Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Bhawna_thaker, lekh

देश की संपत्ति को जलाते वक्त हाथ क्यूँ नहीं काँपते

 “देश की संपत्ति को जलाते वक्त हाथ क्यूँ नहीं काँपते” भावना ठाकर ‘भावु’ बेंगलोर कोरोना की वजह से पिछले दो …


 “देश की संपत्ति को जलाते वक्त हाथ क्यूँ नहीं काँपते”

भावना ठाकर 'भावु' बेंगलोर
भावना ठाकर ‘भावु’ बेंगलोर

कोरोना की वजह से पिछले दो सालों से वैसे भी देश की आर्थिक स्थिति डावाँडोल है, ऐसे में सरकार का साथ देने की बजाय देश को जलाकर नुकसान कर रहे है। ताज्जुब की बात है इस देश को अपना समझने वाले और देश की सेवा करने की बातें करने वाले युवान आगे बढ़ने के लिए दंगे और आतंक का सहारा लेते है।

सर ज़मीं पर कुर्बान होने सेना में भर्ती होने के लिए जानमाल जलाता है, विनाश को विकास समझते विद्या को लज्जाता है। ये देश की सेवा करेंगे? इनको देश की सेवा नहीं करनी सिर्फ़ रोटियां सेकनी है। अपने स्वार्थ के लिए सेना में भर्ती होना है। अगर सच में मातृ भूमि पर प्रेम होता तो अग्निवीर स्कीम को लेकर जो आगजनी फैलाई जा रही है उससे पहले कुछ तो सोचते।

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि हम सेना में जाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करते हैं। इसे चार साल के लिए सीमित कैसे किया जा सकता है? जिसमें ट्रेनिंग के दिन और छुट्टियां भी शामिल हों? सिर्फ तीन साल की ट्रेनिंग के बाद हम देश की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं? सरकार को इस स्कीम को वापस लेना चाहिए। माना कि आपको किसी चीज़ से आपत्ति है, विरोध दर्शाना है तो धरने दो, भूख हड़ताल करो या और रास्ता अपनाओ इस तरह से देश की संपत्ति को जलाकर नुकसान करना आपके संस्कारों पर सवाल उठाता है, आपकी नीयत पर संदेह होता है। ये विरोध नहीं लगता देश को बर्बाद करने की सोची समझी साज़िश लगती है।

जहानाबाद में प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने कहा कि हम चार साल के बाद काम करने कहां जाएंगे? चार साल की सर्विस के बाद हम लोग बेघर हो जाएंगे। अरे भै ऐसे कैसे बेघर हो जाओगे? जिनके हाथ पैर नहीं होते वो भी दो वक्त की रोटी का जुगाड़ तो कर ही लेते है। आपको उपर वाले ने दिमाग दिया है दो हाथ दो पैर दिए है अगर काम करने का मन हो और आप में हुनर हो तो काम की कमी नहीं। और उन पाँच सालों में कितने सारे कोर्स करवाए जाएंगे उस बिना पर काम तो मिल ही जाएगा। देश के नौजवानों से आग्रह है कि वह “अग्निपथयोजना” के दूरगामी प्रभावों का सही आंकलन करें। 

चार साल आपको देश की सेवा करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है, आइए स्पष्ट करते है कि क्या प्रक्रिया है, और क्या लाभ है इस योजना के। मिशन अग्निवीर के माध्यम से आप सत्रह से अठारह वर्ष की आयु में सेना में भर्ती होते हैं, और इक्कीस बाइस वर्ष की उम्र में यानी चार साल बाद रिटायर हो जाते हैं। तीस से चालीस हजार रूपए आपको तनख्वाह मिलती है, रहना खाना सरकारी होने के कारण ये पूरी तनख्वाह बचत होगी, इसमें आधा आपका और आधा सरकारी फंड में जमा होगा जो चार साल बाद रिटायर के समय आपको बारह लाख की धनराशि के रूप में मिलेंगे। और ध्यान देने वाली बात ये है कि आधे लोग परमानेंट भी हो जाएंगे। अगर सौ लोग भर्ती होते हैं तो इनमे पचास लोग पक्के हो जाएंगे ।

और बचे पचास रिटायर होते हैं उन्हें किसी न किसी कोर्स का डिप्लोमा मिलेगा अगर आप दसवीं पास है तो बारहवीं पास का सर्टिफिकेट मिलेगा , और बारहवीं पास है तो ग्रेजुएशन, और इसके अलावा आप कहीं और नौकरी करते हैं प्राइवेट या सरकारी तो उसमे भी आपके लिए विशेष रिजर्वेशन होगा।

