Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, lekh

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 78 वां सत्र

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 78 वां सत्र 26 सितंबर 2023 को समाप्त होगा – भारतीय उपलब्धियों का डंका बजा जी-4 …


संयुक्त राष्ट्र महासभा का 78 वां सत्र 26 सितंबर 2023 को समाप्त होगा – भारतीय उपलब्धियों का डंका बजा

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 78 वां सत्र

जी-4 देशों की संयुक्त राष्ट्र को चेतावनी – संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार पर प्रतिबद्धता जताई

भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनाने अनेक देशों ने हामीं भरी – पांच देशों के वीटो पावर पर पुनर्विचार करने की जरूरत समय की मांग – एडवोकेट किशन भावनानी गोंदिया

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर पूरे विश्व के ढांचे, अर्थव्यवस्था पावर जनसंख्यकीय तंत्र सहित हर क्षेत्र में अनेकों बदलाव आ गए हैं, इसलिए हम समय के साथ बदलते हुए वर्तमान स्थिति के परिपेक्ष में हर अंतरराष्ट्रीय संगठनों, संस्थाओं के परिवर्तन उसमें हिस्सेदारी बढ़ाने की जरूरत है। समय अनुसार परिपक्व, पावर और बौद्धिक क्षमता वाले देशों को उसके अनुरूप पद और पावर देने की जरूरत है ताकि विश्व का कल्याण, मानव कल्याण के प्रति सारे संसार में एक स्वस्थ्य मैसेज आए परंतु हम देख रहे हैं कि दशकों से खासकर संयुक्त राष्ट्र में परिवर्तन नहीं हो रहा है जिसके 193 से अधिक सदस्य देश हैं।जी हां!हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(यूएनएससी) की बात कर रहे हैं।वर्षों से हम देख रहे हैं कि भारत इसकी सदस्यता के लिए योग्य हो चुका है परंतु हर बार चीन वीटो पावर का इस्तेमाल कर भारत को रोक देता है, इसके समाधान में अब पूरे विश्व को एक साथ आने की जरूरत है। 19 -26 सितंबर 2023 तक शुरू संयुक्त राष्ट्र महासभा के सम्मेलन में भी यह बात जोरों से उठ रही है जिसमें भारत की तारीफ़ की जा रही है। बता दे दिनांक 22 सितंबर 2023 को अरुणाचल प्रदेश के तीन खिलाड़ियों को एंन टाइम पर वीजा देने पर रोक लगा दी है, जिसका भारत ने विरोध किया है और हमारे माननीय सूचना प्रसारण मंत्री ने चीन एशियाई खेलों में जाने का अपना दौरा स्थगित कर दिया है। बता दें भारतीय विदेश मंत्री 26 सितंबर 2023 को 78 वें सत्र में भारतीय प्रतिमाधि मंडल का नेतृत्व करेंगे और ग्लोबल साउथ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप ग्लोबल साउथ के लिए भारत संयुक्त राष्ट्र: विकास के लिए वितरण कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे। वहीं जी-4 देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा को एक चेतावनी दी है, जिसमें भारत जापान जर्मनी ब्राजील को यूएनएससी का सदस्य बनाया जाए। बता दें 45 वर्षों से संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में (1) महासभा (2) सुरक्षा परिषद (3) आर्थिक और सामाजिक परिषद (4) ट्रस्टीशिप परिषद (5) अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (6) सचिवालय है।इनमें भारत सहित जी-4 के देश यूएनएससी में सदस्य बनने के बिल्कुल योग्य हैं परंतु पांच देशों में से कोई भी वीटो लगाकर नए सदस्य बनने से रोक देता है। चूंकि इस बार 78 वें अधिवेशन में जी4 देशों ने चेतावनी दी है, इसीलिए मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकलके माध्यम से हम चर्चा करेंगे,भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनाने अनेक देशों ने हामी भरी है।पांच देशों के वीटो पावर पर पुनर्विचार करने की जरूर समय की मांग है।
