Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Gurudeen Verma, poem

तुमसे अब मैं क्या छुपाऊँ| Tumse ab mai kya chupaun

 तुमसे अब मैं क्या छुपाऊँ तुमसे अब मैं क्या छुपाऊँ , सोचता हूँ यह भी मैं। किस्सा खत्म ही यह …


 तुमसे अब मैं क्या छुपाऊँ

तुमसे अब मैं क्या छुपाऊँ , सोचता हूँ यह भी मैं।
किस्सा खत्म ही यह कर दूँ , बातें सारी बताकर मैं।।
तुमसे अब मैं क्या छुपाऊँ—————–।।
एक वह तू ही है बस,जिसको मैंने माना अपना।
विचार कभी यह भी आया, लुटेरा बन जाऊं मैं।।
तुमसे अब मैं क्या छुपाऊँ—————।।
नाज है तुम पर मुझको,जबकि यहाँ है हुर्र बहुत।
उनसे नहीं मतलब मुझको, चाहता हूँ तुमको ही मैं।।
तुमसे अब मैं क्या छुपाऊँ————–।।
तू भी उनमें शामिल है, जो रखते हैं मुझसे दूरी।
चाहते हो तुम मेरी बर्बादी, कर दूँ तुम्हें बर्बाद मैं।।
तुमसे अब मैं क्या छुपाऊँ————-।।
मुझसे यह होता नहीं है, छीन लूं तेरा सुख-चैन।
कर दूँ तुमको बदनाम मैं, चर्चें तेरे सब सुनाकर मैं।।
तुमसे अब मैं क्या छुपाऊँ————–।।

About author 

Gurudeen verma
शिक्षक एवं साहित्यकार-

गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)


Related Posts

kavita purane panne by Anita sharma

May 31, 2021

पुराने पन्ने चलो पुराने पन्नों को पलटाये,फिर उन पन्नों को सी लेते हैं।उसमें दबे अरमानो में से ही,कुछ अरमान जीवन्त

kavita shahar by Ajay jha

May 31, 2021

शहर. मैं शहर हूँ बस्तियों की परिधि में बसा मजबूर मजलूम पलायित नि:सरित श्रम स्वेद निर्मित अभिलाषा लिए अतीत का

kavita meri kavitaon mein jitendra kabir

May 31, 2021

मेरी कविताओं में… मेरी कविताओं में है… तुमसे जो मिली थी पहली नजर और उसके बाद निहार पाया तुम्हें जितना

Gazal – kya karu by kaleem Raza

May 31, 2021

ग़ज़ल – क्या  करू मै  तुम कहो तो अश्क आंखो से गिराऊं क्या बैठकर मै पास हाले दिल सुनाऊं क्या

kavita Dhairya na khona tum. samunder singh

May 31, 2021

कविता – धैर्य न खोना तुम आँसू से मुँह न धोना तुम। जीवन में धैर्य न खोना तुम।हर दिन सपने

kavita samay mansa wacha up.

May 31, 2021

  कविता – समय बुरे समय में साथ छोड़ने का बहाना ढूंढने वाले और साथ निभाने का बहाना ढूंढने वाले

Leave a Comment