Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

lekh

धैर्य रखिए_डॉ. माध्वी बोरसे

 धैर्य रखिए! आजकल के समय में, सभी के अंदर धैर्य की बहुत कमी है, बहुत सी बार कर्मचारियों से गलती …


 धैर्य रखिए!

धैर्य रखिए-डॉ. माध्वी बोरसे

आजकल के समय में, सभी के अंदर धैर्य की बहुत कमी है, बहुत सी बार कर्मचारियों से गलती हो जाती है, पर उसे समझाने की जगह मालिक उस पर चिल्लाने लगता है, उसे डांटने लगता है! अब जब भी वह गलती करेगा उसे आपकी डांट याद आएगी, अगर यही बात हमने उन्हें समझदारी से समझाही होती तो जब भी वह यह गलती करता तो जानता की इसके पीछे क्या नुकसान है! बचपन में भी बहुत से बच्चों को इस चीज से गुजरना होता है, कभी-कभी माता पिता और टीचर्स मैं धैर्य की कमी से उन्हें डांट पड़ती है यहां तक की मार भी पड़ती है! अब वह छोटा सा बच्चा जब जब वह गलती करेगा तो उसे उनकी डॉट और मार ही याद आएगी! कितना अच्छा होता अगर उसके बड़े उसे प्यार से समझा दे और क्या सही है, क्या गलत है, सब में फर्क बताते, पर नहीं कभी-कभी बड़ों को यह लगता है, की शॉर्टकट रास्ता अपना लिया जाए , इस डांट फटकार से उस बच्चे पर क्या असर पड़ता है, उसका उन्हें अंदाजा भी नहीं, अब बड़े होते होते जब जब कोई और भी वह गलती करेगा तो वह बच्चा यही समझेगा की डांट ना और फटकारना इसका उपाय है क्योंकि उसने भी यही देखा, समझा, और सींखा! यहां तक की जब बड़ा हो जाएगा और कोई गलती करेगा तो खुद को सजा देगा इसीलिए आजकल बहुत से लोग कभी खुद को मारते हैं, चिल्लाते हैं, यहां तक की आत्महत्या तक कर लेते हैं क्योंकि उन्हें लगता है वह सजा के पात्र हैं! अगर हम इंसान है तो हमें हर बात में इंसानियत रखनी चाहिए! हम अपने बच्चों पर किसी तरह का दबाव तो नहीं डाल रहे हैं! क्या हम उन्हें छोटी-छोटी बात पर हाथ तो नहीं उठा रहे हे! क्या सबके सामने उनके बेज्जती तो नहीं कर रहे हो!

माता पिता और टीचरस भगवान का रूप माने जाते हैं पर यह भी इंसानी व्यवहार नहीं है की हम अपनों से छोटौ पर यहां तक कि किसी पर भी हाथ उठाए और क्रोध करें या मजाक उड़ाए! 

किसी की गरिमा को ठेस पहुंचाना, चाहे वह छोटा सा बच्चा ही क्यों ना हो, सरासर गलत है! यहां तक की  गिड़गिड़ा कर, रो कर अपनी बात को मनवा ना भी अधीरता है!

अक्सर एक वाक्य पूछा जाता है की अकल बड़ी या भैंस बड़ी? क्योंकि अगर इंसान दिमाग से और शांति से कोई बड़ी से बड़ी लड़ाई लड़े तो वह लड़ाई बहुत आसानी से लड़ सकता है , अपने दिमाग के बल पर ना कि हाथ पैरों से, और यही तो फर्क है इंसान और जानवर में!

जानवर अपने बच्चों को बोलकर और समझदारी से अपनी बातों को समझा नहीं सकते हैं पर इंसान कर सकता है!

क्यों ना हमको ऊपर वाले ने माता पिता, टीचर, मालिक बनाया हो पर इन सभी रिश्तो को हम प्यार, अच्छे व्यवहार, शिष्टाचार, और धैर्य के साथ निभा सकते हैं!

