Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Laxmi Dixit, lekh

दशानन: एक वैचारिक अध्ययन | Dashanan: A Conceptual Study

दशानन: एक वैचारिक अध्ययन नवरात्रों के अवसर पर माता के पंडालों के दर्शन हेतु बाहर जाना होता था तो बाजार …


दशानन: एक वैचारिक अध्ययन

दशानन: एक वैचारिक अध्ययन | Dashanan: A Conceptual Study

नवरात्रों के अवसर पर माता के पंडालों के दर्शन हेतु बाहर जाना होता था तो बाजार में सड़क किनारे थोड़ी-थोड़ी दूरी पर कई जगह रावण के कागज और पैरे के पुतले बिकते हुए दिखते थे जिन्हें लकड़ी के फ्रेम पर बनाया गया था। एक फुट के पुतले से लेकर 10 फुट के पुतले तक बाजार में उपलब्ध थे जिनकी कीमत 50 से लेकर दस हजार तक थी। पुतलो में रावण के 10 सर लगे होते थे जिन्हें देखकर एक सवाल मन में आया कि क्या सच में रावण के 10 सर थे? क्या यह मुमकिन है? मैंने इस विषय में लाइब्रेरी और इंटरनेट को खंगाला तो ज्ञात हुआ कि कुछ विद्वान मानते हैं कि रावण के दस सर नहीं थे बल्कि वो दस सर होने का भ्रम पैदा कर देता था।

वहीं कुछ और विद्वानों का मानना है कि रावण चार वेदों और 6 दर्शन का ज्ञाता था इसलिए उसे दस कंठी भी कहा जाता था। यह मुमकिन है कि दस कंठी होने के कारण प्रचलन में उसके दस सर मान लिए गए हों। जैन शास्त्रों के अनुसार रावण के गले में नौ बड़ी-बड़ी मणियों की माला होती थी जिसमें उसके सर दिखाई देते थे और उसके दस सर होने का भ्रम पैदा होता था। रामचरितमानस में लिखा है कि राम अपने बाण से रावण का एक सर काट देते थे तो पुनः उसी स्थान पर उसका दूसरा सर उग आता था। विचार करने की बात है कि क्या एक अंग के काट देने पर वहां दूसरा अंग उत्पन्न हो सकता है। इसका मतलब है कि रावण के दस सर कृत्रिम थे और आसुरी माया से बनाए गए थे।

वाल्मीकि रामायण में ऋषि वाल्मीकि ने कुछ चुनिंदा जगहों पर ही रावण को दशानन, दसग्रीव और दसकन्धर जैसे उपनामों से संबोधित किया है और जहां भी इन नामों से संबोधित किया गया है वहां वह अपने नौ खास मंत्रियों से घिरा हुआ बैठा है। जबकि अन्य जगहों पर रावण के लिए लंकेश, लंकेश्वर, राक्षसेंद्र जैसे उपनामों से संबोधित किया गया है। रावण के नौ मंत्री कुंभकरण, विभीषण, महापाश्रर्व और महोदर (भाई), इंद्रजीत और अक्षय कुमार(बेटे), माल्यवान(नाना का भाई), विरुपाक्ष (माल्यवान का बेटा और सचिव) और प्रहस्त( मामा और प्रधानमंत्री) उसके भाई, भतीजे, मामा, नाना सगे रिश्तेदार ही थे। एक अन्य प्रसंग के अनुसार जब रावण की घायल बहन शूपर्णखा रावण के राज दरबार में आती है तो रावण अपने मंत्रियों से घिरा हुआ बैठा है और उसके 20 भुजाएं और 10 सर हैं, “विंशदभुजं, दशग्रीवं दर्शनीयपरिच्छदम।” इसी प्रकार जब हनुमान जी को बंदी बनाकर रावण के राज दरबार में प्रस्तुत किया जाता है तो हनुमान जी देखते हैं कि रावण के 10 सर और बीस भुजाएं हैं। यहां यह बताना भी जरूरी है कि इसके एक रात पहले सीता को खोजते हुए हनुमान जी जब रावण के अतः पुर में घुसते हैं और रावण को सोते हुए देखते हैं तो वो स्पष्ट रूप से बिना किसी भ्रम के उसके एक सर और दो हाथों को ही देखते हैं।

ज्यादातर विद्वानों और पुराणों का भी कहना है कि रावण एक मायावी व्यक्ति था जो अपने दस सर और बीस हाथ होने का भ्रम पैदा कर सकता था। मारीच जो की ताड़का का बेटा था का सोने का मृग बन जाना, सीता के सामने रावण का राम का कटा हुआ सिर रखना ये सब यह दर्शाते हैं कि रावण एक मायावी व्यक्ति था जो की विभिन्न प्रकार के इंद्रजाल (जादू) को जानता था और मति भ्रम पैदा कर सकता था। हम सब जानते हैं कि रावण के दस सर उसको शिवजी का दिए हुए वरदान के फल स्वरुप थे लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यह रावण के दस सर एक मेडिकल कंडीशन थी यानी कि एक बीमारी। हालांकि चिंतकों का कहना है कि रावण के दस सर उसके 10 प्रकार के विकार थे जो है काम, क्रोध, लोभ, मोह, घृणा, द्वेष, अहंकार, व्याभिचार, पक्षपात और धोखा। मतलब की रावण के दस सर प्रतीकात्मक थे ना कि प्राकृतिक।
© लक्ष्मी दीक्षित

About author 

Laxmi Dixit
लक्ष्मी दीक्षित
(लेखिका, आध्यात्मिक गाइड)

Related Posts

सावधानी से चुने माहौल, मित्र एवं जीवनसाथी

सावधानी से चुने माहौल, मित्र एवं जीवनसाथी

May 26, 2024

सावधानी से चुने माहौल, मित्र एवं जीवनसाथी अगर आप विजेता बनना चाहते हैं, तो विजेताओं के साथ रहें। अगर आप

विचारों की भी होती है मौत

विचारों की भी होती है मौत

May 26, 2024

प्रत्येक दिन दिमाग में 6,000 विचार आते हैं, इनमें 80% नकारात्मक होते हैं। इन नकारात्मक विचारों से दूर रहने के

स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह

स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह

May 26, 2024

स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह तीरंदाज एक बार में एक ही लक्ष्य पर निशाना साधता है। गोली चलाने वाला एक

जो लोग लक्ष्य नहीं बनाते हैं, | jo log lakshya nhi banate

जो लोग लक्ष्य नहीं बनाते हैं, | jo log lakshya nhi banate

May 26, 2024

 जो लोग लक्ष्य नहीं बनाते हैं, वे लक्ष्य बनाने वाले लोगों के लिए काम करते हैं। यदि आप अपनी योजना

हर दिन डायरी में कलम से लिखें अपना लक्ष्य

हर दिन डायरी में कलम से लिखें अपना लक्ष्य

May 26, 2024

हर दिन डायरी में कलम से लिखें अपना लक्ष्य सबसे पहले अपने जिंदगी के लक्ष्य को निर्धारित करें। अपने प्रत्येक

महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्राचीन काल से जागरूक रही

महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्राचीन काल से जागरूक रही

May 26, 2024

महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्राचीन काल से जागरूक रही पर्यावरण शब्द का चलन नया है, पर इसमें जुड़ी चिंता

Leave a Comment