Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, lekh

डिजिटल कृषि

डिजिटल कृषि कृषि कार्यों में प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमता का बढ़ता उपयोग और जलवायु चुनौती से सुरक्षा समय की मांग प्रतिभाशाली …


डिजिटल कृषि

डिजिटल कृषि
कृषि कार्यों में प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमता का बढ़ता उपयोग और जलवायु चुनौती से सुरक्षा समय की मांग

प्रतिभाशाली भारतीय युवाओं को डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि को सशक्त बनाने में भरपूर योगदान देने की जरूरत- एड किशन भावनानी

गोंदिया – भारत एक कृषि और गांव प्रधान देश है भारत की करीब 70 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या इसमें जुड़ी है इसलिए हम मीडिया के माध्यम से देखते और सुनते हैं कि अनेक मौकों पर कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों की अधिक चर्चा होती है। इस क्षेत्र के विकास, रोजगार, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्कीमों, अनुदान पर अनेक बातें, वादविवाद, डिबेट तो हम सुनते ही हैं।
हाल ही में कृषकों का तीन कृषि कानूनों को लेकर विरोध एक बहुत बड़ा, शायद भारत के इतिहास में पहली बार इतना बड़ा और इतनी लंबी अवधि का आंदोलन भी देश ने देखा और देश ने यह भी देखा कि इस आंदोलन ने देश के इतिहास में पहली बार केंद्र सरकार को एक साथ तीन कृषि कानून वापिस लेने पर मजबूर किया!!!
हालांकि पिछले कुछ वर्षों से सरकार सकारात्मक कदम उठाते हुए कृषि क्षेत्र को विकास के नए आयामों तक पहुंचाने, डिजिटल कृषि की ओर आगे बढ़ रही है वैसे भी आज के डिजिटल इंडिया ने कृषि कार्यों में प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमता का बढ़ता उपयोग और जलवायु चुनौती से सुरक्षा, समय की मांग है।
साथियों बात अगर हम डिजिटल कृषि और कृत्रिम बुद्धिमता की करें तो आज अनेक कृषि क्रियाओं को प्रौद्योगिकी से जोड़ा गया है जिसमें हल चलाने, धान काटने, कीटनाशकों, पोषक तत्वों पर छिड़काव करने ड्रोंन का उपयोग, भूमि डिजिटल रिकॉर्ड, फसल मूल्यांकन सहित अनेक कृषि क्रियाओं, प्रक्रियाओं और कृषि संबंधी कार्य को आज एक तरह से रोबोट द्वारा संचालित और मशीनरी द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है!!!
डिजिटल कृषि से सलग्न फायदों की बात करें तो इससे कृषि कार्यों में ही नहीं इसका दूरगामी सकारात्मक लाभ खाद्य सुरक्षा, भंडारण, फसल की उन्नत किस्मों की खोज, नवाचार, नवोन्मेष का कृषिक्षेत्र में रणनीतिक रोडमैप बनाकर लॉन्गटर्म बेनिफिट देने की योजनाओं पर काम किया जा रहा है ताकि विश्व में भारत कृषि प्रधान देश के अनुसार तेजी से विकास कर भारत की प्रतिष्ठा में चार चांद लगा सके।
साथियों बात अगर हम माननीय पीएम द्वारा 5 फरवरी 2022 को एक कार्यक्रम में संबोधन की करें तो उन्होंने भी डिजिटल कृषि पर जोर दिया पीआईबी के अनुसार उन्होंने बदलते भारत के एक और आयाम यानी डिजिटल कृषि का उल्लेख किया, जिसे उन्होंने भारत का भविष्य बताया और इस बात पर जोर दिया कि प्रतिभाशाली भारतीय युवा इस क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं।
उन्होंने फसल मूल्यांकन, भूमि रिकॉर्ड डिजिटलीकरण, ड्रोन द्वारा कीटनाशकों और पोषक तत्वों का छिड़काव जैसे क्षेत्रों को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि हम इन कार्यों में प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बढ़ते उपयोग को देख रहे हैं। उन्होंने कहा, डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने के लिए भारत के प्रयास लगातार बढ़ रहे हैं।
उन्होंने देश के 15 कृषि-जलवायु क्षेत्रों और 6 मौसमों की चर्चा करते हुए भारतीय कृषि के समृद्ध प्राचीन अनुभव पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि भारत का फोकस, अपने किसानों को जलवायु चुनौती से सुरक्षा प्रदान करने के लिए मौलिकता को फिर से अपनाने और भविष्य की ओर बढ़ने के तालमेल पर है। उन्होंने कहा, हमारा ध्यान हमारे 80 प्रतिशत से अधिक किसानों पर है, जो छोटे किसानों की श्रेणी में आते हैं और जिन्हें हमारी सबसे ज्यादा जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा प्रभावित वे लोग हैं जो कम संसाधनों के साथ विकास के अंतिम पायदान पर हैं। इसीलिए, उन्होंने दुनिया से जलवायु परिवर्तन पर विशेष ध्यान देने के लिए भारत के अनुरोध को दोहराया।उन्होंने लाइफ- लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट; पी3 – प्रो प्लेनेट पीपल मूवमेंट और 2070 तक भारत नेट जीरो टारगेट के बारे में बताया। उन्होंने कहा, भारत ने क्लाइमेट चैलेंज से निपटने के लिए दुनिया से इस पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया है। प्रो-प्लेनेट पीपल एक ऐसा मूवमेंट है जो क्लाइमेट चैलेंज से निपटने के लिए हर कम्युनिटी को, हर इंडिविजुअल को क्लाइमेट रिस्पांसिबिलिटी से जोड़ता है। ये सिर्फ बातों तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत सरकार के एक्शन्स में भी रिफ्लेक्ट होता है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अमृत काल में, भारत उच्च कृषि विकास के साथ-साथ समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। कृषि क्षेत्र में महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा, कृषि में आबादी के एक बड़े हिस्से को गरीबी से बाहर निकालने और उन्हें बेहतर जीवन-शैली की ओर ले जाने की क्षमता है। यह अमृत काल भौगोलिक दृष्टि से दुर्गम क्षेत्रों के किसानों को भी नए साधन उपलब्ध कराएगा।
भारत एफपीओ और एग्रीकल्चर वैल्यू चेन स्थापित करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा, देश के छोटे किसानों को हजारों एफपीओ में संगठित करके हम उन्हें एक जागरूक और बड़ी मार्केट फोर्स बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य सिर्फ खाद्यान्न का उत्पादन बढ़ाना नहीं है। भारत के पास विश्व के एक बड़े खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम को चलाने के लिए पर्याप्त अतिरिक्त खाद्यान्न उपलब्ध है। उन्होंने कहा,हम खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा पर फोकस कर रहे हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि,,डिजिटल कृषि,,यह कृषि कार्यों में प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमता का बढ़ता उपयोग और जलवायु चुनौती से सुरक्षा समय की मांग है तथा प्रतिभाशाली भारतीय युवाओं को डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि को सशक्त बनाने में भरपूर योगदान देने की तात्कालिक ज़रूरत है।

