Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Jitendra_Kabir, poem

सफेद आसमां- जितेन्द्र ‘कबीर’

सफेद आसमां कड़ाके की सर्दी मेंरजाई का मोह छोड़ पाओ अगरतो निकलो बाहर जराआंगन चौबारे तक, देखो ऊपर!आसमान बरसा रहा …


सफेद आसमां

सफेद आसमां- जितेन्द्र 'कबीर'
कड़ाके की सर्दी में
रजाई का मोह छोड़ पाओ अगर
तो निकलो बाहर जरा
आंगन चौबारे तक,

देखो ऊपर!
आसमान बरसा रहा है
रुई से झक सफेद बर्फ के फाहे,
दोनों बाहें फैलाकर
अपने अंदर बसा लो इस
अलौकिक दृश्य को,

निहारते जाओगे आसमान को
तो महसूस करोगे खुद को
धरती से आसमान की ओर
जाते हुए,
अपनी लघुता एवं क्षुद्रता को
नीचे धरती पर छोड़
ब्रह्माण्ड की लीला में
परम आनंद की अनुभूति
पाते हुए।

जितेन्द्र ‘कबीर’ 
साहित्यिक नाम – जितेन्द्र ‘कबीर’
संप्रति – अध्यापक
पता – जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश 176314
संपर्क सूत्र – 7018558314


Related Posts

kavita purane panne by Anita sharma

May 31, 2021

पुराने पन्ने चलो पुराने पन्नों को पलटाये,फिर उन पन्नों को सी लेते हैं।उसमें दबे अरमानो में से ही,कुछ अरमान जीवन्त

kavita shahar by Ajay jha

May 31, 2021

शहर. मैं शहर हूँ बस्तियों की परिधि में बसा मजबूर मजलूम पलायित नि:सरित श्रम स्वेद निर्मित अभिलाषा लिए अतीत का

kavita meri kavitaon mein jitendra kabir

May 31, 2021

मेरी कविताओं में… मेरी कविताओं में है… तुमसे जो मिली थी पहली नजर और उसके बाद निहार पाया तुम्हें जितना

Gazal – kya karu by kaleem Raza

May 31, 2021

ग़ज़ल – क्या  करू मै  तुम कहो तो अश्क आंखो से गिराऊं क्या बैठकर मै पास हाले दिल सुनाऊं क्या

kavita Dhairya na khona tum. samunder singh

May 31, 2021

कविता – धैर्य न खोना तुम आँसू से मुँह न धोना तुम। जीवन में धैर्य न खोना तुम।हर दिन सपने

kavita samay mansa wacha up.

May 31, 2021

  कविता – समय बुरे समय में साथ छोड़ने का बहाना ढूंढने वाले और साथ निभाने का बहाना ढूंढने वाले

Leave a Comment