ना रहा यकीन तुझपे | na raha tujhpe yakeen
ना रहा यकीन तुझपे ना रहा यकीन तुझपे,ना कोई उम्मीद तुमसे। हो गई अब वो खत्म, जो थी उम्मीद तुमसे।। …
ना रहा यकीन तुझपे,ना कोई उम्मीद तुमसे।
हो गई अब वो खत्म, जो थी उम्मीद तुमसे।।
ना रहा यकीन तुझपे—————–।।
यकीन मुझे नहीं हो रहा, ऐसी नहीं थी आशा।
ऐसे दिखावोगे सबको, प्यार का तुम तमाशा।।
और होगी मेरी बदनामी , यहाँ ऐसी तुमसे।
ना रहा यकीन तुझपे—————–।।
कोशिश यह करता रहा, प्यार करोगे कभी तुम।
सुधारोगे अपना अदब, ताकि नहीं हो बेजार तुम।।
देखकर हरकत तुम्हारी, नहीं ऐसी उम्मीद तुमसे।
ना रहा यकीन तुझपे——————।।
बंदिशें क्या थी तुझपे,क्या नहीं हक दिया तुझे।
खेले बहुत हो तुम मुझसे, नहीं हो बेचैनी तुझे।।
टूट गए सारे अरमान, हो गए खाक सपनें तुझसे।
ना रहा यकीन तुझपे—————-।।
Related Posts
Tum ho meri mohabat rahogi meri
March 5, 2021
Tum ho meri mohabat rahogi meri बारिशों के बूँद सा टपकता रहातुम भी रोती रही मैं भी रोता रहाप्यार तुझको
Ab aur na aise satao sanam
February 14, 2021
poem जब से तुझ से जुड़ा फूल सा खिल गया सूखे मधुबन में जैसे कँवल खिल गया अकेले पन में
Sach pagli hme tumhi se pyar hai
February 8, 2021
कविता जब देखता हूं जिधर देखता हूं दिख जाती हो मोटे मोटे किताबों के काले काले शब्दों में दिख जाती
Har vade par asha kiya na kro
February 8, 2021
ग़ज़ल हर वादे पर आशा किया ना करो पराधीन होकर जिया ना करो लगी है