-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ 
एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


Related Posts

Samasya ke samadhan ke bare me sochne se raste milte hai

August 25, 2021

समस्या के बारे में सोचने से परेशानी मिलती है – समाधान के बारे में सोचने से रास्ते मिलते हैं किसी

Scrap policy Lekh by jayshree birmi

August 25, 2021

स्क्रैप पॉलिसी      देश में प्रदूषण कम करने के लिए सरकार कई दिशाओं में काम कर रही हैं,जिसमे से प्रमुख

Afeem ki arthvyavastha aur asthirta se jujhta afganistan

August 25, 2021

 अफीम की अर्थव्यवस्था और अस्थिरता से जूझता अफगानिस्तान– अफगानिस्तान के लिए अंग्रेजी शब्द का “AAA” अल्ला ,आर्मी, और अमेरिका सबसे

Lekh by jayshree birmi

August 22, 2021

 लेख आज नेट पे पढ़ा कि अमेरिका के टेक्सास प्रांत के गेलवेस्टैन काउंटी के, जी. ओ. पी. काउंसील के सभ्य

Desh ka man Lekh by jayshree birmi

August 22, 2021

 देश का मान जब देश यूनियन जैक की कॉलोनी था तब की बात हैं। उस समय में भी देश को

Kahan hai swatantrata by jayshree birmi

August 22, 2021

 कहां है स्वतंत्रता खुशी मानते है हम दुनिया भरकी क्योंकि अब आया हैं स्वतंत्रता का ७५ साल, यानी कि डायमंड

Leave a Comment