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बनेंगें तो मंत्रीजी का चालक ही

 व्यंग्य बनेंगें तो मंत्रीजी का चालक ही  इधर मुझे एक सनक सवार हो गई है l मुझे सनक है कि …


 व्यंग्य

बनेंगें तो मंत्रीजी का चालक ही 

इधर मुझे एक सनक सवार हो गई है l मुझे सनक है कि बनूँगा तो मंत्री जी का चालक ही , या फिर धोबी ,या माली ही l इस सनक को देखकर मेरे अभिन्न मित्रों में से एक होशियारचंद जी मुझसे बोले l ये कैसी सनक है तुम्हारी भाई ? अपना अच्छा -खासा इंस्टीटयूट छोड़कर , ऐसे- ऐसे काम करोगे तो लोग तुमको पागल ही कहेंगे l आखिर क्या रखा है चालक , धोबी , या माली होने में ? और , वो भी जिद बाँध बैठो हो कि मंत्रीजी का ही l ऐसी क्या खास बात है , मंत्रीजी का चालक, माली , या धोबी या नाई बनने में ? क्या कमा लोगे ? चालक बनकर l ज्यादा से ज्यादा महीने का दो- पाँच हजार रूपये l उससे क्या होने वाला है ?

 इंस्टीट्यूट से महीने का दस – बीस हजार तो कमा ही लेते हो l मंत्रीजी का चालक या माली बनकर क्या कर लोगे ? हाँ , अलबत्ता तुम्हारी शान में थोड़ा -बहुत फर्क जरूर आ जायेगा l 

पहले से ही अकड़ू हो l थोड़ा और अकड़कर चलोगे l लेकिन, रहोगे तो आखिर चालक के चालक ही l कौआ नहा लेने से हंस नहीं ना बन जायेगा l मैनें होशियारचंद जी को समझाया l तुम नहीं समझोगे यार होशियारचंद l नाम तुम्हारा होशियारचंद जरूर है l लेकिन ठहरे मूर्ख के मूर्ख ही l आजकल अखबार नहीं पढ़ते क्या ? या टी . वी. नहीं देखते l दस – बीस लोगों की नौकरियाँ केवल मंत्रीजी के करीबी होने के कारण ही लग जा रहीं हैँ l वो भी , बिना कोई परीक्षा पास दिये ही l अब अगर मैं परीक्षा ही देता रहा तो दस बीस साल के बाद भी मुझे नौकरी नहीं मिलने वाली l इसकी मैं गिरंटी लेता हूँ l इसका कारण ये है कि बार – बार परीक्षा का पर्चा ही लीक होता रहता है l अब तो परीक्षा देते- देते , मेरे सिर के बाल भी उड़ गये हैं l अब बार- बार मैं परीक्षा के टँटे में नहीं पड़ना चाहता l इसलिये , अगर दो – पाँच साल मैं मंत्रीजी की सेवा करता रहा तो जरूर ही सचिवालय में कहीं लग जाऊँगा l फिर मजे के दिन कटेंगें l

होशियारचंद जी ने मेरी इस दूर की कौड़ी लाने वाली सोच को नमन किया l और बोले , मान गये गुरू l तुम तो महागुरु निकले l 