छोटी सी जिंदगी है, तो क्यों ना हम सभी से प्यार से, खुशी से, शिष्टाचार से, धैर्य  से, सम्मान से, सत्कार से, अच्छाई से, समझदारी से पेश आए और सोचे, समझे कि अगर हम उनकी जगह होते तो कैसा व्यवहार चाहते, ठीक वैसा ही व्यवहार हमें किसी की गलती पर करना चाहिए! विशेष रुप से छोटे बच्चे, अच्छे व्यक्ति के साथ!

हां अगर कोई अपराध करे तो, कानूनी कार्यवाही उन अपराधियों के खिलाफ की जाए पर हमें  खुद को जीवन में शांति चाहिए, प्रसन्न मन चाहिए तो हमें खुद को और दूसरों को हर बात समझदारी और धैर्य से समझानी होगी!

पहले तो हम अपने आप को यह बात समझाएं की हर एक चीज का समाधान हो सकता है! किसी पर भी अपने या अपनों से बड़ों के फैसले को दूसरों पर ना  थोपे!

बहुत से माता पिता अपने बच्चों की शादी जल्दबाजी मैं करा देते हैं क्योंकि उनके दादा दादी  या नाना नानी की यह आखिरी इच्छा होती है, पर उन बच्चों के भविष्य का क्या? तो आप उन्हें प्यार और स्नेह देते हुए समझाएं! 

 बहुत से बच्चे शादी होते ही कुछ महीनों में अपने मां-बाप से अलग हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वह कभी नहीं समझेंगे की उनकी बहू बेटे उनसे क्या चाहते हैं! पर वो यह भूल जाते हैं की जब से वह मां-बाप बने है, तो उनकी चाहत के लिए ही तो जी रहे हैं, क्यों ना हम भी उन्हें ठीक वैसे ही समझाएं जैसे वह हमें बचपन में समझाते थे, जब उन्होंने हमें बचपन में नहीं छोड़ा तो हम उनको उनके बुढ़ापे में अलग क्यों कर दे! 

धैर्य से काम ले, हर बात पर जल्दबाजी, दुर्व्यवहार करना, अपशब्द का उपयोग करना बंद करें! 

अगर किसी की गलती करने पर आप उस पर चिल्लाते हैं और अपशब्द बोलते हैं तो वह तो गुनाहगार है पर आप मानसिक रूप से बीमार है! 

खुद को पहचाने कि हम उस शक्ति से बने हैं, हम मैं बहुत सारा, धैर्य, स्नेह, शिष्टाचार और इंसानियत है!

डॉ. माध्वी बोरसे!
( स्वरचित व मौलिक रचना)
राजस्थान (रावतभाटा)


Related Posts

Saari the great by Jay shree birmi

September 25, 2021

 साड़ी द ग्रेट  कुछ दिनों से सोशल मीडिया में एक वीडियो खूब वायरल हो रहा हैं।दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में

Dard a twacha by Jayshree birmi

September 24, 2021

 दर्द–ए–त्वचा जैसे सभी के कद अलग अलग होते हैं,कोई लंबा तो कोई छोटा,कोई पतला तो कोई मोटा वैसे भी त्वचा

Sagarbha stree ke aahar Bihar by Jay shree birmi

September 23, 2021

 सगर्भा स्त्री के आहार विहार दुनियां के सभी देशों में गर्भवती महिलाओं का विशेष ख्याल रखा जाता हैं। जाहेर वाहनों

Mahilaon ke liye surakshit va anukul mahole

September 22, 2021

 महिलाओं के लिए सुरक्षित व अनुकूल माहौल तैयार करना ज़रूरी –  भारतीय संस्कृति हमेशा ही महिलाओं को देवी के प्रतीक

Bhav rishto ke by Jay shree birmi

September 22, 2021

 बहाव रिश्तों का रिश्ते नाजुक बड़े ही होते हैं किंतु कोमल नहीं होते।कभी कभी रिश्ते दर्द बन के रह जाते

Insan ke prakar by Jay shree birmi

September 22, 2021

 इंसान के प्रकार हर इंसान की लक्षणिकता अलग अलग होती हैं।कुछ आदतों के हिसाब से देखा जाएं तो कुछ लोग

Leave a Comment