Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, lekh

अखंड भारत – अविभाजित भारत की परिकल्पना

अखंड भारत – अविभाजित भारत की परिकल्पना नए संसद भवन में अखंड भारत के नक्शे नुमा म्युरल आर्ट को लेकर …


अखंड भारत – अविभाजित भारत की परिकल्पना

अखंड भारत - अविभाजित भारत की परिकल्पना

नए संसद भवन में अखंड भारत के नक्शे नुमा म्युरल आर्ट को लेकर पड़ोसी मुल्कों में टेंशन !

अखंड भारत को साकार रूप देना आसान नहीं – भारत में इस मुद्दे पर संश्यता और मुखरता से डिबेट शुरू हो गई है – एडवोकेट किशन भावनानी

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा साख और ताकत को देखकर भविष्य के बादशाह का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। जनसंख्या, डिजिटल करेंसी,डिजिटलव्यवहार सहित अनेकों क्षेत्रों में भारतप्रथम है तो अनेकों क्षेत्रों में द्वितीय और अर्थव्यवस्था में तृतीय स्थान बनाने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ठीक उसी तरह दशकों से लटके हुए काम अनुच्छेद 370को हटाना, तीन तलाक को समाप्त करना, कश्मीर घाटी में जी-20 की बैठक पड़ोसी मुल्क पर सर्जिकल स्ट्राइक, चीन की आंखों में आंखें डालकर बात करना और विकसित देशों में भारी पैठ इत्यादि उदाहरणों को देखें तो मिशन 2047, 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था, विश्व में नंबर 1 अर्थव्यवस्था वर्तमान नेतृत्व के एजेंडे में देखते हैं। परंतु हम कुछ वर्षों से देख रहे हैं कि कुछ संगठनों मुख्य रूप से नागपुर मुख्यालय के संगठन द्वारा अखंड भारत याने अविभाजित भारत की परिकल्पना को मुखरता से उठाया जा रहा है, तो वही सत्ताधारी पार्टी द्वारा इस मुद्दे पर संश्यता से बोला जा रहा है और बात ठीक भी है क्योंकि अनुच्छेद 370 हटाने जैसा इतना आसान मामला नहीं है, भारत ही नहीं है बल्कि अनेकों देशों को एक साथ मिलाने वाली बात है। परंतु मेरा मानना है कि भारत बोलने मैं नहीं रिजल्ट दिखाने में विश्वास रखता है जिसे हमने सर्जिकल स्ट्राइक और 370 के मामलों में देखे हैं। चूंकि भारत नए संसद भवन में अखंड भारत के नक्शे नुमा म्यूरल आर्ट को रखकर विशालता सीटों से संसद भवन को बनाकर कहीं अखंड भारत की ओर बढ़ने का मिशन तो तैयार नहीं कर रहा है, ऐसी सोच नें नेपाल भूटान बांग्लादेश और पाकिस्तान की न केवल टेंशन बढ़ा रही है, साथ ही नाराजगी भी दिखाई गई है। इसी के चलते काठमांडू के मेयर ने एक बड़ा कदम उठाया है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे अखंड भारत और अविभाजित भारत की परिकल्पना।

साथियों बात अगर हम वास्तविक अखंड भारत की करें तो, अखण्ड भारत में आज के अफगानिस्थान, पाकिस्तान , तिब्बत,भूटान, म्यांमार बांग्लादेश, श्रीलंका आते है केवल इतना ही नहीं कालान्तर में भारत के साम्राज्य में आज के मलेशिया,फिलीपीन्स ,थाईलैण्ड ,दक्षिण वियतनाम कम्बोडिया इण्डोनेशिया आदि में सम्मिलित थे। सन् 1875 तक (अफगानिस्थान, पाकिस्तान , तिब्बत, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका) भारत के ही भाग थे लेकिन 1857 की क्रांति के पश्चात ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिल गई थी। उन्हें लगा की इतने बड़े भू-भाग का दोहन एक केन्द्र से करना सम्भव नहीं है एवं फुट डालो एवं शासन करो की नीति अपनायी एवं भारत को अनेकानेक छोटे-छोटे हिस्सो में बाँट दिया केवल इतना ही नहीं यह भी सुनिश्चित किया की कालान्तर में भारतवर्ष पुनः अखण्ड न बन सके अफ़गानिस्तान (1876) , विघटन की इस शृंखला का प्रारम्भ अफ़गानिस्तान से हुआ जब सन् 1876 में रूस एवं ब्रिटैन के बीच हुई गण्डामक सन्धि के बाद अफ़गानिस्तान भूटान (1906) श्रीलंका (1935) पाकिस्तान (1947) बंग्लादेश (1971) बर्मा (म्यामार) (1937) विभाजित हुए।
साथियों बात अगर हम 28 मई 2023 को उद्घाटित नए संसद भवन में लगे म्यूरल आर्ट की करें तो, भारत के पीएम देश के नए और बेहतरीन संसद भवन के लोकार्पण के साथ कुछ पड़ोसी देशो की चिंता भी बढ़ा दी थी। इसकी वजह थी नए संसद भवन में लगे एक म्यूरल आर्ट। दरअसल नए संसद भवन में अखंड भारत के नक्शेनुमा म्यूरल आर्ट को लगाया गया है। इस वजह से नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और पाकिस्तान की टेंशन तो बढ़ी थी ही, साथ ही इनकी नाराज़गी भी। नए संसद भवन में अखंड भारत का म्यूरल आर्ट देखकर ये देश भड़क भी गए। इसी के चलते अब काठमांडू के मेयर ने एक बड़ा कदम उठाया है।