About author 

Mahesh kumar Keshari
परिचय – 
नाम – महेश कुमार केशरी
जन्म -6 -11 -1982 ( बलिया, उ. प्र.) 
शिक्षा – 1-विकास में श्रमिक में प्रमाण पत्र (सी. एल. डी. , इग्नू से) 
2- इतिहास में स्नातक ( इग्नू से) 
3- दर्शन शास्त्र में स्नातक ( विनोबा भावे वि. वि. से) 
अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशन – सेतु आनलाईन पत्रिका (पिटसबर्ग अमेरिका से प्रकाशित) .
राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन- वागर्थ , पाखी , कथाक्रम, कथाबिंब , विभोम – स्वर , परिंदे , गाँव के लोग , हिमप्रस्थ , किस्सा , पुरवाई, अभिदेशक, , हस्ताक्षर , मुक्तांचल , शब्दिता , संकल्य , मुद्राराक्षस उवाच , पुष्पगंधा , 
अंतिम जन , प्राची , हरिगंधा, नेपथ्य, एक नई सुबह, एक और अंतरीप , दुनिया इन दिनों , रचना उत्सव, स्पर्श , सोच – विचार, व्यंग्य – यात्रा, समय-सुरभि- अनंत, ककसार, अभिनव प्रयास, सुखनवर , समकालीन स्पंदन, साहित्य समीर दस्तक, , विश्वगाथा, स्पंदन, अनिश, साहित्य सुषमा, प्रणाम- पर्यटन , हॉटलाइन, चाणक्य वार्ता, दलित दस्तक , सुगंध, 
नवनिकष, कविकुंभ, वीणा, यथावत , हिंदुस्तानी जबान, आलोकपर्व , साहित्य सरस्वती, युद्धरत आम आदमी , सरस्वती सुमन, संगिनी,समकालीन त्रिवेणी, मधुराक्षर, प्रेरणा अंशु , तेजस, दि – अंडरलाईन,शुभ तारिक , मुस्कान एक एहसास, सुबह की धूप, आत्मदृष्टि , हाशिये की आवाज, परिवर्तन , युवा सृजन, अक्षर वार्ता , सहचर , युवा -दृष्टि , संपर्क भाषा भारती , दृष्टिपात, नव साहित्य त्रिवेणी , नवकिरण , अरण्य वाणी, अमर उजाला, पंजाब केसरी , प्रभात खबर , राँची एक्स्प्रेस , दैनिक सवेरा , लोकमत समाचार , दैनिक जनवाणी , सच बेधड़क , डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट , नेशनल एक्स्प्रेस, इंदौर समाचार , युग जागरण, शार्प- रिपोर्टर, प्रखर गूंज साहित्यनामा, कमेरी दुनिया, आश्वसत के अलावे अन्य पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित . 
 चयन – (1 )प्रतिलिपि कथा – प्रतियोगिता 2020 में टाॅप 10 में कहानी ” गिरफ्त ” का चयन  
(2 ) पच्छिम दिशा का लंबा इंतजार ( कविता संकलन )
जब जँगल नहीं बचेंगे ( कविता संकलन ), मुआवजा ( कहानी संकलन ) 
(3)संपादन – प्रभुदयाल बंजारे के कविता संकलन ” उनका जुर्म ” का संपादन..
(4)-( www.boltizindgi.com) वेबसाइट पर कविताओं का प्रकाशन
(5) शब्द संयोजन पत्रिका में कविता ” पिता के हाथ की रेखाएँ “
 का हिंदी से नेपाली भाषा में अनुवाद सुमी लोहानी जी द्वारा और ” शब्द संयोजन ” पत्रिका में प्रकाशन आसार-2021 अंक में.
(6) चयन – साझा काव्य संकलन ” इक्कीस अलबेले कवियों की कविताएँ ” में इक्कीस कविताएँ चयनित
(7) श्री सुधीर शर्मा जी द्वारा संपादित ” हम बीस ” लघुकथाओं के साझा लघुकथा संकलन में तीन लघुकथाएँ प्रकाशित 
(8) सृजनलोक प्रकाशन के द्वारा प्रकाशित और संतोष श्रेयंस द्वारा संपादित साझा कविता संकलन ” मेरे पिता” में कविता प्रकाशित 
(9) डेली मिलाप समाचार पत्र ( हैदराबाद से प्रकाशित) दीपावली प्रतियोगिता -2021 में ” आओ मिलकर दीप जलायें ” कविता पुरस्कृत
(10) शहर परिक्रमा – पत्रिका फरवरी 2022- लघुकथा प्रतियोगिता में लघुकथा – ” रावण” को प्रथम पुरस्कार
(11) कथारंग – वार्षिकी -2022-23 में कहानी ” अंतिम बार ” 
प्रकाशित
(12)व्यंग्य वार्षिकी -2022 में व्यंग्य प्रकाशित 
(13) कुछ लघुकथाओं और व्यंग्य का पंजाबी , उड़िया भाषा में अनुवाद और प्रकाशन 
(14)17-07-2022 – वर्ल्ड पंजाबी टाइम्स चैनल द्वारा लिया गया साक्षात्कार 
(15) पुरस्कार – सम्मान – नव साहित्य त्रिवेणी के द्वारा – अंर्तराष्ट्रीय हिंदी दिवस सम्मान -2021
संप्रति – स्वतंत्र लेखन एवं व्यवसाय
संपर्क- श्री बालाजी स्पोर्ट्स सेंटर, मेघदूत मार्केट फुसरो, बोकारो झारखंड -829144


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