Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel
कहानी संग्रह झूठ बोले कौआ काटे

पुस्तक समीक्षा-रामचरण हर्षाना की कहानी संग्रह झूठ बोले कौआ काटे

रामचरण हर्षाना की कहानी संग्रह झूठ बोले कौआ काटे उम्मीद जगाता है रामचरण हर्षाना अहिन्दी भाषी होते हुए भी हिन्दी …


रामचरण हर्षाना की कहानी संग्रह झूठ बोले कौआ काटे उम्मीद जगाता है

रामचरण हर्षाना अहिन्दी भाषी होते हुए भी हिन्दी में लिखी अपनी बहुत ही महत्वपूर्ण कहानियों का संग्रह के रूप में संकलित कर “झूठ बोले कौआ काटे” शीर्षक से प्रस्तुत किया है।झूठ बोले कौआ काटे कहानी संग्रह की कहानियों के शिल्प और भाषा की मधुरता और आध्यात्मिक ज्ञान से विभूषित तत्व और व्यंग्यात्मकता की अनुभूति होती है। ।इस संग्रह में झूठ बोले कौआ काटे,महामारी के मारे,नहले पे दहला,किस्सा लव जिहाद का,जब चिड़िया चुग गई खेत,कसौटी,बोझ,एक पेंशनर की मृत्यु,सारी पापा,ईश्वर,चलो दिल्ली,दस्तक,दूध की थैली,रिश्वत,मनोचिकित्सक,टिकरवन सोलह कहानियां संकलित है।”झूठ बोले कौआ काटे” कहानी का कथ्य अत्यंत नया है संग्रह की पहली कहानी झूठ बोले कौआ काटे में प्रेम नेगी और रितू के मकान किराये पर लेने के लिए उ रूप से पति पत्नी बनने के नाटकीय प्रसंगों से लेकर दफ्तर में सहकर्मी ओम तिवारी को रितू को नकली बीबी बनकर रहने की जानकारी के बाद, मकान मालिक के साथ मिलकर मजा लेने की साजिश और उसका पटाक्षेप रितू का वास्तव में बीबी बन जाने के प्रसंग के बिंब असुरक्षा और पराजयों के बीच महानगरीय प्रेम की जटिल परतों को अनावृत करती हुई एक रोचक कहानी है। नायक प्रेम कस्बाई भावुकता से भरा भरा है। जबकि नायिका रितू इस सबसे मुक्त पढ़ी-लिखी आधुनिक है। कहानी का अप्रत्याशित अंत पाठक को चौंकाता है।

संग्रह की दूसरी कहानी महामारी के मारे एक सशक्त और रोचक कहानी है। यूँ तो यह कहानी महामारी के मारे लॉकडाउन और परिवार के घर में कैद रहने के बीच उम्रदराज लोगों के कोरोना ग्रस्त होने की दहशत की पर है। इस काल खंड को लेखक ने बहुत ही प्रभावी ढंग से रेखांकित किया है। लेखक ने कथानक को विस्तार देने के लिए अनेक विधियों का सहारा लिया है। कहानियों में फ़्लैश बाइक तकनीक का प्रयोग किया गया है । संग्रह की अन्य कहानियाँ जब चिड़िया चुग कई खेल, कसोटी, बोझ, एक पेन्शनर की मृत्यु सॉरी पापा, ईश्वर, चलो दिल्ली, दस्तक दूध की रि मनोचिकित्सक, टिकरवन अपनी पाठनीयता के संकट को चुनौतियाँ देती हुई पाठकों को पढ़ने के लिए आकर्षित करती है। समय, समाज और संवेदनाओं केन्द्र में लिखी गयी अत्यन्त मोहक कहानियाँ है जो एक तय साथ मन गहराइयों में सरक जाती हैं। रामचरण हर्षाना ने देशकाल की परिस्थितियों को अपने जीवनानुभव की परिधि में समेटते हुए अभिव्यक्त किया है। संग्रह की ज़्यादातर कहानियां अच्छी हैं । चरित्र चित्रण की दृष्टि से यह कहानी-संग्रह पाठक को सोचने के लिए विवश करता है। ईश्वर भी बस तुम्हें जो उम्मीद जगाता है कि रामचरण हर्षाना की कलम से भविष्य में बेहतर कहानियाँ पढ़ने को मिल सकती हैं । हिन्दी समाज इस संग्रह का स्वागत करेगा।

कहानी संग्रह – झूठ बोले कौआ काटे
लेखक- रामचरण हर्षाना
प्रकाशक- शतरंग प्रकाशन,एस-43 विकास दीप,स्टेशन रोड,लखनऊ-226001
E-mail : ltp284403@yahoo.com
मूल्य- 250 रुपये
पृष्ठ-102

About author

-सुरेन्द्र अग्निहोत्री
ए-305, ओ.सी.आर.
विधान सभा मार्ग;लखनऊ
मो0ः 9415508695,


Related Posts

पुस्तक समीक्षा-रामचरण हर्षाना की कहानी संग्रह झूठ बोले कौआ काटे

पुस्तक समीक्षा-रामचरण हर्षाना की कहानी संग्रह झूठ बोले कौआ काटे

June 2, 2023

रामचरण हर्षाना की कहानी संग्रह झूठ बोले कौआ काटे उम्मीद जगाता है रामचरण हर्षाना अहिन्दी भाषी होते हुए भी हिन्दी

तितली है खामोश पुरातन और आधुनिक समन्वय का सार्थक दोहा संकलन

तितली है खामोश पुरातन और आधुनिक समन्वय का सार्थक दोहा संकलन

March 4, 2023

तितली है खामोश पुरातन और आधुनिक समन्वय का सार्थक दोहा संकलन सत्यवान सौरभ स्वांत सुखाय की भावना से ही पिछले

काव्य संग्रह – मोम की मानिंद पुस्तक समीक्षा

काव्य संग्रह – मोम की मानिंद पुस्तक समीक्षा

February 24, 2022

काव्य संग्रह – मोम की मानिंद पुस्तक समीक्षा काव्य संग्रह – मोम की मानिंद लेखिका – एन. प्रीति बौद्ध पुस्तक

Yaar jaadugar and dark horse book review by Hemlata Dahiya

Yaar jaadugar and dark horse book review by Hemlata Dahiya

November 11, 2021

 ‘यार जादूगर’और ‘डार्क हार्स’ पुस्तक समीक्षा युवाओं के लिए प्रेरणास्पद हैं पुस्तक यार जादूगर और डार्क हार्स॥ आखिर इंतज़ार भी

Book review jeevangatha ek sangharsh by Surendra sharma

Book review jeevangatha ek sangharsh by Surendra sharma

October 12, 2021

 Book review “jeevangatha ek sangharsh” by Surendra sharma पुस्तक समीक्षा “जीवनगाथा एक संघर्ष”  प्रिय पाठक, सादर नमस्कार। सर्वप्रथम में आदरणीया

Leave a Comment