Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

lekh, Veena_advani

दूसरों कि थाली का खाना पसंद

दूसरों कि थाली का खाना पसंद, दूसरों को भी आपकी थाली का खाना पसंद अरे-अरे क्यों नाराज़ होते अगर कोई …


दूसरों कि थाली का खाना पसंद, दूसरों को भी आपकी थाली का खाना पसंद

दूसरों कि थाली का खाना पसंद

अरे-अरे क्यों नाराज़ होते अगर कोई आपकी थाली का खाना खा रहा है तो। आप भी तो दूसरों कि थाली का खाना खाते हैं ना आखिर। तो नाराजगी किस बात की हिसाब बराबर।
जी हां, आज मैं जिस विषय को लेकर अपनी कलम से तीखे शब्दों का वार कर रही हूं वह केवल शब्दों की बनावटी माला नहीं या मेरे अंतर्मन भाव की सिर्फ कल्पना मात्र नहीं है, बल्कि बहुत बड़ी कड़वी सच्चाई है जिस से रूबरू करवाना पूरी दुनिया को जरूरी है। अब आप सोच रहे होंगे की यह कैसी बातें की दूसरों की थाली का खाना पसंद तो, दूसरों को भी हक आपकी थाली से खाना खाने का यह सब क्या है? आप, अभी भी मेरे कहने का भावार्थ नहीं समझे हैं। शब्दों का चांटा कभी भी किसी के गाल पर सीधे ना मार कर, घुमा फिरा कर ऐसा चांटा मारा जाए कि वह चांटा सीधे उसकी रूह को घायल कर दे। इसलिए मेरे लिखे शब्दों का चांटा घुमा कर उल्टा सीधा ही सही परंतु हकीकत भरे आईने में कालिख लगा उन लोगों को चेहरा दिखाना बहुत जरूरी है जो दूसरों कि थाली का तो चटखारे लेकर खाना पसंद करते, परंतु कोई उनकी थाली में नजर भी उठा कर देखें तो क़त्ल तक करने के लिए तैयार हो जाते। तो आइये समझिए अब मेरे शब्दों के भावार्थ को- यहां बात हो रही है आज के वर्तमान युग में चल रहे प्रेम जगत के मायाजाल की। इस प्रेम के मायाजाल में नव युवा पीढ़ी जो कि अभी अविवाहित हैं उनको यदि छोड़ दिया जाए, तो देखा जाएगा कि आज के समय में बहुत सारे विवाहित पुरूष जो विवाहित होने के बावजूद, साथ ही बच्चों के पिता होने के बावजूद भी दूसरों की बीवियों पर डोरे डालते रहते हैं किसी भी प्रकार से दूसरों की बीवियों को फसाते जैसे कि अपने दोस्त, रिश्तेदार की बीवी, या अपने कार्यस्थल की महिलाओं को फंसा कर उनका अनैतिक फायदा उठाते हैं वो महिलाएं जो की पहले से ही शादीशुदा हैं उन्हें आप इस प्रकार प्रेम माया जाल में फसा कर उनसे शारिरीक सुख पाते यह जानते हुए भी की इससे आपकी खुद की और उस महिला की भी शादीशुदा जिंदगी में जहर घुलेगा फिर भी अनैतिक रिश्ते बनाते। आप अपनी उस पत्नी को धोखा देते जो आपके लिए सब कुछ छोड़ कर आई और आपके भरोसे सिर्फ आपके प्यार के खातिर आपके साथ रह रही है। आपकी संतानों की परवरिश भी कर रही है उसी बीवी को दिन रात अंधेरे में रखकर धोखा देते हैं। यदि किसी की बीवी को पता चले और वह विरोध करें तो उसी को ही चरित्रहीन भी बताते हैं दुनिया के सामने। सिर्फ अपने पाप को छुपाने के लिए। आप सिर्फ अपनी भूख मिटाने के लिए अपने बच्चों को और बीवी को दिन रात अंधेरे में रखते हैं। छुप-छुप कर दूसरों की बीवी से मिलना क्या यह जायज है और हां बहुत बार तो आप पकड़ा भी जाते हैं। देर रात तक दूसरे की बीवी के साथ सोशल मीडिया पर मजे लूटना अगर इन सब चीजों में आपको आनंद आता है। तो ठीक उसी तरह दूसरे मर्दों को भी आपकी थाली का खाना, खाना बहुत पसंद आता है। मतलब आपकी बीवी को भी दूसरे मर्द फंसाते हैं और उनके साथ प्रेम का मकड़जाल बनाकर उनका फायदा उठा सकते हैं जैसा की आप दूसरों की बीवी के साथ उठा रहे हैं। ठीक उसी तरह दूसरे भी आपकी बीवी के साथ वह सब कर सकते जो आप कर रहे हैं। और हां इसमें आपकी बीवी भी यदि हामी भरती है तो उसके जिम्मेदार सिर्फ आप स्वयं है क्योंकि दूसरी या बाहरी रखैल के लिए आप अपनी बीवी को नजर अंदाज करते उसे उसके हक के प्रेम से वंचित करते तो वो भी प्रेम और सम्मान पाकर वशीभूत हो जाती परायों से। अब आप शायद मेरे इस कटाक्ष भरे शब्दों को समझ गए होंगे कि यदि आपको दूसरों की थाली का खाना पसंद है तो दूसरे भी आपकी थाली को चाट-चाट कर खा सकते हैं और आप कुछ नहीं कर सकते क्योंकि आपके आगे प्रश्नों की झड़ी सबसे पहले आपकी बीवी ही लगाएगी कि जब आप दूसरों की बीवी से छुप-छुपकर मिल सकते हैं कभी बैंक में, कभी मंदिर में, कभी किसी गुप्त कमरे में, कभी दूसरे शहर में, तो कभी कहीं ओर। आज यदि किसी औरत को उसका पति छलनी कर देता भीतर तक सिर्फ दूसरी औरत की खातिर तो धीरे-धीरे औरत भी पत्थर दिल बन जाती। और झुक जाती दूसरों से मिले सम्मान, मोहब्बत से भरे शब्दों की ओर। वो भी उसी आनंद की अनुभूति में डूब ये सोच खुश होती की उसका भी कोई है जो उसे मोहब्बत दे कद्र करता। उसे एहसास दिलाता की कमी उसमें नहीं उसके पति मे है जो उसकी कद्र ना कर पाया। अपनापन पाकर यदि आपकी बीवी झुक उन सम्मान भरे शब्दों से ही खुद को सिंगार ने लगे तो।जैसे आप दूसरों कि बीवी संग आनंद पाते ठीक उसी तरह दूसरे आपकी बीवी के साथ आनंद लेते। यदि कोई दूसरा मर्द यह सब करें आपकी थाली के साथ तो इसमें आपको अचंभित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि एक कहावत बहुत प्रचलित है। जो जैसा करेगा वह वैसा भरेगा और आज कल तो ये कहावत आम हो गई है।

