Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Bhawna_thaker, lekh

विश्व हाइपर टेंशन दिवस को क्यूँ न जश्न दिन के तौर पर मनाएं

“विश्व हाइपर टेंशन दिवस को क्यूँ न जश्न दिन के तौर पर मनाएं” “क्यूँ इतना सोचता है हर बात पर …


“विश्व हाइपर टेंशन दिवस को क्यूँ न जश्न दिन के तौर पर मनाएं”

भावना ठाकर 'भावु' बेंगलोर

“क्यूँ इतना सोचता है हर बात पर तू मनवा, न अगले पल की खबर न पिछले से अब कोई नाता ज़िंदगी जीने का नाम है वर्तमान को अच्छा से सजा”
17 मई विश्व हाइपर टेंशन दिवस के तौर पर मनाया जाता है, आज के दौर में इस समस्या से करोड़ों लोग जूझ रहे हैं माना कि हर कोई, कोई न कोई समस्या और मुसीबत का शिकार होता है, पर क्या डरने से या टेंशन लेने से सब ठीक हो जाएगा? उल्टा दिमाग पर असर करेगा और रक्तचाप बढ़ जाएगा और हाइपर टेंशन शरीर की पूरी सिस्टम पर असर करते तबियत खराब करता है। इसलिए आज हर दूसरे इंसान को रक्तचाप की शिकायत रहती है।
आजकल छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुज़ुर्ग तक हर कोई अवसाद ग्रस्त ही दिखता है। खासकर युवा पीढ़ी इस प्रतियोगिता के युग में अपने आपको स्थापित करने के टेंशन में डिप्रेशन का शिकार हो जाते है। ज़िंदगी इम्तेहानों की खान है एक पास करोगे दूसरा सामने रख देती है, पर टेंशन लेने से कोई गलत परिस्थिति सही नहीं हो जाती। अपना बेस्ट दो बाकी किस्मत और उपरवाले पर छोड़ दो।
मन शांत और स्थिर होगा तो ही तन सुखरुप होगा ये याद रखिए। मन में उठते विचारों के बवंडर को दिल की दहलीज़ तक आने ही मत दीजिए दिल को कहिए सब ठीक है। जब-जब, जो जो होना है, तब-तब सो सो होता ही है तो टेंशन लेने की बजाय हालातों को बदलने में अपनी सारी एनर्जी लगाएंगे तो खराब परिस्थिति को ठीक करने में जल्दी कामयाब होंगे। वर्ल्ड हाइपर टेंशन डे कमज़ोर मन वालों के लिए ही शायद मनाया जाता होगा, ये समझाने के लिए की हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर स्थिति है जो हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेल और अंधेपन के जोखिम को बढ़ाती है। यह दुनिया भर में समय से पूर्व होने वाली मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। WHO के मुताबिक दुनियाभर में करोड़ों लोग हाइपरटेंशन का शिकार है। भूतकाल बीत चुका है, वर्तमान जो हमारे हाथ में नहीं, भविष्य जो हम जानते नहीं उसकी कल्पना में खुद को अवसाद में क्यूँ धकेल देते है।
ज़िंदगी इम्तिहान लेने से बाज़ नहीं आएगी, हमें ही हर परिस्थिति में खुद को संभालने की आदत ड़ालनी होगी। वरना हर छोटी बड़ी समस्या का टेंशन डिप्रेशन का शिकार बना देती है।
हमारे हाथ में कुछ भी नहीं ईश्वर इच्छा बलवान है, तो जहाँ हम लाचार है वहाँ ज़्यादा नकारात्मता को पाल कर दिमाग को उलझाने की बजाय सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
घर में हंसी खुशी का माहौल बनाए रखना चाहिए। टीवी पर कोमेड़ी शो और हल्की फुल्की फिल्में देखिए, बहुत सारी वेब सिरीज बन रही है उसे देखते रहिए। ईश्वर से प्रार्थना कीजिए अपना भी भला चाहो और विश्व शांति कि कामना करो। चिंता, अवसाद और अकेलेपन की असर पूरे शरीर की सिस्टम खराब कर देगी। इतनी जद्दोजहद करके दिमाग को डिप्रेशन की ओर क्यूँ धकेलना।
मन को शांत रखो, थोड़ा व्यायाम और मेडिटेशन आपको सच में स्फूर्ति से भर देगा। सिर्फ़ पंद्रह मिनट ॐ का उच्चारण पूरे शरीर में उर्जा का संचार भर देगा। लड़ायक मिजाज़ रखो, हर परिस्थिति में हारना नहीं चुनौतियों को हराना है ये बात मन में दोहराते रहो। परिवर्तन संसार का नियम है, बुरा समय भी खुशियों में परिवर्तित होगा। तो टेंशन को बाय कहो खुशियों को हाय कहो, ज़िंदगी जश्न है हंसते मुस्कुराते खुलकर जिओ।

भावना ठाकर ‘भावु’ बेंगलोर


Related Posts

Lekh- aao ghar ghar oxygen lagayen by gaytri bajpayi

June 6, 2021

आओ घर – घर ऑक्सीजन लगाएँ .. आज चारों ओर अफरा-तफरी है , ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत का

Awaz uthana kitna jaruri hai?

Awaz uthana kitna jaruri hai?

December 20, 2020

Awaz uthana kitna jaruri hai?(आवाज़ उठाना कितना जरूरी है ?) आवाज़ उठाना कितना जरूरी है ये बस वही समझ सकता

azadi aur hm-lekh

November 30, 2020

azadi aur hm-lekh आज मौजूदा देश की हालात देखते हुए यह लिखना पड़ रहा है की ग्राम प्रधान से लेकर

Previous

Leave a Comment