 22, 2021

 आ अब लौट चलें बहुत भाग चुके कुछ हाथ न लगा तो अब सचेत हो जाएँ और लौट चलें अपनी

Badalta parivesh, paryavaran aur uska mahatav

June 12, 2021

बदलता परिवेश पर्यावरण एवं उसका महत्व हमारा परिवेश बढ़ती जनसंख्या और हो रहे विकास के कारण हमारे आसपास के परिवेश

lekh jab jago tab sawera by gaytri shukla

June 7, 2021

जब जागो तब सवेरा उगते सूरज का देश कहलाने वाला छोटा सा, बहुत सफल और बहुत कम समय में विकास

Lekh- aao ghar ghar oxygen lagayen by gaytri bajpayi

June 6, 2021

आओ घर – घर ऑक्सीजन लगाएँ .. आज चारों ओर अफरा-तफरी है , ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत का

Awaz uthana kitna jaruri hai?

Awaz uthana kitna jaruri hai?

December 20, 2020

Awaz uthana kitna jaruri hai?(आवाज़ उठाना कितना जरूरी है ?) आवाज़ उठाना कितना जरूरी है ये बस वही समझ सकता

azadi aur hm-lekh

November 30, 2020

azadi aur hm-lekh आज मौजूदा देश की हालात देखते हुए यह लिखना पड़ रहा है की ग्राम प्रधान से लेकर

Previous

Leave a Comment