साथियों बात अगर हम जी4 देशों द्वारा संयुक्त राष्ट्र को चेतावनी देने की करें तो, जी4 मंत्रियों के जारी संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा गया, मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय शासकीय ढांचों का भविष्य उनके अनुकूल और उद्देश्य के लिए यथोचित बने रहने की उनकी क्षमता पर निर्भर करता है। यूएनएससी में सुधार में जितना लंबा वक्त लगेगा, उतना ही इसका प्रभाव सवालों के घेरे में आएगा। जी4 देशों के मंत्रियों ने यूएनजीए के आगामी 78वें सत्र में इस मुद्दे पर ध्यान देने की प्रतिबद्धता जताई और निश्चित समय-सीमा में ठोस परिणाम हासिल करने के उद्देश्य से सभी सदस्य देशों के साथ संवाद बढ़ाने पर सहमति जताई।संयुक्त राष्ट्र के वजूद पर भारत हमेशा से ही लगातारनिशाना साधता रहा है। कई मौकों पर यूनाइटेड नेशन असहाय ही नजर आया है। पीएम ने यूएन में अपने संबोधनों में भी संयुक्त राष्ट्र में समय के साथ आमूलचूल परिवर्तन लाने की बात कही है। समय के साथ वही पुराना ढर्रा और वही 5 स्थाई देशों की सदस्यता के कारण यूएन अपने समय से आगे नहीं बढ़ पाया है। भारत ने कई मौकों पर दुनिया की सबसे बड़ी आबादी का देश होने के नाते स्थाई सदस्यता की बात पुरजोर तरीके से कही है। इस बार भारत ने यूएनएससी में सुधार नहीं होने पर कड़ा रुख अपनाया है। जी4 समूह के सदस्य देशों- ब्राजील,जर्मनी, जापान और भारत ने चेतावनी दी है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार में जितना लंबा वक्त लगेगा, उतने ही इसके प्रभावों को लेकर सवाल खड़े होंगे।इन देशों ने अंतर-सरकारी वार्ता (आईजीएन) के मामलों में सार्थक संवाद की कमी पर भी चिंता जताई। जी4 देश लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि उन्‍हें स्‍थायी सदस्‍य बनाया जाए, लेकिन अभी तक 5 स्‍थायी देशों ने इस द‍िशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया है। ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा, जर्मनी की संघीय विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक, जापान की विदेश मंत्री योको कामिकावा और भारत के विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र से इतर गुरुवार को मुलाकात की।यूक्रेन के राष्ट्रपति ने यूएन सुरक्षा परिषद का विस्तार किए जाने और इसके स्थाई सदस्यों को हासिल वीटो के अधिकार में सुधार किए जाने की पुकार लगाई है। उन्होंने सुरक्षा परिषद को, यूएन मुख्यालय में पहली बार बुधवार को व्यक्तिगत मौजूदगी के साथ सम्बोधित किया है।
साथियों बात अगर हम संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78 वें सत्र की करें तो, न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में यूएन महासभा के 78वें सत्र में उच्चस्तरीय बहस में हिस्सा लेने के लिए विश्व भर से नेतागण, व्यापारिक दिग्गज और विशेषज्ञ पहुँचे हैं। जलवायु न्याय की प्राप्ति के लिए जलवायु महत्वाकांक्षा शिखर सम्मेलन हो या टिकाऊ विकास पर उच्चस्तरीय राजनैतिक फ़ोरम में 17 लक्ष्यों के एजेंडा को साकार करने की कार्रवाई में तेज़ी लाने के इरादे से एक राजनैतिक घोषणा-पत्र पारित करना हो, विश्व के बेहतर भविष्य की लड़ाई को आगे बढ़ाने में ठोस क़दम उठाने की पुकार लगाई गई हैं। भावी महामारियों के रोकथाम प्रयास एक अहम पड़ाव पर, ऐतिहासिक घोषणा-पत्र’ पारित हुआ
डब्ल्यूएचओ ने विश्व नेताओं के उस ऐतिहासिक संकल्प का स्वागत किया है, जोकि कोविड-19 जैसी स्वास्थ्य चुनौतियों के विनाशकारी स्वास्थ्य व सामाजिक-आर्थिक नतीजों की रोकथाम करने और भावी महामारियों से आम लोगों की रक्षा करने पर लक्षित है। इस क्रम में, अन्तरराष्ट्रीय सहयोग और निवेश बढ़ाने पर बल दिया गया है।संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष ने उच्च स्तरीय 78वीं जनरल डिबेट का उदघाटन करते हुए कहा था कि दशकों के दौरान हासिल की गई प्रगति को उलट देने का जोखिम उत्पन्न करने वाले अनेक संकटों को देखते हुए, वैश्विक एकता और एकजुटता की सख़्त ज़रूरत है।अधिवेशन में भारत समेत कई देशों द्वारा ग्लोबल साउथ की चिंता, सतत विकास वृद्धि, जलवायु कार्रवाई, अंतर्राष्ट्रीय निगम और वैश्विक स्वास्थ्य जैसे व्यापक मुद्दों पर चर्चा हो रही है।संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में आज की दुनिया के अनुरूप और समानता के आधार पर सुधार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह 15 सदस्यीय निकाय 1945 की राजनीतिक और आर्थिकवास्तविकताओं को दिखाता है और इसे हल करने के बजाय समस्या का हिस्सा बनने का जोखिम है। विश्व नेताओं से कहा, हमारी दुनिया निर्जन होती जा रही है। भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है। वैश्विक चुनौतियां बढ़ रही हैं। हम जवाब देने के लिए एक साथ आने में असमर्थ प्रतीत होते हैं।