Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

अपाहिज | laghukatha -apaahij

अपाहिज !! अपाहिज | laghukatha -apaahij डॉ विनीता एक गांव में लगने वाली विकलांग शिविर के लिए घर से निकली …


अपाहिज !!

अपाहिज | laghukatha -apaahij
अपाहिज | laghukatha -apaahij

डॉ विनीता एक गांव में लगने वाली विकलांग शिविर के लिए घर से निकली थी। वह हड़बड़ी में बस स्टॉप के तरफ़ भागी जा रही थी। तभी एक पैर से विकलांग नौजवान सामने आ खड़ा हुआ।

” मैडम! मैडम….। “

वह कुछ आगे बोलता उसके पहले ही विनीता गुस्से में तिलमिलाती उठी, ” तुम सबकी यही सबसे बड़ी विडंबना हैं। स्त्री देखें नहीं की बहाने ढूंढ़कर टकरा गए। ना जाने कौन सा सुख मिल जाता है तुम सब को।”

” अरे मैम!देखकर तो चलिए। आगे नो एंट्री की बोर्ड लगी हैं!” एक प्लास्टिक स्माइल देते हुए वह नौजवान आगे बढ गया।

विनीता को अपाहिज का यूँ मुस्कुराना जरा भी अच्छा नहीं लगा। बस में बैठते ही सोचने लगी, ‘ काश! अपनी गाड़ी से आई रहती तो मूड खराब नहीं होता। सुबह- सुबह ना जाने किस अपाहिज से मुलाकात हो गई।’

“टिकट! मैडम टिकट!”
आवाज़ सुनते ही डॉ विनीता की तंद्रा भंग हो गई।
जैसे ही नज़र ऊपर की फिर से वही अपाहिज सामने खड़ा था।

” मैडम जरा जल्दी कीजिए! मुझे आपको आपके मंज़िल तक पहुँचाने हैं! हमारा कंडक्टर आज डबल दिहाड़ी पर कहीं और कमाने गया हैं,उसको अपने पत्नी को डॉ बनाना हैं।और मुझे उसके पत्नी को उसके मंज़िल तक पहुँचाने में मदद करनी हैं।”

डॉ विनीता सन्न थी। सोच में डूब गई, ” अपाहिज कौन मैं या ये कंडक्टर ?

About author    

Priyanka vallari

रानी प्रियंका वल्लरी
बहादुरगढ हरियाणा


Related Posts

Sabse nalayak beta lagukatha by Akansha rai

November 9, 2021

 लघुकथासबसे नालायक बेटा डॉक्टर का यह कहना कि यह आपरेशन रिस्की है जिसमें जान भी जा सकती है,मास्टर साहब को

Dahej pratha story by Chanda Neeta Rawat

November 9, 2021

  दहेज प्रथा  गाजीपुर के एक छोटे से गाँव में एक किसान का संपन्न परिवार रहता था किसान का नाम

Gadbi ki dhundhali diwali laghukatha by Jayshree birmi

November 7, 2021

 गडबी की धुंधली दिवाली   साल  में कई त्योहार आते हैं और हम भी खुशी खुशी मनातें हैं।लेकिन दिवाली तो

chav laghukatha by jayshree birmi

November 7, 2021

चाव जब जमना नई नई शादी कर अपने ससुराल आई थी।सब नया सा था,घर,घर के सदस्य,आसपड़ोस सब कुछ नया फिर

100 का नोट

October 23, 2021

100 का नोट बिहारीबाबू सरकारी दफ्तर में बाबू थे इसलिए सब उन्हे सरकारी बाबू के नाम से ही जानते थे।इस

Achhi soch aur paropkar by Anita Sharma

October 23, 2021

 “अच्छी सोच और परोपकार” आभा श्रीवास्तव इन्दौर में अपनी बेटी सृष्टि के साथ किराये के मकान में रहती है।बेटी सृष्टि

Leave a Comment