Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

बेटी का बाप- लघुकथा

बेटी का बाप ” पता है‌, लोग हमारे बारे में कैसी – कैसी बातें कर रहें हैं । कहते हैं …


बेटी का बाप

बेटी का बाप- लघुकथा
” पता है‌, लोग हमारे बारे में कैसी – कैसी बातें कर रहें हैं । कहते हैं । हमने रूबी को अच्छे संस्कार नहीं दिये । नहीं तो वो इस तरह हमारी नाक कटवाकर उस‌ निगोड़े बलवंत के साथ नहीं भागी होती । अभी रूपलाल की दुसरी बीबी सुनीतवा मिल गई थी । कह रही थी । आजकल तो हर घर की यही कहानी हो गई है बहन । चूजों के पर निकले नहीं की इश्क करने निकल जाते हैं । मुझे तो उसके हँसने पर बड़ा गुस्सा आ रहा था ।
इस तरह हँस -हंँस कर बातें कर रही थी । जैसे रूबिया के भागने से उसे बेइंतहा खुशी हई हो । ” सु‌लोचना
देवी अपनी औलाद रुबी को कोस रहीं थीं ।
मकरंद बाबू भी पड़ोस की छत पर बैठे हुए अखबार पढ़ रहे थें । अखबार को तह करके एक ओर रखा । और अपनी ऐनक साफ करते हुए बोले – ” ये कोई नई बात नहीं है । ऐसी घटनाएंँ समाज में अक्सर होती रहती हैं । लेकिन खराब बात ये है । कि हम किसी की बेटी – बहू के भाग जाने पर खुश होते हैं। उसकी चर्चा लोगों से रस- ले लेकर करते हैं। मानों हम उनके हित चिंतक नहीं हैं । सबसे बड़े शत्रु हैं । कभी – कभी हम अनजाने में भी ऐसा करतें हैं । लेकिन कभी- कभी हम जानबूझकर ऐसा करते हैं । हमारे सबसे बड़े शत्रु हमारे ये आस- पड़ोस के लोग होते हैं । जो मौका देखकर अपनी कुंठा निकालते हैं । समाज के सबसे बड़े दुश्मन यही हैं।

गणेशी बगल‌ में खड़ा ईंटों को छत पर सजा रहा था । वो गोपी बाबू और सुलोचना देवी से बोला – ” साहेब छोटी
मुँह और बड़ी बात ।‌ एक बात कहना चाहता हूँ । पहले
हम रामकृपाल बाबू के यहाँ काम करते थें । उनके मुख से ही सुनाता रहा था । कि संतान से हमें यश‌ और अपयश दोनों मिलता है। जिसके भाग में जो बदा होता है । वो उसे मिलता है । ये तो भाग- भाग की बात है। “
शायद गणेशी सही कह रहा था । कि ये तो भाग्य- भाग्य की बात है । नहीं तो रूबी बिना बताये बलवंत के साथ क्यों भाग जाती ?
जमाने भर का दु:ख जैसे ‌गोपी बाबू के चेहरे पर नुमायाँ हो गया था । और वो चाय की प्याली को धीरे – धीरे पीने लगे । मानों वो अपना ही दु:ख पी रहे हों ।

सर्वाधिकार सुरक्षित
महेश कुमार केशरी
मेघदूत मार्केट फुसरो
बोकारो झारखंड
मो-9031991875


Related Posts

vyangkatha- police ka chakravyuh by suresh bhatia

June 23, 2021

व्‍यंग्‍य कथा –पुलिस का चक्रव्‍यूह. मुंगेरी ने कसम खायी थी उसका कितना ही बड़ा नुकसान हो जावे, थाने में रिपोर्ट

Previous

Leave a Comment