Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, lekh

किताबी शिक्षा बनाम व्यवहारिक शिक्षा

किताबी शिक्षा बनाम व्यवहारिक शिक्षा डिग्रीयां तो पढ़ाई के खर्चे की रसीदें है – ज्ञान तो वही है जो किरदार …


किताबी शिक्षा बनाम व्यवहारिक शिक्षा

किताबी शिक्षा बनाम व्यवहारिक शिक्षा

डिग्रीयां तो पढ़ाई के खर्चे की रसीदें है – ज्ञान तो वही है जो किरदार में झलके

व्यवहारिक शिक्षा और ज्ञान में परिपक्व व्यक्तित्व का किरदार किताबी ज्ञान की डिग्री लेने पर सोने पर सुहागा होगा – एडवोकेट किशन भावनानी गोंदिया

गोंदिया – सृष्टि में अनमोल बौद्धिक ज्ञान का धनी मानवीय प्राणी को जन्म से ही परिवार, समाज, मानवीय संपर्कों से व्यवहारिक शिक्षा और ज्ञान मिलना शुरू हो जाता है। याने जैसे जैसे मानुष बाल्य काल से बचपन और फिर युवा होता है, वैसे-वैसे व्यवहारिक ज्ञान शिक्षा के माध्यम से ऑटोमेटिक अली स्वत संज्ञान से उसकी बौद्धिक क्षमता परिपक्व होती जाती है और फिर स्कूल कॉलेज से लेकर अनेक डिग्रियों यानें किताबी ज्ञान पाकर सोने पर सुहागा की कहावत हम पूरी करते हैं। इस तरह हम देखते हैं कि, शिक्षा दो तरह की होती है। एक किताबी शिक्षा और दूसरी व्यवहारिक शिक्षा। अगर किताबी शिक्षा के साथ साथ हमको व्याहारिक शिक्षा का ज्ञान नहीं है तो हम शिक्षित होते हुए भी अशिक्षित की श्रेणी में आयेंगे। और अगर हमको शिक्षा के साथ साथ व्योहारिक ज्ञान भी है तो हम शिक्षित लोगो की श्रेणी में आयेंगे।
साथियों भारत में कुछ वर्षों से हम देख रहे हैं कि कौशलता विकास पर जोरदार तरीके से फोकस किया जा रहा है जिसके लिए केंद्र सरकार द्वारा एक अलग से कौशलता विकास मंत्रालय का भी गठन किया गया है जो अनेक राज्यों में विभिन्न स्तरों पर कौशलता विकास का जन जागरण अभियान चला रहा हैं। इसके लिए हुनर हाट सहित अनेकों कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। मेरा मानना है कि इनका सबसे सटीक कारण हर नागरिक को नौकरी पाने वाला नहीं नौकरी देने वाला बनाना है, जिससे बेरोजगारी की समस्या भी दूर होगी और जो कौशलता के रूप में ज्ञान प्राप्त करेंगे, उनके किरदार में भी झलकेगा जो हमारी सदियों पुरानी संस्कृति भी रही है। इसके विपरीत हम देखते हैं कि किताबी पढ़ाई वाली डिग्रियां जिसे हम पढ़ाई के खर्चे की रसीदें भी कर सकते हैं, प्राप्त करने के बाद भी इंटर्नशिप या प्रैक्टिकल ट्रेनिंग लेना जरूरी होता है। केवल डिग्री के बलपर हम अपने व्यवसाय में प्रैक्टिस नहीं कर सकते या किसी जॉब में शामिल होने के बाद भी उसकी ट्रेनिंग लेनी होती है और हमारा किरदार उसमें झलकता है कि हम इसके विशेषज्ञ हैं फ़िर भी अक्सर देखा गया है कि बड़ी-बड़ी डिग्रियां प्राप्त करने के बाद जब सेवा करनें का मौका आता है तो अनेक लोग विदेशों में जाकर सेवाएं प्रदान करते हैं और वही बस जाते हैं इसलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे कि डिग्रियां तो पढ़ाई की रसीदें हैं, परंतु ज्ञान तो वही है जो किरदार में झलके।
साथियों बात अगर हम किताबी ज्ञान की करें तो, परिभाषा के अनुसार जिसने किताबी ज्ञान अर्जित किया हो और स्कूल कॉलेज की परीक्षाओं को पास करके डिग्री हासिल की हो वो शिक्षित है, और जिसे अक्षर ज्ञान ना हो, वो किताबी अनपढ़।पर क्या शिक्षा का अर्थ सिर्फ केवल किताबी ज्ञान अर्जित करना ही है? एक शिक्षित इंसान के द्वारा फेंका हुआ कचरा, अगर सुबह एक किताबीअशिक्षित इंसान (सफाई कर्मचारी) उठाता है।ऐसे में किसे शिक्षित कहना चाहिए सफाई कर्मचारी को या कचरा फेंकने वाले को? आजकल की शिक्षा ऐसे ही रट्टा फिकेसन की शिक्षा होती जा रही है। जहाँ मतलब समझ आए या ना आए, बस रट्टा मारों और पास हो जाओ।
साथियों शायद इसीलिये किताबी पढ़े-लिखे अनपढ़ों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ दशकों में शिक्षा का स्तर काफी बढ़ गया है पर शिक्षा की वैल्यू खत्म होती जा रही है। ध्यान दे तो याद आता है जहाँ कुछ साल पहले ग्रेजुएशन ही काफी था, आज पोस्ट ग्रेजुएशन,क्या पीएचडी की भी कोई वैल्यू नहीं है। तकनीकी शिक्षा पर जोर है। तकनीकी शिक्षा गलत नहीं है पर सिर्फ तकनीकी शिक्षा से काम नहीं चलेगा।
साथियों बात अगर हम किताबी शिक्षित और किताबी अनपढ़ व्यक्तियों की करें तो, बहुत अंतर है। किताबीअनपढ़ आदमी केलकुलेटर चलाना नहीं जानता सारा हिसाब किताब उंगलियों से करना पड़ता है पढ़ा-लिखा आदमी विना केलकुलेटर के चार में से दो घटाने के लिए भी अपनी उंगली नहीं घिसता। किताबी अनपढ़ व्यक्ति के पास अपने अनुभव के अतिरिक्त कुछ नहीं होता जबकि पढ़ा-लिखा व्यक्ति और के अनुभव भी उपयोग में ले आता है। किताबी अनपढ़ व्यक्ति अधिक प्रेक्टिकल होता है शिक्षित व्यक्ति इतनानही होता।कहीं बाहर जाने पर पढ़ा-लिखा व्यक्ति आसानी से पता ढूढ लेता है जबकि किताबी अनपढ को परेशानी होती है।एक युग था जब समाज में किताबी अनपढ बहुत थे तो उनका कामकाज भी उसी तरह चलता था ।आज किताबी अनपढ़ व्यक्ति को हर तरह की परेशानी उठानी पड़ती है। उसे पढ़े-लिखे लोगों पर आश्रित रहना पड़ता है।
साथियों बात अगर हम संस्कारों और विचारधारा की करें तो व्यवहारिक शिक्षा और ज्ञान के परिपक्व व्यक्ति अपने कुल और माता पिता की विचारधारा पर चलकर संस्कारों का परिचय देते हैं। वहीं किताबी ज्ञान डिग्री लेने वाले कुछ अपवादों को छोड़कर संस्कारों और विचारधारा में साफ फर्क दिखा देने लगते हैं अपने कुल और माता पिता की विचारधारा पुरानी और ढकोसली लगने लगती है रिश्ते नातों में कमजोरी को बल मिलता है और विवाहित होने पर सिर्फ अपने परिवार की जवाबदारी तक सीमित हो जाते हैं जबकि व्यवहारिक ज्ञान के धनी व्यक्तियों में ऐसा नहीं है परंतु यह हम जरूर कहेंगे के किताबी ज्ञान वालों से अधिक ज्ञान समझ रखने वाले व्यवहारिक ज्ञान के धनी व्यक्तियों के दोनों हाथों में मलाई होती है जिससे स्थिति अनुसार प्रयोग में करते हैं स्थिति बिगड़ी तो तुम तो पढ़े लिखे हो!! हम ठहरे अनपढ़, हमको क्या समझता है!! और परिस्थिति का हमारे तरफ झुकाव रहा तो, देखो तुम तो पढ़े लिखे हो!! तुम्हारी पढ़ाई लिखाई किस काम की? हम तो अनपढ़ ही अच्छे है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि, शिक्षा ऐसी होनी चाहिये जो हमारे मानवीय गुणों को भी विकसित करेें। हमें संवेदनशील, सहनशील और व्यवहारिक के साथ-साथ देश और समाज के प्रति जागरूक भी बनाएं। जैसे प्राचीन काल में गुरुकुल में होती थी।जहाँ ना सिर्फ पुस्तक ज्ञान सिखाते थे बल्कि आध्यात्मिक, सामाजिक, व्यवहारिक और शस्त्र ज्ञान भी शिक्षा के साथ-साथ ही सिखाया जाता था। अगर अच्छी किताबी शिक्षा या व्यवहारिक शिक्षा होने के बावजूद भी हम दकियानुसी सोच रखते हैं।अपने घर को साफ रखते हैं,पर सड़क पर कचरा करते है।दूसरो की पर्सनल लाईफ़ पर कमेंट करते हैं तो हमारे शिक्षित होने का क्या अर्थ है?इसलिए व्यवहारिक शिक्षा और ज्ञान में परिपक्व व्यक्तित्व का किरदार अगर किताबी ज्ञान की डिग्रियां ले तो सोने पर सुहागा होगा।

