Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Jayshree_birmi, lekh

अलविदा २०२१- जयश्री बिरमी

 अलविदा 2021 एक बुरे स्वप्न की समाप्ति सा लग रहा हैं इस वर्ष का समाप्त होना।और मन थोड़ा आहत भी …


 अलविदा 2021

अलविदा २०२१- जयश्री बिरमी

एक बुरे स्वप्न की समाप्ति सा लग रहा हैं इस वर्ष का समाप्त होना।और मन थोड़ा आहत भी हैं आगामी वर्ष के बारे में।ईश्वर से यही प्रार्थना हैं कि ओमिक्रोन से वो तबाही देखनी नहीं मिले जो दूसरी लहर में देखी थी।

 करोना तो वो करगया जो किसीने सोचा नहीं था,नाम ही सिर्फ करोना हैं किंतु करता सब कुछ हैं।पूरे विश्व में २८ करोड़ लोग संक्रमित हुए और ६० लाख से ज्यादा लोगो की मृत्यु हुई जिसमे अमेरिका ५ करोड़ केस के साथ अग्रणी हैं,ब्राजील २ करोड़ २५ लाख केस के साथ दूसरे नंबर पर हैं।एक साथ सैंकड़ों मृत्यु के बाद दफन किए गए लोगों की कब्र पर ताजा फूलों का होना दहशत से भर देने वाला था।एक साथ जलती कई चिताएं भी उतनी ही हृदय द्रावक थी। स्मशानों में अंतिम क्रिया के लिए लगी कतारें,दाह देने के लिए लक्कड़ियों का अभाव और एकसाथ एक ही परिवार से कई लोगों का दुनियां को छोड़ जाना यही तो दिया हैं इस साल ने।अस्पतालों के बाहर लगी रिग्नवाहीनियों की लंबी कतारें और जिन्हे ये सहूलियत नहीं मिली उनका रिक्शे ,हाथ लारी और मोटरसाइकिल पर अस्पताल पहुंचा ये कभी भी भूल पाएंगे हम! वहीं बिना ऑक्सीजन के तड़पते आप्तजनों के लिए येन केन प्रकरेन ऑक्सीजन की प्राप्ति के लिए दूर सुदूर से साइकिल या बाइक पर ऑक्सीजन सिलेंडरों का लाना या कंधे पर उठाके लाना वह कितना पीड़ादायक रहा होगा ये सोचते ही नहीं बनता।

लॉकडॉउन तो नहीं लगा किंतु परिस्थियां वैसी ही थी।इतने घातक परिणामों को देख लगता था जैसे यमलोक को छोड़ यमराज ने पृथ्वी पर वास कर लिया था।

जो संक्रमित थे वे भी तो अपनी बीमारियों से लड़ने में आर्थिक,मानसिक और भावनात्मक तरीकों से लड़ कर अपने स्वास्थ्य को वापस पाने की कोशिशों में लगे हुए थे।अंकगणित से देखे तो ये नया आया हुआ ओमिक्रॉन डेल्टा से ज्यादा फैलने की क्षमता रखता हैं तो अभी जो २०० ,३०० केसेज हैं उनको महामारी में फैलते देर नहीं लगेगी और २०२२ का साल भी इसी आतंक के साए में दुनियां को जीना पड़ेगा।१६ जनवरी से शुरू हुए वैक्सीनेशन देने की प्रक्रिया को अभी पूरा किया नहीं हैं और एक ओर वेरिएंट आ गया हैं।अगर ऐसे ही ये फैलता गया तो नए  डीएनए के साथ मिल नए नए वेरिएंट्स निकलते ही रहेंगे। 

  दूसरी ओर देखे तो मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक की बरामदगी का मामला भी काफी चर्चे में रहा।और उसी मामले के संदर्भ में राजनैतिक और कानूनी मेहकामों काफी समय तक हलचल रही और अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई हैं।

पश्चिम बंगाल में हुए चुनावों में हुई हिंसा और उसके बाद के प्रत्याघात भी विचलित करने वाले हैं।लेकिन जीत तो ममता दीदी की ही हुई।गुजरात का तो पूरा मंत्रिमंडल ही करोना की भेंट चढ़ गया और नए मंत्री मंडल ने बागडोर संभाल ली।पंजाब में सिद्धू के द्वारा जो राजनैतिक गजग्राह छेड़ा गया उसने अमरिंदर सिंह जैसे गज को मच्छंदर ने निगल लिया।और उस घटनाओं के प्रतिघात अभी  तक देखने को मिल रहें हैं।किसान आंदोलन की कानूनों को वापस लेने के बाद किसानों की घर वापसी और लखीमपुर की घटना भी इसी साल का हिस्सा थी।छत्तीस गढ़ नक्सलों के हमले में २३ जवानों की शहीदी और फिर नक्सलवादियों के खिलाफ कार्यवाही ये भी २०२१ की ही देन हैं।उत्तराखंड के ग्लेशियर  की चामिही में हुई तबाही ने केदारनाथ में आए प्रलय की याद दिला दी।चीन की गलत नीतियों से हुए एलएसी पर रहा तनाव और उससे हुए  राजकीय  और ग्लोबल प्रतिघातों से  दुनियां की शांति को हर लिया हैं।

