Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem, Veena_advani

कविता –रौंद मुझे हंसने वाले

रौंद मुझे हंसने वाले मेरे लबों कि मुस्कुराहट लगता अब तो जैसे कहीं खो गई।यूं लगे मुझको की मेरी कलम …


रौंद मुझे हंसने वाले

मेरे लबों कि मुस्कुराहट लगता अब तो जैसे कहीं खो गई।
यूं लगे मुझको की मेरी कलम ही मेरे दर्द की दवा हो गई।।

कितने हसीन ख्वाब संजोए थे मैंने जिंदगी मे अपने कभी
टूटा हर एक ख्वाब मेरा, आज मेरी जिंदगी तबाह हो गई।।

सोचा था कभी खुद को सोलह श्रृंगार से हर पल सजाएंगे
ये सौलह श्रृंगार मेरे लिए बना नहीं सोच अंखियां रो गई।।

अच्छा लगता था जब मेरी पायल छेड़ती थी तेरे नाम लेके
आज मेरे नाम संग तेरा नाम जुड़ा देख मुझे नफरत हो गई।।

मेरी ख्वाहिश, अंतर्मन को रौंद के हंसने वाले मेरे क़ातिल
जीते-जी तू भी कभी तड़पेगा, वीना आह दे तंहा सो गई।।

About author 

वीना आडवाणी तन्वी नागपुर, महाराष्ट्र

वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्र


Related Posts

Kavita : ओ मेरी हिंदी

October 19, 2023

 ओ मेरी हिंदी मेरी हिंदी मुझे तुम्हारे अंतस् मेंमाँ का संस्कार झलकता हैक्योंकि तू मेरी माँअर्थात् मातृभाषा हैऔर मातृभाषा- मातृभूमि

Kavita on navratri

October 19, 2023

 नवरात्रि सुनो दिकु….. नौ दिन नवरात्रि केहमारे जीवन में आनंद लेकर आते हैज़िंदगी को जुमकर कैसे जिया जाता हैगरबा और

Kavita : चीन का हर माल ख़तरनाक

October 19, 2023

चीन का हर माल ख़तरनाक मैंने निजात पाया हैहर उस चीज़ पर शिवाय उसकेजो कमबख़्त चीन की डायनामाइट छछूंदर हैकितनी

शैलपुत्री

October 16, 2023

शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय के, घर बेटी एक आई। दाएं हाथ में त्रिशूल,बाएं हाथ में कमल लाई। वृषभ है वाहन इसका,इसलिए

आया है नवरात्रि का त्योहार

October 16, 2023

आया है नवरात्रि का त्योहार आया है नवरात्रि का त्योहार।नवरात्रि में माँ का सजेगा दरबार।गली-गली गूँजेंगे भजन कीर्तन,माँ अंबे की

कविता – अश्रु | kavita – Ashru

October 14, 2023

कविता – अश्रु ये आसू नही मेरा क्रोध है,क्यू तुम्हे नही ये बोध है,कमजोर मत समझो तुम मुझे,यह तुम पर

PreviousNext

Leave a Comment