अरे भाई और क्या चाहिए , वैसे भी इक्कीस, बाइस वर्ष तक लड़के कॉलेज करते हुए सोचते ही रहते हैं की आगे क्या किया जाए, और यहां बेहतर विकल्प है कि आप इस छोटी उम्र में रिटायर होकर घर आ रहे हैं, हाथ में पैसा लेकर और इज्ज़त लेकर, और दिल में देश प्रेम का जज्बा लेकर और आगे किसी भी नौकरी के लिए दस प्रतिशत अरक्षण लेकर।

पर सीधी बात है, इस योजना से परेशानी उन्हीं लोगों को है जो बारहवीं पास करने के बाद गली नुक्कड़ पर या तो ताश खेलते हैं ,या आते जाते लड़कियों को उल्टे सीधे कमेंट पास करते हैं, अगर आप मेहनती है , देश सेवा की लगन है तो बेशक चार साल क्या चार पल के लिए ही सही अपनी छोटी उम्र में बड़ा काम कर रहे है। यह सिर्फ़ नौकरी का अवसर मात्र नहीं है बल्कि नौकरी की अपेक्षा न रखनेवाला किसी भी नागरिक को अपनी सेवाएँ देने का अवसर देता है।

सरकार कुछ करें तो भी दिक्कत, न करें तो भी दिक्कत। अपनी सोच लगाईये देश को जलाने का काम छोड़ कर अपना जीवन संवारने में शक्ति खर्च कीजिए। ये जो आप ट्रेन बस या कोई भी सामान जला रहे हो क्या आपकी संपत्ति नहीं है? ये देश आपका नहीं है? अगर नहीं तो अपने घर पर भी आग लगाईये तब मानें। जब घर आपको इतना प्यारा है तो देश क्यूँ नहीं? जिस मिट्टी में पल कर बड़े हुए उसी का तमाशा बना रहे हो, शर्म आनी चाहिए आपको।

विरोध के नाम पर जो भी देश विरोधी गतिविधि कर देश की संपत्ति का नुकसान कर रहे है ऐसे असामाजिक तत्वों की संपत्ति नीलाम कर हर्जाना वसूलना चाहिए और आजीवन सरकारी नौकरी से वंचित रखा जाना चाहिए। राष्ट्र सेवा और राष्ट्र रक्षा के लिए सेना में जाना गौरव की बात है, जो किसीके बहकावे में आकर अपना और देश का नुकसान करने निकल पड़ते है वो क्या देश की सेवा करेंगे। देश की संपत्ति को जलता देख खून खौलता है जलाने वालों के हाथ क्यूँ नहीं काँपते।

भावना ठाकर ‘भावु’ बेंगलोर 


Related Posts

मंगलसूत्र : महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा देने वाला वैवाहिक बंधन | Mangalsutra

मंगलसूत्र : महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा देने वाला वैवाहिक बंधन | Mangalsutra

May 26, 2024

मंगलसूत्र : महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा देने वाला वैवाहिक बंधन ‘मंगल यानी शुभ और सूत्र यानी बंधन। मंगलसूत्र यानी शुभबंधन।’

नाभि बताती है वृत्ति, प्रकृति और व्यक्तित्व

नाभि बताती है वृत्ति, प्रकृति और व्यक्तित्व

May 26, 2024

नाभि बताती है वृत्ति, प्रकृति और व्यक्तित्व सामुद्रिकशास्त्र में शरीर के विभिन्न अंगों के बारे में वर्णन किया गया है।

भारतीय सिनेमा की महिला हास्य कलाकार

March 8, 2024

 भारतीय सिनेमा की महिला हास्य कलाकार बॉलीवुड में हर साल अलग-अलग जॉनर की कई फिल्में रिलीज होती हैं। कॉमेडी एक

फर्श से अर्श तक आने वालों से सीखने वाला ही- कलाकार

March 8, 2024

फर्श से अर्श तक आने वालों से सीखने वाला ही- कलाकार ट्विटर की दुनिया से लेकर इंस्टाग्राम या यूॅं कह

महा शिवरात्रि और शिवजी का प्रसाद भांग| maha Shivratri

March 8, 2024

महा शिवरात्रि और शिवजी का प्रसाद भांग ‘खइ के पान बनारस वाला, खुल जाए बंद अकल का ताला…’ चार दशक

Hum hind ki naariya | mahila divas Vishesh

March 8, 2024

 नन्हीं कड़ी में….  आज की बात   हम हिन्द की हैं नारियां... महिला दिवस पर विशेष…. हमारे भारत देश में आज के

Leave a Comment