उन्होंने कहा कि दुनिया जलवायु संकट से लेकर विघटनकारी प्रौद्योगिकियों तक अस्तित्व संबंधी कई खतरों का सामना कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक बहुध्रुवीय दुनिया को मजबूत और प्रभावी बहुध्रुवीय दुनिया को मजबूत और प्रभावी बहुपक्षीय संस्थानों की आवश्यकता होती है। फिर भी वैश्विक शासन पर समय में अटका हुआ है।उन्होंने जोर देकर कहा कि 21वीं सदी की आर्थिक और राजनीतिक वास्तविकताओं पर आधारित बहुपक्षीय संस्थानों को नवीनीकृत करने का यह सही समय है जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों में निहित समानता, एकजुटता और सार्वभौमिकता में निहित हैं। उन्होंने कहा इसका मतलब है कि आज की दुनिया के अनुरूप सुरक्षा परिषद में सुधार करना। इसका मतलब अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचे को फिर से डिजाइन करना है ताकि यह वास्तव में सार्वभौमिक बन सके और संकट में फंसे विकासशील देशों के लिए वैश्विक सुरक्षा कवच के रूप में काम करे। मुझे कोई भ्रम नहीं है। सुधार सत्ता का सवाल है। मैं जानता हूं कि कई प्रतिस्पर्धी हित और एजेंडे हैं। लेकिन सुधार का विकल्प यथास्थिति नहीं है। सुधार का विकल्प आगे विखंडन है। यह सुधार है या टूटना। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने ऐसे समय में सुधार के महत्व को रेखांकित किया जब वैश्विक विभाजन गहरा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी, हम आर्थिक और वित्तीय प्रणालियों और व्यापारिक रिश्तों में बड़ी टूट के करीब पहुंच रहे हैं। इस विघटन से एकल और खुले इंटरनेट को खतरा है। प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर अलग-अलग रणनीतियां हैं और सुरक्षा ढांचे को लेकर भी टकराव हो रहा है।
साथियों बात अगर हम संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78 वें सत्र में भारत के डंके की करें तो, संयुक्त राष्ट्र के 78वें सत्र में भारत ने सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार और विस्तार पर जोर दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि ने कहा-भारत, दुनिया का सर्वाधिक आबादी वाला देश है और सुरक्षा परिषद में सुधार के वर्षों से जारी प्रयासों में सबसे आगे रहा है। भारत पुरजोर ढंग से कहता है कि वह संयुक्त राष्ट्र के उच्च पटल पर स्थायी सदस्य के रूप में एक सीट का सही हकदार है।नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के कुछ दिनों बाद, संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भारत की जी-20 अध्यक्षता की प्रशंसा की।उन्होंने रेखांकितकिया कि भारत ने ग्लोबल साउथ की आवाज उठाने की पूरी कोशिश की।संयुक्त राष्ट्र में भारत का जोर आतंक निरोध व वैश्विक सहयोग परयूएनजीए के वार्षिक उच्च-स्तरीय 78वें सत्र के दौरान वैश्विक दक्षिण के अहम मुद्दों के साथ-साथ भारत आतंकवाद-निरोध, सुरक्षा परिषद सुधार और शांति स्थापना पर जी-20 अध्यक्ष के रूप में सर्वोच्च प्राथमिकताओं पर जोर देगा। भारत ने कहा, इस सत्र में हमारी भागीदारी वैश्विक सहयोग, शांति और सतत विकास के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि ने कहा, हम उस सिद्धांत से प्रेरित होकर पीएम द्वारा व्यक्त भावनाओं के अनुरूप सहयोगात्मक प्रयासों के लिए तत्पर हैं जिससे पूरे विश्व को लाभ होगा। हम दुनिया को एक एकीकृत वैश्विक परिवार के रूप में देखते हैं। भारत का ध्यान कई महत्वपूर्ण मोर्चों पर स्थिर बना हुआ है। सत्र के लिए भारत की प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए, उन्होंने 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित जी-20 अध्यक्षता का जिक्र किया, जो सर्वसम्मत साझा घोषणा पत्र लाने में सफल हुआ।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि संयुक्त राष्ट्र महासभा का 78 वां सत्र 26 सितंबर 2023 को समाप्त होगा – भारतीय उपलब्धियों का डंका बजा।जी-4 देशों की संयुक्त राष्ट्र को चेतावनी – संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार पर प्रतिबद्धता जताई।भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनाने अनेक देशों ने हामी भरी – पांच देशों के वीटो पावर पर पुनर्विचार करने की जरूरत समय की मांग

