Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, lekh

भारतीय कौशल नारी सब पर भारी

भारतीय कौशल नारी सब पर भारी आओ नारी शक्ति को भारत की सफ़लता की गाथा बनाएं नारी शक्ति को भारत …


भारतीय कौशल नारी सब पर भारी

भारतीय कौशल नारी सब पर भारी
आओ नारी शक्ति को भारत की सफ़लता की गाथा बनाएं

नारी शक्ति को भारत के विकास के प्रमुख इंजन के रूप में चिन्हित करने की योजनाएं बनाना ज़रूरी

बजट 2023 में नारी शक्ति को चिन्हित कर कार्यबल में भागीदारी की योजनाएं, स्कीम लाना समय की मांग – एडवोकेट किशन भावनानी

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर भारतीय नारी की गाथा बहुत ही सम्मानजनक रूप से गाई जाती है, क्योंकि आदि अनादि काल से ही भारतीय नारी शक्ति की अनेक मान्यता प्राप्त कहानियों कथाओं से भी हमें पता चलता है कि नारी शक्ति की शक्ति तो देवी-देवताओं को भी करनी पड़ी थी, हम तो इस कलयुग में इंसान मात्र हैं। इसलिए हमें चाहिए कि नारी शक्ति का सम्मान कर उनको कार्यबल प्रदान करें जिसको भारत के विकास में प्रमुख इंजन के रूप में चिन्हित कर एक फ़रवरी 2023 को आने वाले बज़ट में ऐसी योजनाओं स्कीमों को लाया जाना चाहिए ताकि नारी शक्ति को कार्य बल में उचित भागीदारी मिले और भारत के तेज़ी से विकसित हो रहे पथ को अधिक तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।
साथियों बात अगर हम नारी शक्ति को कार्यबल के रूप में चिन्हित करने की करें तो, हमने कई क्षेत्रों में देखे हैं कि नारी कार्यबल अपेक्षाकृत रूप से अधिक सशक्त व प्रभावी रिजल्ट देता है। हम अगर नर नारी के कार्यबल की गुणवत्ता का विश्लेषण करें तो, मेरा मानना है कि नारी बल गुणवत्ता में अधिक कुशल दिखेगा। जिसका मैंने खुद ने ग्राउंड रिपोर्टिंग कर सत्यता परखी है। मैंने अनेक शोरूम ऑफिसेस दवाखाना वकील सीए अनेक प्रोफेशनल जगह कंपनियों में वहां के प्रमुख संचालकों, मैनेजरों अधिकृत व्यवस्थापकों से बात की तो उन्होंने भी नारी कार्यबल को अपेक्षाकृत अधिक सशक्त इमानदार रेगुलर जिम्मेदार ज़वाबदेही में अवल बताया और नारी कार्यबल को प्राथमिकता देने की बात स्वीकार की, क्योंकि नकारात्मक आदतें नारी कार्यबल में नहीं देखने को मिलती जितनी नर कार्यबल में देखने को मिलती है। उसी तरह नेतृत्व शक्ति में भी नारी कार्यबल अधिक उच्च गुणवत्ता में अग्रणी ही है इसका उदाहरण हमें वैश्विक स्तरपर मूल भारतीय महिलाओं कल्पना चावला कमला हैरिस सहित अनेकों का नाम लिया जा सकता है।
साथियों बात अगर हम 1 फ़रवरी 2023 को आने वाले बजट में नारी शक्ति कार्यबल के एंगल से देखें तो आज इसकी कार्य शक्ति बढ़ाने के लिए अधिक बजट एलोकेशन की आवश्यकता है। कुछ ऐसी योजनाएं, इंसेंटिव, छूट दी जानी चाहिए ताकि नारी कार्यबल को प्राथमिकता दिए जाने पर प्रोत्साहन मिले। वैसे भी हम अभी अनेकों निजी कंपनियों में देखते हैं कि वहां नारी कार्यबल को प्राथमिकता दी जाती है जो वर्तमान समय की जरूरत भी है अब वक्त आ गया है कि नारी शक्ति के कार्य बल को बढ़ाने आरक्षण का बंधन भी तोड़ने की ज़रूरत है और उच्च कौशल्या के आधार पर नारी कार्यबल की सेवा राजनीतिक, औद्योगिक शैक्षणिक सहित हर क्षेत्र में ली जानी चाहिए। भारतीय कौशल नारी सबपर भारी की थींम को आगे बढ़ाया जाए।
साथियों बात अगर हम माननीय पीएम द्वारा 13 फरवरी 2023 को नीति आयोग में प्रसिद्ध अर्थशास्त्रीयों व विशेषज्ञों से बातचीत की करें तो उन्होंने भी,नारी शक्ति को भारत के विकास के प्रमुख इंजन के रूप में चिन्हित किया और कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को और सक्षम बनाने के साथ-साथ उसे बढ़ावा देने के लिए प्रयास जारी रखने का आग्रह किया, उन्होंने आज नीति आयोग में प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ बातचीत की।
विचार-विमर्श वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच भारत का विकास और दृढ़ता विषय पर आधारित था। अपनी टिप्पणी में कहा कि, जहां जोखिम थे, वहीं उभरता हुआ वैश्विक वातावरण डिजिटलीकरण, ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल और कृषि जैसे क्षेत्रों में नए और विविध अवसर प्रदान करता है। इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को तालमेल का लाभ उठाने और लीक से हटकर सोचने की जरूरत है। उन्होंने भारत डिजिटल की सफलता की गाथा और देश भर में फिनटेक को तेजी से अपनाने, और समावेशी विकास और इसके दृढ़ संकल्प की क्षमता की सराहना की। बैठक में प्रतिभागियों ने उन तरीकों पर व्यावहारिक उपायों की पेशकश की, जिनसे भारत अपने विकास की गति को विवेकपूर्ण ढंग से बनाए रख सकता है। कृषि से लेकर विनिर्माण तक विविध विषयों पर प्रधानमंत्री के साथ विचार और सुझाव साझा किए गए। यह स्वीकार करते हुए कि अंतर्निहित वैश्विक प्रतिकूलताएं जारी रहने की संभावना है, भारत की दृढ़ता को और मजबूत करने के लिए रणनीतिक सिफारिशें भी साझा की गईं। इस बात पर सहमति कायम हुई कि अपने लचीलेपन के कारण, भारत अशांत वैश्विक मंच पर एक उज्ज्वल स्थान बनाकर उभरा है। यह सुझाव दिया गया था कि सभी क्षेत्रों में समग्र विकास के माध्यम से इस नींव पर नए सिरे से विकास पर जोर देने की आवश्यकता होगी। हर नारी अपनी प्रतिभा के साथ न्याय कर पाये , अपने अरमानो को पंख लगाने का जज्बा रखे और उन्हें पूरा करने का होंसला रखे । किसी से कोई खैरात नहीं, कोई पक्षपात नहीं , अपने बलबूते पर मंज़िल हांसिल करने माद्दा रखे।
साथियों बात अगर हम बड़ी संख्या में अभी भी महिलाओं की वर्तमान स्थिति की करें तो, वर्तमान युग में महिलाओं को मात्र भोग विलास की वस्तु बना कर रख दिया गया है। जिसका मूल काम घर में रहकर चूल्हा चौका करना तथा परिवार की देखभाल करना रह गया है। आज के समय जहां विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है वहीं दूसरी तरफ महिलाओं का कुछ ऐसा वर्ग भी है जिन्हें उनके मूल अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। इस कुप्रथा को दूर करने के लिए हर किसी को अपनी मानसिकता बदलने की आवश्यकता है। जब तक हम अपनी मानसिकता को नहीं बदलकर स्त्रियों को साथ नहीं लेंगे तब तक राष्ट्र का सर्वांगीण विकास मुमकिन नहीं हो पाएगा।भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था क्योंकि उसके विकास में पुरुष तथा स्त्रियों का समान प्रयास हुआ करता था। लेकिन जैसे-जैसे स्त्रियों के विकास का अनुपात कम होता गया वैसे वैसे भारत का गौरव भी धूमिल पड़ता गया।भारतीय महिलाओं का इतिहास में योगदान अप्रतिम रहा है। सिर्फ स्वाधीनता संग्राम के समय को देखा जाए तो भारतीय महिलाओं का योगदान अगणनीय ही प्राप्त होगा। स्वाधीनता संग्राम के दौरान महारानी लक्ष्मीबाई, विजयालक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, सरोजिनी नायडू, कमला नेहरु, सुचेता कृपलानी, मणीबेन पटेल अमृत कौर जैसी स्त्रियों ने आगे आकर अपना अप्रतिम योगदान दिया।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारतीय कौशल नारी सबपर भारी। आओ नारीशक्ति को भारत की सफ़लता की गाथा बताएं। नारी शक्ति को भारत के विकास के प्रमुख इंजन के रूप में चिन्हित करने की योजनाएं बनाना ज़रूरी। बजट 2023 में नारी शक्ति को चिन्हित कर कार्यबल में भागीदारी की योजना स्कीम लाना समय की मांग है।