साथियों बात अगर हम काठमांडू के मेयर के एक कदम की करें तो, भारत के इलाके पर ठोका दाव, अखंड भारत के म्यूरल आर्ट से भड़ककर काठमांडू के मेयर ने एक कदम उठाया है। उन्होंने अपने ऑफिस में ग्रेटर नेपाल के नक्शे को तस्वीर लगाईं है। इसमें पूर्वी तीस्ता से लेकर पश्चिम कांगड़ा तक के इलाके, जो भारत का हिस्सा है, को नेपाल में दिखाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार इस नक्शे में उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों को भी दिखाया गया है। नेपाल सरकार की तरफ से अब तक काठमांडू के मेयर के इस कदम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। क्या है नेपाल के भड़कने का कारण?भारत के नए संसद भवन में लगे अखंड भारत के म्यूरल आर्ट में प्राचीनकाल में भारत के नक्शे को दर्शाया गया है। अखंड भारत के इस नक्शे में वर्तमान का पाकिस्तान, नेपालअफगानिस्तान, मालदीव, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश दिखाए गए हैं, जो तत्कालीन समय में भारत का ही हिस्सा थे। ऐसे में कुछ पडोसी देश इसे भारत की विस्तारवादी मानसिकता मान रहे हैं और इससे भविष्य को लेकर चिंतित हो रहे हैं। साथ ही भड़क भी रहे हैं। सबसे ज़्यादा इस मामले को पाकिस्तान और नेपाल में कुछ राजनीतिक दलों के सदस्य खींच रहे हैं।नेपाल की संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के महासचिव ने गुरुवार को कहा- ग्रेटर नेपाल के नक्शे को ऑफिशियली पब्लिश करना चाहिए। अगर भारत ने कल्चरल मैप पब्लिश किया है तो हमारे पास भी हक है कि हम ग्रेटर नेपाल का कल्चरल मैप पब्लिश करें। भारत को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
साथियों बात अगर हम इस मामले में नेपाल के पीएम के बयान की करें तो वे बोले, भारत दौरे पर पीएम से चर्चा की थी, अखंड भारत महज सांस्कृतिक मैप है, नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड जिन्होंने हाल ही में भारत यात्रा की है, ने अखंड भारत के नक्शे पर भारत का साथ दिया। थापा के बयान पर उन्होंने संसद में कहा- मैंने भारत यात्रा के दौरान अखंड भारत के नक्शे का मुद्दा उठाया था। तब भारत ने मुझे बताया कि ये सिर्फ एक सांस्कृतिक मैप है, जो इतिहास दिखा रहा है। इसे राजनीतिक तौर पर न देखा जाए। दरअसल, नेपाल में अब भी कई लोग ग्रेटर नेपाल के हिस्सों को वापस लेने की मांग करते रहते हैं। यहां राष्ट्रवादी कार्यकर्ता नेपाल लंबे समय से अखंड नेपाल के लिए प्रचार कर रहे हैं। नेपाल के कुछ दलों के नेताओं का कहना है कि उसका, जो हिस्सा सालों पहले भारत में मिला लिया गया था, उसे अब लौटा दिया जाना चाहिए।
साथियों बात अगर हम इस मामले में भारतीय विदेश मंत्री के बयान की करें तो वे बोले, अखंड भारत का नक्शा अशोक साम्राज्य को दिखाता है। इसका राजनीति से कोई लेनादेना नहीं है। नेपाल जैसे फ्रेंडली देश इस बात को समझ चुके हैं। इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि नई संसद में लगा अखंड भारत का नक्शा अशोक साम्राज्य के विस्तार को दिखाता है। इसके लिए नक्शे के सामने एक बोर्ड लगाकर जानकारी भी दी गई है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अखंड भारत – अविभाजित भारत की परिकल्पना। नए संसद भवन में अखंड भारत के नक्शे नुमा म्युरल आर्ट को लेकर पड़ोसी मुल्कों में टेंशन ! अखंड भारत को साकार रूप देना आसान नहीं – भारत में इस मुद्दे पर संश्यता और मुखरता से डिबेट शुरू हो गई है।

About author

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट 
किशन सनमुख़दास भावनानी 
गोंदिया महाराष्ट्र

Related Posts

janmdin jeevanyatra by Maynuddin Kohri

July 25, 2021

जन्मदिन —- जीवनयात्रा  आजादी के बाद के काले बादल छट जाने के बाद देश मे अमन चैन,गणतन्त्र भारत की सुखद

Guru govind dono khade kako lagu paye by jayshri birmi

July 23, 2021

गुरु गोविंद दोनो खड़े काको लागू पाए अपने देश में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊंचा कहा गया है।

Naari gulami ka ek prateek ghunghat pratha by arvind kalma

July 23, 2021

नारी गुलामी का एक प्रतीक घूंघट प्रथा भारत में मुगलों के जमाने से घूँघट प्रथा का प्रदर्शन ज्यादा बढ़ा क्योंकि

OTT OVER THE TOP Entertainment ka naya platform

July 23, 2021

 ओटीटी (ओवर-द-टॉप):- एंटरटेनमेंट का नया प्लेटफॉर्म ओवर-द-टॉप (ओटीटी) मीडिया सेवा ऑनलाइन सामग्री प्रदाता है जो स्ट्रीमिंग मीडिया को एक स्टैंडअलोन

Lekh jeena jaruri ya jinda rahna by sudhir Srivastava

July 23, 2021

 लेखजीना जरूरी या जिंदा रहना        शीर्षक देखकर चौंक गये न आप भी, थोड़ा स्वाभाविक भी है और

Ram mandir Ayodhya | Ram mandir news

July 21, 2021

 Ram mandir Ayodhya | Ram mandir news  इस आर्टिकल मे हम जानेंगे विश्व प्रसिद्ध राम मंदिर से जुड़ी खबरों के

Leave a Comment