Search tag : 78th session of the United Nations General Assembly, 78th-session-of-UN-General-Assembly

About author

kishan bhavnani

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट 

किशन सनमुख़दास भावनानी 

Related Posts

Kitne ravan jalayenge hum by Jay shree birmi

October 23, 2021

कितने रावण जलाएंगे हम? कईं लोग रावण को महान बनाने की कोशिश करतें हैं,यह कह कर माता सीता के हरण

Rista me chhal by Jayshree birmi

October 22, 2021

 रिश्ता में छल कुछ दिन पहले गांधीनगर गुजरात  के मंदिर की गौ शाला में किसी का १० माह के बालक

Sharad purinima by Jay shree birmi

October 22, 2021

 शरद पूर्णिमा अपने देश में ६ ऋतुएं हैं और हर ऋतु का अपना महत्व हैं।जिसमे बसंत का महत्व ज्यादा ही

Gujrat me 9 ratein by Jay shree birmi

October 22, 2021

 गुजरात में नौ रातें  हमारा देश ताहेवारों का देश हैं ,तहवार चाहे हो ,सामाजिक हो या धार्मिक हो हम देशवासी

Khud ko hi sarvshreshth na samjhe by Sudhir Srivastava

October 22, 2021

 खुद को ही सर्वश्रेष्ठ न समझें                         ✍ सुधीर

Kitne ravan jalayenge hum ? By Jayshree birmi

October 15, 2021

 कितने रावण जलाएंगे हम? कईं लोग रावण को महान बनाने की कोशिश करतें हैं,यह कह कर माता सीता के हरण

Leave a Comment