Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

चोट-लघुकथा

लघुकथा – चोट बहुत देर बाद नीरव बाबू को होश आया था l शायद वो चूक गये थे l आस …


लघुकथा – चोट

चोट-लघुकथा

बहुत देर बाद नीरव बाबू को होश आया था l शायद वो चूक गये थे l आस पास के सभी लोग
भी जाने पहचाने थें l विवेक , मंटू , पुष्कर ,
उनके तीनों बेटे l और उनके जान पहचान और जाति सेना वाली संस्था से जुड़े उनके तमाम जाने- पहचाने चेहरे भी आसपास ही थें l रामानुज बाबू , शांतु कुमार ये जाति सेना के अजेय सिपाही थें l
धुंधलाती नजरें जब कुछ सीधी हुईं l तो सामने की बेड पर मतीन मिंयाँ को देखा l स्लाइन वाले ग्लूकोज की बूंदें जैसे मतीन मिंयाँ के वजूद में जिंदगी भर रही थीं l
नीरव बाबू की भृकुटि तन गई l तमतमाते हुए बोले – ” ये मनहूस यहाँ क्या कर रहा है ? इसकी शक्ल देख लो तो दिनभर खाना नसीब नहीं होता है l विधर्मी कहीं का ! नीच ! ”
” बाबा आप , आराम कीजिए l डाॅक्टर ने आपको ज्यादा बोलने के लिए मना किया है l ” विवेक , उनका बड़ा बेटा उनको तकिये पर लिटाते हुए बोला l
” वैसे भी , आपकी जान मतीन चाचा के कारण ही बच पाई है l जब आपको गाड़ी ने चौराहे पर धक्का मारा था l तो यही मतीन चाचा आपको अपनी बेकरी वाले टेंपो पर लादकर अस्पताल लाये थे l और अस्पताल में आपकी ब्लड ग्रुप का खून भी नहीं था l तब मतीन चाचा ने ही आपको खून देकर आपकी जान बचाई थी l “
नीरव बाबू को जैसे सोते से किसी ने जगाया था l वो ताउम्र छोटे- बड़े , ऊँच – नीच , धर्म- मजहब की कुंठाओं के बीच जीते आ रहे थें l उन्हें आज एक अदना सा विधर्मी मतीन ने बचा लिया था l
हे भगवान ! ये कितना बड़ा पाप वो लगातार करते आ रहे थे l उन्हें उनकी आत्मा ने धिक्कारना शुरू कर दिया l झूठे आडंबरों – कुँठाओं में कितना लताड़ते रहे उस भले आदमी को l
पता नहीं उन्हें क्या सूझा l वो उठकर बिस्तर से नीचे उतरे और मतीन मिंया को अपनी बांहों में अंकवार लिया l कमजोरी की वजह से वो लडखडा़ये लेकिन तभी मतीन मियां ने उन्हें थाम लिया l
फिर , मतीन मियां बोले – ” अमां यार बेहोश होकर गिर जाओगे l अभी तुम्हारे चलने के दिन नहींं हैं l ”
नीरव बाबू अपने आपको संभालते हुए बोले -” बेहोश तो अबतक था l अब होश में आया हूँ l मतीन मिंयाँ l ” और दोनों बूढ़े हो- हो कर हँसने लगे l

सर्वाधिकार सुरक्षित
महेश कुमार केशरी
मेघदूत मार्केट फुसरो
बोकारो झारखंड
पिन-829144
मो-9031991875

email-keshrimahesh322@gmail.com


Related Posts

Dahej pratha story by Chanda Neeta Rawat

November 9, 2021

  दहेज प्रथा  गाजीपुर के एक छोटे से गाँव में एक किसान का संपन्न परिवार रहता था किसान का नाम

Gadbi ki dhundhali diwali laghukatha by Jayshree birmi

November 7, 2021

 गडबी की धुंधली दिवाली   साल  में कई त्योहार आते हैं और हम भी खुशी खुशी मनातें हैं।लेकिन दिवाली तो

chav laghukatha by jayshree birmi

November 7, 2021

चाव जब जमना नई नई शादी कर अपने ससुराल आई थी।सब नया सा था,घर,घर के सदस्य,आसपड़ोस सब कुछ नया फिर

100 का नोट

October 23, 2021

100 का नोट बिहारीबाबू सरकारी दफ्तर में बाबू थे इसलिए सब उन्हे सरकारी बाबू के नाम से ही जानते थे।इस

Achhi soch aur paropkar by Anita Sharma

October 23, 2021

 “अच्छी सोच और परोपकार” आभा श्रीवास्तव इन्दौर में अपनी बेटी सृष्टि के साथ किराये के मकान में रहती है।बेटी सृष्टि

Amisha laghukatha by Anita Sharma

October 22, 2021

 अमीषा अमीषा आज बहुत खुश है, हो भी क्यों न उसके बेटे की सगाई जो हुई है।सुन्दर सी पढ़ी लिखी

Leave a Comment