About author

Veena advani
वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर , महाराष्ट्र

Related Posts

Bharteey paramparagat lokvidhaon ko viluptta se bachana jaruri

August 25, 2021

भारतीय परंपरागत लोकविधाओंं, लोककथाओंं को विलुप्तता से बचाना जरूरी – यह हमारी संस्कृति की वाहक – हमारी भाषा की सूक्ष्मता,

Dukh aur parishram ka mahatv

August 25, 2021

दुख और परिश्रम का मानव जीवन में महत्व – दुख बिना हृदय निर्मल नहीं, परिश्रम बिना विकास नहीं कठोर परिश्रम

Samasya ke samadhan ke bare me sochne se raste milte hai

August 25, 2021

समस्या के बारे में सोचने से परेशानी मिलती है – समाधान के बारे में सोचने से रास्ते मिलते हैं किसी

Scrap policy Lekh by jayshree birmi

August 25, 2021

स्क्रैप पॉलिसी      देश में प्रदूषण कम करने के लिए सरकार कई दिशाओं में काम कर रही हैं,जिसमे से प्रमुख

Afeem ki arthvyavastha aur asthirta se jujhta afganistan

August 25, 2021

 अफीम की अर्थव्यवस्था और अस्थिरता से जूझता अफगानिस्तान– अफगानिस्तान के लिए अंग्रेजी शब्द का “AAA” अल्ला ,आर्मी, और अमेरिका सबसे

Lekh by jayshree birmi

August 22, 2021

 लेख आज नेट पे पढ़ा कि अमेरिका के टेक्सास प्रांत के गेलवेस्टैन काउंटी के, जी. ओ. पी. काउंसील के सभ्य

Leave a Comment