About author

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


Related Posts

umra aur zindagi ka fark by bhavnani gondiya

July 18, 2021

उम्र और जिंदगी का फर्क – जो अपनों के साथ बीती वो जिंदगी, जो अपनों के बिना बीती वो उम्र

mata pita aur bujurgo ki seva by bhavnani gondiya

July 18, 2021

माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा के तुल्य ब्रह्मांड में कोई सेवा नहीं – एड किशन भावनानी गोंदिया  वैश्विक रूप से

Hindi kavita me aam aadmi

July 18, 2021

हिंदी कविता में आम आदमी हिंदी कविता ने बहुधर्मिता की विसात पर हमेशा ही अपनी ज़मीन इख्तियार की है। इस

Aakhir bahan bhi ma hoti hai by Ashvini kumar

July 11, 2021

आखिर बहन भी माँ होती है ।  बात तब की है जब पिता जी का अंटिफिसर का आपरेशन हुआ था।बी.एच.यू.के

Lekh ek pal by shudhir Shrivastava

July 11, 2021

 लेख *एक पल*         समय का महत्व हर किसी के लिए अलग अलग हो सकता है।इसी समय का सबसे

zindagi aur samay duniya ke sarvshresth shikshak

July 11, 2021

 जिंदगी और समय ,दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक जिंदगी, समय का सदा सदुपयोग और समय, जिंदगी की कीमत सिखाता है  जिंदगी

Leave a Comment