Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

mainuddin_Kohri, poem

तू ही तू है- नाचीज़ बीकानेरी “

तू ही -तू है जमीं से फलक तक तू ही -तू है । दिल की धड़कनों में तू ही – …


तू ही -तू है

तू ही तू है- नाचीज़ बीकानेरी "
जमीं से फलक तक तू ही -तू है ।

दिल की धड़कनों में तू ही – तू है।।
तेरे दीदार का तलबगार मैं भी हूँ ।
मेरे ज़हन में फ़क़त तू ही – तू है ।।
तेरी एक झलक पाने को बेताब हूँ ।
जिस तरफ भी देखता हूँ तू ही-तू है।।
हरसू तेरा ही अक़्श नज़र आता है ।
दुनियाँ के आईने में बस तू ही -तू है ।।
जब से तेरे रुखसार की तलब की मैंने।
जिंदगी की हर सैह में देखा तू ही-तू है।।
रात की तन्हाई में भी तू ही नजर आए ।
हर करवट – करवट में भी तू ही-तू है ।।
जिंदगी के हर पहर- सजर में नजर आए।
नाचीज़ के ख़्वाब की ताबीर में तू ही-तू है।

“नाचीज़ बीकानेरी “
*मो–9680868028


Related Posts

कविता – चुप है मेरा एहसास

October 30, 2023

चुप है मेरा एहसास चुप है मेरा हर एहसासक्यों किया किसी ने विश्वासघात?हो गया मेरा हर लफ्ज़ खामोशआज मेरा हर

कविता क्या हुआ आज टूटा है इंसान

October 28, 2023

क्या हुआ आज टूटा है इंसान क्या हुआ जो आज बिखरा है इंसानक्या हुआ जो आज टूटा हुआ है इंसानअरे

कविता – याद करती हो?

October 28, 2023

याद करती हो? सुनो दिकु…. क्या आज भी तुम मुज़े याद करती हो?मेरी तरह क्या तुम भी, आँखें बंदकर मुज़

गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

October 22, 2023

गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।। 1-निश्चय निश्चित निष्छल काल दौर स्वीकारता कर्तव्य परम्परा के दायरे में सिमटना

Kavita : Virasat | विरासत

October 19, 2023

विरासत युद्ध और जंग से गुजरतेइस दौर में – सड़कों पर चलतेएंटी माइनिंग टैंकों औरबख्तरबंद गाड़ियों की आवाज़ों के बीच-

Kavita : ओ मेरी हिंदी

October 19, 2023

 ओ मेरी हिंदी मेरी हिंदी मुझे तुम्हारे अंतस् मेंमाँ का संस्कार झलकता हैक्योंकि तू मेरी माँअर्थात् मातृभाषा हैऔर मातृभाषा- मातृभूमि

PreviousNext

Leave a Comment