Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

geet, mainuddin_Kohri

अणुव्रत:– गीत

 अणुव्रत:– गीत मईनुदीन कोहरी”नाचीज बीकानेरी” ~~~~~~~~~~~~~~ मेरा जीवन सादा -सद.विचारों का हो । निज पर शासन फिर अनुशासन की भाषा …


 अणुव्रत:– गीत

मईनुदीन कोहरी"नाचीज बीकानेरी"
मईनुदीन कोहरी”नाचीज बीकानेरी”

~~~~~~~~~~~~~~

मेरा जीवन सादा -सद.विचारों का हो ।

निज पर शासन फिर अनुशासन की भाषा हो ।

आओ सब जन अणुव्रत के जीवन को अपनाएं ।।।

सयंम से रहना सयंम से खाना-पीना हो ।

पर-सेवा ही जीवन की अपनी भाषा हो ।।

आओ सब जन………………….।

सत्य – अहिंसा के आभूषण को हम सब पहने ।

जाति-सम्प्रदाय से मुक्त धर्म की भाषा हो ।।

आओ सब जन………………….।

नीति परक जीवन नर-नारी सब अपनाएं ।

छोटे -छोटे संकल्प राष्ट्र परिवर्तन की आशा हो ।।

आओ सब जन………………..।

कथनी-करनी जीवन का आदर्श दर्शन बनावें ।

समाज-राष्ट्र की प्रगति जीवन की अभिलाषा हो ।।

आओ सब जन…………………।

नैतिकता जन जन के जीवन का श्रंगार बने ।

प्रेम – समरसता ही अणुव्रत की परिभाषा हो ।।

आओ सब जन……………………!

        ~~~***~~~

मईनुदीन कोहरी ” नाचीज़ बीकानेरी ” मो.9680868028

मोहल्ला कोहरियान् बीकानेरअणुव्रत :– गीत

~~~~~~~~~~~~~~

मेरा जीवन सादा -सद.विचारों का हो ।

निज पर शासन फिर अनुशासन की भाषा हो ।

आओ सब जन अणुव्रत के जीवन को अपनाएं ।।।

सयंम से रहना सयंम से खाना-पीना हो ।

पर-सेवा ही जीवन की अपनी भाषा हो ।।

आओ सब जन………………….।

सत्य – अहिंसा के आभूषण को हम सब पहने ।

जाति-सम्प्रदाय से मुक्त धर्म की भाषा हो ।।

आओ सब जन………………….।

नीति परक जीवन नर-नारी सब अपनाएं ।

छोटे -छोटे संकल्प राष्ट्र परिवर्तन की आशा हो ।।

आओ सब जन………………..।

कथनी-करनी जीवन का आदर्श दर्शन बनावें ।

समाज-राष्ट्र की प्रगति जीवन की अभिलाषा हो ।।

आओ सब जन…………………।

नैतिकता जन जन के जीवन का श्रंगार बने ।

प्रेम – समरसता ही अणुव्रत की परिभाषा हो ।।

आओ सब जन…………………..!

        ~~~***~~~

मईनुदीन कोहरी ” नाचीज़ बीकानेरी ” मो.9680868028

मोहल्ला कोहरियान् बीकानेर


Related Posts

नारी सब पर भारी हो | Naari par kavita

September 10, 2023

नारी सब पर भारी हो ! नारी हो तुमसब पर भारी होतुम किसी की बेटी बनघर की रौनक बन जाती

Gazal-ye dhuwan sa ab kahan se uthata hai

November 25, 2022

गजल ये धुआँ सा अब कहाँ से उठता है ।लगता है गरीब के घर ही जलते हैं ।। कुछ लोग

गीत साढ़े सोलह कदम/sadhe-solah-kadam

October 23, 2022

गीत साढ़े सोलह कदम न पूछ के किस – किस तरहा से मजबूर हूँअपनी रफ्तार से बस साढ़े सोलह कदम दूर

गीत -घर साथ चले

October 17, 2022

गीत -घर साथ चले रजा है के दुआओं का असर साथ चलेके मैं जब शहर जाऊँ तो घर साथ चलेमुझे

पापा मैं बोझ नहीं

September 24, 2022

विश्व बालिका दिवस पर विशेष 💓 पापा मैं बोझ नहीं 💓 मम्मी – पापा मैं बेटी हूँ आपकीपर , क्या

फूस का छप्पर

September 3, 2022

फूस का छप्पर छोटा सा फूस का छप्पर, बनाया नदियाँ के तट पर | कच्ची माटी की दीवार, उस पर

Next

Leave a Comment