Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Bhawna_thaker, lekh

विनाश की ओर नहीं विकास की तरफ़ कदम बढ़ाईये

“विनाश की ओर नहीं विकास की तरफ़ कदम बढ़ाईये” भावना ठाकर ‘भावु’ बेंगलोर धर्म क्या है? कोई नहीं जानता और …


“विनाश की ओर नहीं विकास की तरफ़ कदम बढ़ाईये”

भावना ठाकर 'भावु' बेंगलोर
भावना ठाकर ‘भावु’ बेंगलोर

धर्म क्या है? कोई नहीं जानता और धर्म के लिए लाठियां चलाने निकल पड़ते है। अपनापन, भाईचारा, सद्भाव, अमन और देश की रक्षा ये सारे धर्म के नाम है, क्या इसकी रक्षा कर पाएं? नफ़रत नाम के ज़हर की पुड़ियां दिमाग में भरी है और निकले है धर्म की रक्षा करने।

आख़िर क्यूँ और कौन देश की शांति भंग कर रहा है? ज़ाहिर सी बात है पढ़े लिखें समझदार लोग ऐसे काम नहीं करते। इसका मतलब गंवारों और अनपढ़ों का काम है, जो किसीके बहकावे में आकर अपना और देश का नुकसान करने निकल पड़ते है। धर्म के नाम पर अगर किसीने किसीके लिए कुछ बोल दिया तो पार्टी, पुलिस और सरकार है, एक्शन लेना उनका काम है। हर छोटी-बड़ी बातों पर दंगे, पत्थरबाज़ी, आगजनी फैलाकर देश का और खुद का नुकसान करने वाले ये लोग सुधरते क्यूँ नहीं? हिंसक बनकर विरोध प्रदर्शन, पथराव और दंगा करते रहते है। और उनका वही हाल होता है जो होना चाहिए। आ बैल मुझे मार वाली गत खुद करते है, जानते है की उनकी ऐसी हरकतों पर बुलडोज़र चलेगा, फिर भी घर परिवार के बारे में सोचे बगैर मौलवीओं के भड़काऊँ भाषणों से प्रभावित होते निकल पड़ते है। 

मुझे आश्चर्य है कि यह दंगाई और उनका परिवार शिक्षा, नौकरी, समझदारी और सम्मान से जीने के बारे में क्यूँ नहीं सोचते है? जैसे हम में से अधिकांश करते हैं। पढ़ लिखकर अपने परिवार को उपर उठाने की बजाय ऐसी गतिविधियों में उलझकर रह जाते है फिर खुद तो बर्बाद होते है परिवार वालों को भी मुसीबत में ड़ालते है।

खासकर धर्म गुरुओं को सोचना चाहिए कि वह अपनी कोम के लड़कों को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं, क्यूँ युवा पीढ़ी के दिमाग में धर्मांधता के बीज बो कर वैमनस्य फैला रहे है और देश में अशांति का माहौल खड़ा कर रहे है। क्यूँ बच्चों को सही राह नहीं दिखाते? क्यूँ एज्युकेशन और करियर लक्षी भाषणों से लड़कों को सही मार्गदर्शन देकर एक लक्ष्य की ओर नहीं ले जा रहे। अगर उपर उठना है तो प्रबुद्ध बनकर खुद को स्थापित करो, ना कि गंवारों जैसी हरकतों से खुद को और परिवार को तबाह करो।

अब तय है की आतंकी हरकतें करने पर घर पर बुलडोज़र तो चलेगा ही चलेगा। गलत काम करता एक है पर भुगतना पूरे परिवार को पड़ता है क्या मिलता है इसमें? कुछ सोचो समझो अपनी बुद्धि अपना तर्क लगाओ कि क्या करने जा रहे हो। जाति सिर्फ दो ही होती है, स्त्री और पुरूष, धर्म सिर्फ एक है इंसानियत, बाकी सब पाखंड और धंधा है। मानवता सर्वोपरि है उसी राह पर चलकर खुद का विकास कर पाओगे अपनी कोम को आगे ले जा पाओगे। अपने देश में मूर्खों की कमी नहीं है, इन्हें अपने ही देश में आग लगाकर क्या मिल रहा है। जो शब्द जबान से निकल चुका है उसको पकड़ कर बैठे है बोलने वाले ने माफ़ी मांग ली पर आप अपना नुकसान कर रहे हैं, देश का नुकसान कर रहे हैं। दुनिया सिर्फ़ मजे ले रही है जिन देशों की औकात नहीं वह भारत को आंखें दिखा रहे है।

अगर सच में आप देश को अपना समझते है तो ये जो कर रहे हो वो होता ही नहीं। लोग वतन की मिट्टी के लिए जान कुर्बान करते है, आप मिट्टी को जला रहे हो। लौट आओ अभी भी वक्त है विनाश की तरफ़ जाने वालों अपनी ज़िंदगी, अपने परिवार और अपने देश के बारे में सोचो और विकास की तरफ़ कदम बढ़ाओ। इस ज़मीं इस फ़लक को शांति, अमन और भाईचारे की भावना से सजाओ। 

भावना ठाकर ‘भावु’ बेंगलोर


Related Posts

Aakhir bahan bhi ma hoti hai by Ashvini kumar

July 11, 2021

आखिर बहन भी माँ होती है ।  बात तब की है जब पिता जी का अंटिफिसर का आपरेशन हुआ था।बी.एच.यू.के

Lekh ek pal by shudhir Shrivastava

July 11, 2021

 लेख *एक पल*         समय का महत्व हर किसी के लिए अलग अलग हो सकता है।इसी समय का सबसे

zindagi aur samay duniya ke sarvshresth shikshak

July 11, 2021

 जिंदगी और समय ,दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक जिंदगी, समय का सदा सदुपयोग और समय, जिंदगी की कीमत सिखाता है  जिंदगी

kavi hona saubhagya by sudhir srivastav

July 3, 2021

कवि होना सौभाग्य कवि होना सौभाग्य की बात है क्योंकि ये ईश्वरीय कृपा और माँ शारदा की अनुकम्पा के फलस्वरूप

patra-mere jeevan sath by sudhir srivastav

July 3, 2021

पत्र ●●● मेरे जीवन साथी हृदय की गहराईयों में तुम्हारे अहसास की खुशबू समेटे आखिरकार अपनी बात कहने का प्रयास

fitkari ek gun anek by gaytri shukla

July 3, 2021

शीर्षक – फिटकरी एक गुण अनेक फिटकरी नमक के डल्ले के समान दिखने वाला रंगहीन, गंधहीन पदार्थ है । प्रायः

Leave a Comment