Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Bhawna_thaker, story

कहानी-बेइन्तहाँ इश्क

 “बेइन्तहाँ इश्क” “तुम्हें देखते ही जानाँ खिलकर बहार हो जाऊँ, दूरियों पर बिरहन बन तेरे इंतज़ार में दर्द का पहाड़ …


 “बेइन्तहाँ इश्क”

भावना ठाकर 'भावु' बेंगलोर

“तुम्हें देखते ही जानाँ खिलकर बहार हो जाऊँ, दूरियों पर बिरहन बन तेरे इंतज़ार में दर्द का पहाड़ बन जाऊँ” ओए अंशू बेबी ये देख शायरी बन गई, कैसी लगी बता ना? शैली यार फ़ालतू में क्यूँ दिमाग का दहीं कर रही हो, तुझे छोड़ कर मैं अब कहीं नहीं जाने वाला so plz बाबू ख़याल भी मत लाना की हम कभी जुदा हो जाएंगे, समझी मेरी बुलबुल कहते अंशुमन चुम्बनों की बारिश करते शैली की नाजुक काया पर सराबोर बादल सा बरस पड़ा।

लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे कामदेव के अवतार सा अंशुमन, और सुंदरता की मूरत शैली मानों एक दूसरे की जान थे। बेइन्तहाँ इश्क से बंधे दोनों दो साल से साथ रहकर ज़िंदगी के मज़े लूट रहे थे। न परिवार की परवाह, न दुनिया का डर। एक दूसरे के लिए कुछ भी कर गुज़रने को बेकरार, दोनों परिपक्व उम्र के चलते रिश्ते में बंधे थे। एक दूसरे की वफ़ादारी पर रत्ती भर भी शक नहीं..एक दिन अंशुमन ऑफ़िस से खुशखबरी लेकर आया शैलू डार्लिंग तू लकी है मेरे लिए, देख अमेरिका की एक कंपनी से मुझे जाॅब ऑफ़र हुई है 20 लाख का पैकेज है तो बंदा चला अमेरिका। शैली आँखें फ़ाडकर अंशुमन को देखने लगी what do u mean अंशू तुम मुझे यहाँ अकेली छोड़ कर कैसे जा सकते हो? न बाबा मैं तुम्हें नहीं जानें दूँगी कहते शैली अंशुमन से लिपटकर रो पड़ी। अंशुमन ने शैली को बाँहों में भरते, प्यार करते, शांत करते कहा पगली फ़िलहाल दो साल के लिए जा रहा हूँ, वहाँ पर सब ठीक रहा तो वापस आकर शादी कर लेंगे और तुझे भी साथ ले जाऊँगा फिर दोनों आराम से रहेंगे प्लीज़ हाँ बोल दे। शैली ने अंशुमन के भविष्य को ध्यान में रखते बेमन से इजाज़त दे दी, उस खुशी में दोनों ने आज बियर पार्टी की और नशे में बहक कर लक्ष्मण रेखा लाँघ गये। एक हफ़्ते बाद अंशुमन चला गया दूसरे महीने शैली की तबियत खराब हो गई उल्टी, मितली के चलते टेस्ट करवाने पर पता चला वह प्रेगनेंट है। खुशखबर देने के लिए अंशुमन को फोन लगाया not reachable की ट्यून गूँजती रही। दूसरे दिन, तीसरे दिन फोन लगाते पूरे पाँच महीने बीत गए, पर अंशुमन की कोई खबर नहीं मिली। उसके साथ कोई हादसा हुआ, या उसने शैली को धोखा दिया शैली की समझ में कुछ नहीं आ रहा था। अवसाद के मारे शैली आहिस्ता-आहिस्ता पागलपन की कगार तक पहुँच गई। अंशुमन का नाम ले लेकर चिल्लाती रहती, घर की हर चीज़ में अंशुमन का स्पर्श तलाशते बावली बन रोती रहती, न ठीक से खाना खाती, न सोती। पड़ोसियों ने शैली के घरवालों को ढूँढ कर शैली को वहाँ पहुँचा दिया। घरवालों ने पचास डाॅक्टरों को दिखाया पर अंशुमन के प्यार में पागल शैली गमों का पहाड़ होती चली। 