१९७१ की पाक –भारत युद्ध के ५० साल पूरे हुए जिसका दोनों देशों में उसका उत्सव मनाया गया ।

पूरे विश्व में देखें तो इजराइल फिलिसतान का युद्ध ,जीसेसे पूरी दुनियां और युद्ध का खतरा मंडराने लगा था।ताइवान पर चीन की बुरी नजर से भी विश्व शांति का खतरे में आने का डर पैदा हो गया है।अमेरिका का अफगानिस्तान को छोड़ ना और तालिबान का अफगानिस्तान पर शासन आने से हुए नरसंहार जैसे दृश्य,भयभीत लाखों लोगों का पलायन। कन्दहार हवाई अड्डे के बम विस्फोट  में अमेरिकी सैनिकों का मारा जाना  और अफगानिस्तान में आई आर्थिक विपदा और लोगों की भुखमरी ये भी २०२१ की ही देन हैं।साउथ अफ्रीका के प्रमुख की गिरफ्तारी के विरोध में हुई हिंसा में ७२ लोगों का मारा जाना , बाईडन की जीत,ट्रंप के समर्थको का वहशियत और कैपिटल हिल पर हुआ हमला सभी विचलित करने वाली घटनाओं में सबसे ज्यादा दुखद घटना हमारे देश  को लगा जटका हैं,हमारे सी डी एस जनरल बिपिन रावत और  सैन्य के दूसरे अफसरों के साथ हेलीकॉप्टर दुर्घटना के हादसे में हुई शहीदी।एक मर्मस्थान पर हुआ आधात साबित हुआ।इस जख्म को   भरने में सालों लग जाने हैं।

 लेकिन जाते जाते दो खुशियों को हमारी जोली में डाल गया हैं २०२१ ,वो हैं काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनरोद्धार जिसे देश के मान  और आस्था को संबल दिया   जिसे देख  आस्था से सभी का मस्तक जूक जाता हैं इस ईश्वरीय शक्ति के सामने।

और दूसरा विश्व सुंदरी का ताज जीत ,देश का मान बढाने  वाली हरनाज संधू।

 हरनाज संधू का विश्वसुंदरी का ताज जितना।देश का सर २२ साल बाद गर्व से ऊंचा कर दिया हैं।पूरे देश ने इस विजय को दिल से मनाया हैं।

 आगामी वर्ष २०२२ हरेक मायने में अच्छा रहे,कोई भी विपदा नहीं आए ऐसी आशा लिए….

जयश्री बिरमी
अहमगमदाबाद


Related Posts

धंधा गैरकानूनी होगा पर जीएसटी कानूनी लगेगा !

August 10, 2023

धंधा गैरकानूनी होगा पर जीएसटी कानूनी लगेगा ! जीएसटी काउंसिल की 51 वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनों, हॉर्स रेसिंग

ख़ुद के साथ समय बिताने में जीवन के गहरे संकेत छिपे हैं

August 10, 2023

ख़ुद के साथ समय बिताने में जीवन के गहरे संकेत छिपे हैं मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक ऊर्जा और तनाव मुक्त जीवन

फ्लाइंग किस्स बनाम मणिपुर मुद्दा

August 10, 2023

फ्लाइंग किस्स बनाम मणिपुर मुद्दा बात का बतंगड़ – आंख मारने से फ्लाइंग किस्स तक रण लोकतंत्र के मंदिर में

अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023 राज्यसभा में पारित

August 10, 2023

अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023 राज्यसभा में पारित – दलालों पर नकेल कसना तय सुनिए जी ! न्यायालयों, विभिन्न सरकारी प्राधिकरणों

Super quick for special vs slow for common

August 10, 2023

 24 घंटे बनाम 72 घंटे ख़ास के लिए जबरदस्त फुर्ती बनाम आम के लिए सुस्ती   सुनिए जी ! आगे से

आम आदमी की आह – दर्द-ए-टमाटर

August 10, 2023

आम आदमी की आह – दर्द-ए-टमाटर टमाटर की महंगाई – राजभवन में टमाटर के इस्तेमाल पर राज्यपाल ने रोक लगाई

PreviousNext

Leave a Comment