About author

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट 
किशन सनमुख़दास भावनानी 
गोंदिया महाराष्ट्र 

Related Posts

Vicharo me Uljha Khud Ko Talashta Mai

September 9, 2021

Vicharo  me Uljha Khud Ko Talashta Mai |विचारों में उलझा खुद को तलाशता मैं  मैं आज 25 वर्ष का हो

chaliye zindagi ko khubsurat bnate hai

September 9, 2021

चलिए सफ़र को खूबसूरत बनाते है दोस्तों आज हम आपके लिए लाए है एक खूबसूरत लेख | ये लेख chaliye

Mahgayi ritu by Jayshree birmi

September 9, 2021

 महंगाई ऋतु यह तक कि सरकार गिर जाए इतनी ताकत रखती हैं महंगा ऋतु।  ये वो ऋतु हैं जो हर

Ganesh ke gun by Jayshree birmi

September 9, 2021

 गणेश के गुण वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटी समप्रभ। निर्विध्न कुरु मे देव सर्व कार्येशु सर्वदा।।  सिमरो प्रथम गणेश,होंगे पूरे सर्व कार्य

Pahla safar ,anubhuti by Jay shree birmi

September 9, 2021

 पहला सफर,अनुभूति करोना काल में लगता था कि शायद अब दुनिया से कट कर ही रह जायेंगे। ऑनलाइन देख खूब

Zindagi choti kahani bandi by Kashmira singh

September 9, 2021

 जिंदगी छोटी कहानी बड़ी । हमारे चारो तरफ कहानियों का जाल सा फैला हुआ है । यह दीवार पर टँगी

Leave a Comment