नौ महीने पूरे होते ही डाॅक्टर ने बच्चे का ऑपरेशन से जन्म करवा दिया। सबको लगा शायद बच्चे को देखकर शैली ठीक हो जाएगी, पर बच्चे को हाथों में लेते ही अंशुमन कहते गले लगा लिया और कोमा में चली गई। दो महीने बाद अचानक से अंशुमन शैली को ढूँढता वापस आया, घर वालों ने सवालों की झड़ी लगा दी कहाँ थे, क्यूँ शैली के साथ ऐसा किया वगैरह। अंशुमन बोला सब बताता हूँ, एक दिन मैं काम से लौट रहा था तो कुछ गुंडों ने मुझे कोई और समझकर मेरा किड़नैप कर लिया था। मेरी सारी चीज़ों के साथ मेरा मोबाइल भी उन लोगों के कब्ज़े में था, न मैं अपनी खबर शैली तक पहुँचा सकता था न खुद आ सकता था। मुश्किल से जान बचाकर आया हूँ। मैं अपनी शैली को धोखा देने के बारे में सोच ही नहीं सकता, और शैली को गले लगाकर इतना ही बोला मेरी पगली क्या बताऊँ मेरे साथ क्या-क्या हुआ, पर तुमने वो शायरी क्या इसी दिन के लिए लिखी थी जो सचमुच मेरे प्यार में निर्जीव ,अडोल पहाड़ सी बन गई? देख मैं आ गया अपनी जान के पास, वापस मेरी चहकती बुलबुल बन जा। हम दोनों और हमारा बच्चा साथ-साथ रहेंगे, अब तुम्हें छोड़कर कभी, कहीं नहीं जाऊँगा प्लीज़ लौट आओ। अंशुमन के स्पर्श ने जैसे जादू जगाया हौले-हौले शैली ने आँखें खोली और प्यार में पहाड़ हो चली एक बिरहन वापस उर्जा का स्त्रोत बन गई।

भावना ठाकर ‘भावु’ बेंगलोर


Related Posts

LaghuKatha – peepal ki pukar | पीपल की पुकार

December 30, 2023

लघुकथा  पीपल की पुकार ‘दादी मां दादी मां, आपके लिए गांव से चिट्ठी आई है’, 10 साल के पोते राहुल

Story – mitrata | मित्रता

December 28, 2023

मित्रता  बारिशें रूक गई थी, नदियाँ फिर से सीमाबद्ध हो चली थी, कीचड़ भरे मार्गों का जल फिर से सूरज

Story – prayatnsheel | प्रयत्नशील

December 28, 2023

प्रयत्नशील भोजन के पश्चात विश्वामित्र ने कहा, ” सीता तुम्हें क्या आशीर्वाद दूँ, जो मनुष्य अपनी सीमाओं को पहचानता है,

Story – praja Shakti| प्रजा शक्ति

December 28, 2023

प्रजा शक्ति  युद्ध का नौवाँ दिन समाप्त हो चुका था। समुद्र तट पर दूर तक मशालें ही मशालें दिखाई दे

Story- bhagya nirmata |भाग्य निर्माता

December 28, 2023

भाग्य निर्माता काली अँधेरी रात में राम जाग रहे थे, यह वर्षा ऋतु उन्हें शत्रु प्रतीत हो रही थी ।यह

Ram Sita aur laxman ka sapna| राम , सीता और लक्ष्मण का सपना

December 28, 2023

राम , सीता और लक्ष्मण का सपना  पूर्णाहुति के पश्चात ऋषि पत्नी मंच पर खड़ी हो गईं , “ आप

Leave a Comment