Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, poem

शहीदों की कुर्बानी | shaheedon par kavita

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में  दिनांक 13 सितंबर 2023 को आतंकियों ने भारतीय सेना के उच्च अधिकारी जवानों पर हमला कर …


जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में  दिनांक 13 सितंबर 2023 को आतंकियों ने भारतीय सेना के उच्च अधिकारी जवानों पर हमला कर जवानों को शहीद कर दिया इसपर मेरे कविता के रूप में

भावनानी के भाव

शहीदों की कुर्बानी

शहीदों की कुर्बानी | shaheedon par kavita

देश की रक्षा करते तुम,
गहरी नींद में सो गए
पूरा भारत परिवार तुमको याद किया,
तुम शहीद हो गए

शहीदों की कुर्बानी से
आंखें सभकी भर आई
वो कल भी थे आज भी हैं
अस्तित्व में चमक छाई

नमन: उनकी शहादत को,
शरीर देख आंखें भर आई
ज़जबा मां का जब बोली,
भारत की रक्षा में सौ बेटे लुटाई

भारत मां के लाल तूने,
फ़र्ज़ अपना अदा किया
जान हथेली पर लेकर,
एक झटके से दुश्मन को ढेर किया

देश की रक्षा में तुम्हारा बलिदान,
देश कभी ना भूल पाएगा
हर देशवासी याद रखेगा तुमको,
वंदे मातरम गाएगा

अब हर परिवार से एक बच्चा,
सेना में जाएगा
देश की रक्षा में,
जी जान से लड़ जाएगा

देश सुरक्षित है तुम्हारी,
खातिर अब सभको समझ आएगा
साथियों में उर्जा भर गए,
दुश्मन अब भारत से थार्रराएगा

तुम जैसे बहादुरों का नाम सुन,
दुश्मन सीमा से भाग जाएगा
हर सीमा पर हमेशा,
भारत का झंडा लहराएगा-3

About author

kishan bhavnani

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट 

किशन सनमुख़दास भावनानी 

Related Posts

bihadon ki bandook by priya gaud

June 27, 2021

 “बीहड़ों की बंदूक” बीहड़ों में जब उठती हैं बंदूकें दागी जाती हैं गोलियां उन बंदूकों की चिंगारी के बल पर

Rajdaar dariya by priya gaud

June 27, 2021

 राज़दार दरिया दरिया  सबकी मुलाकातों की गवाह रहती है कुछ पूरी तो कुछ अधूरी किस्सों की राजदार रहती है आँखे

sawam ki rachyita by priya gaud

June 27, 2021

 “स्वयं की रचयिता” तुम्हारी घुटती हुई आत्मा का शोर कही कैद न हो जाये उलाहनों के शोर में इसलिए चीखों

kavita Prithvi by priya gaud

June 27, 2021

 “पृथ्वी “ पृथ्वी के उदर पर जो पड़ी हैं दरारें ये प्रमाण है कि वो जन्म चुकी है शिशु इतंजार

kavitaon ke aor by priya gaud

June 27, 2021

 “कविताओं के ओर” खोजें नही जाते कविताओं और कहानियों के ओर ये पड़ी रहती है मन के उस मोड़ पर 

Kabir par kavita by cp gautam

June 27, 2021

कबीरदास पर कविता  होश जब से सम्भाला , सम्भलते गयेआग की दरिया से निकलते गयेफेंकने वाले ने फेंक दिया किचड़

Leave a Comment