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kishan bhavnani, poem

थम जाता संसार अगर ना होती बेटियां

भावनानी के भाव थम जाता संसार अगर ना होती बेटियां घर की जान होती है बेटियांपिता की आन बान शान …


भावनानी के भाव

थम जाता संसार अगर ना होती बेटियां

थम जाता संसार अगर ना होती बेटियां

घर की जान होती है बेटियां
पिता की आन बान शान होती है बेटियां
बेटों से कम नहीं होती है बेटियां
पिता का गुमान होती है बेटियां

दो कुलों का मान होती है बेटियां
पूरे घर की जान होती है बेटियां
घर परिवार आबाद करती है बेटियां
थम जाता संसार अगर ना होती बेटियां

मां बहू भाभी पत्नी बनकर सेवा करती है बेटियां
खुद अपमान सह दूसरों को मान देती है बेटियां
कमियों को भुला जो मिले उसमें खुश है बेटियां
हर हाल में खुश हो मुस्कुराती रहती है बेटियां

अपनी पहचान मिटा दूसरों की पहचान अपनाती है बेटियां
बहू बन सास ससुर की सेवा करती है बेटियां
सुनो जग वालों धन मन हृदय सब कुछ है बेटियां
लक्ष्मी सरस्वती पार्वती का रूप है बेटियां

About author

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र 

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